वाशिंगटन। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव का वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर पर अब आरोप लगा है कि उसने इस टीके के होने वाले दुष्प्रभावों (साइड इफेक्ट्स) के बारे में लोगों को पूरी जानकारी नहीं दी। इस आरोप का आधार अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से हासिल किए गए दस्तावेज हैं। उन दस्तावेजों से जाहिर हुआ है कि जब वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हुआ, तो उसके आरंभिक महीनों में फाइजर कंपनी ने इसके एक लाख 60 हजार से भी ज्यादा साइड इफेक्ट्स को दर्ज किया था।
सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मिले कागजात
एफडीए से ये दस्तावेज पब्लिक हेल्थ एंड मेडिकल प्रोफेशनल्स फॉर ट्रांसपैरेंसी नाम के एक समूह ने हासिल किए हैं। इस समूह में डॉक्टरों और प्रोफेसरों के अलावा कई पत्रकार भी शामिल हैं। इस समूह ने ये दस्तावेज हासिल करने के लिए अमेरिका के सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम (फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन एक्ट) के तहत अर्जी दी थी। एफडीए ने उनकी अर्जी को स्वीकार करते हुए उन्हें ये दस्तावेज सौंपे हैं।
पब्लिक हेल्थ एंड मेडिकल प्रोफेशनल्स फॉर ट्रांसपैरेंसी ने अभी इन दस्तावेजों की पहली खेप का ही अध्ययन पूरा किया है। उनके मुताबिक टीकाकरण की शुरुआत के बाद आरंभिक महीनों में फाइजर कंपनी ने 42 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए, जिनमें एक लाख साठ हजार से अधिक किस्म के साइड इफेक्ट उभरे थे। फाइजर के वैक्सीन का आपातकालीन इस्तेमाल फरवरी 2021 में शुरू हुआ था। टीका लगने के बाद लोगों में जिस तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं, उन्हें रिकॉर्ड करने का काम तभी शुरू हुआ था।
टीका लगवाने के बाद महिलाओं को हुआ गर्भपात
इन दस्तावेजों से सामने आई जानकारी के मुताबिक फाइजर का टीका लगवाने वाले लोगों में नर्वस सिस्टम से संबंधित 25 हजार से ज्यादा दुष्प्रभाव देखने को मिले। 14 हजार से ज्यादा आंत संबंधी साइड इफेक्ट देखने को मिले। 270 तो ऐसे मामले में सामने आए, जिनमें टीका लगवाने के बाद महिलाओं का गर्भपात हो गया। इसके अलावा हार्पिस, मिर्गी का दौरा पड़ने, दिल का दौरा पड़ने, पक्षाघात आदि जैसी समस्याएं भी पैदा हुईं।
इन सभी प्रकार के साइड इफेक्ट्स को अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के वैक्सीन दुष्प्रभाव रिपोर्टिंग सेंटर में भी दर्ज किया गया है। उस रिकॉर्ड के मुताबिक इस रविवार तक टीका लगवाने के बाद उभरे साइड इफेक्ट्स के कारण तकरीबन 3,300 लोगों की मौत हो चुकी थी। जानकारों के मुताबिक सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने जो आंकड़े दर्ज किए हैं, वे फाइजर कंपनी के अपने दस्तावेजों से भी मिलते-जुलते हैं।
वैसे विशेषज्ञों का कहना है कि इन मौतों के लिए वैक्सीन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। कई बार यह संयोग भर होता है कि कोई दवा या टीका लेने के बाद कोई गंभीर समस्या हो जाती है। जबकि आलोचकों का कहना है कि टीका के साइड इफेक्ट्स के कुल कितने लोग प्रभावित हुए, उसकी असली संख्या अभी तक नहीं बताई गई है।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि एफडीए ने फाइजर कंपनी के दस्तावेजों पर भरोसा करते हुए ही उसकी वैक्सीन को सुरक्षित घोषित किया था। इस बीच अब पांच साल से ऊपर के बच्चों को भी ये वैक्सीन लगाने की इजाजत दे दी गई है।
एस. के. राणा March 07 2025 0 50283
एस. के. राणा March 06 2025 0 50172
एस. के. राणा March 08 2025 0 48285
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 41403
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 33744
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 32856
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 31968
सौंदर्या राय May 06 2023 0 84681
सौंदर्या राय March 09 2023 0 89075
सौंदर्या राय March 03 2023 0 89316
admin January 04 2023 0 89922
सौंदर्या राय December 27 2022 0 79194
सौंदर्या राय December 08 2022 0 68653
आयशा खातून December 05 2022 0 122544
लेख विभाग November 15 2022 0 92464
श्वेता सिंह November 10 2022 0 112500
श्वेता सिंह November 07 2022 0 90788
लेख विभाग October 23 2022 0 75902
लेख विभाग October 24 2022 0 78119
लेख विभाग October 22 2022 0 85062
श्वेता सिंह October 15 2022 0 91005
श्वेता सिंह October 16 2022 0 85457
आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि प्रेग्नेंसी प्लान करते समय आपको दूसरी किसी बीमारी का इलाज न करव
दुनिया भर के अस्पतालों में मरीज भर्ती हो रहें हैं और मौतें भी हो रही है। ये वायरस खुलेआम घूम रहा है
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने लुधियाना की जनता को आज 80 नए आम आदमी क्
दस्तक अभियान में फिजिकल डिस्टेंसिंग, हाथों की धुलाई और मास्क की अनिवार्यता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
गौतमबुद्धनगर में 120, गाजियाबाद में 49 और लखनऊ में 12 नए कोरोना पाजिटिव मरीजों की पुष्टि होने पर सीए
इंदौर में एक और बड़े अस्पताल की शुरुआत हुई है। बांबे अस्पताल, अपोलो, मेंदाता जैसे बड़े अस्पतालों के
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में उपचार कराने वाली महिलाओं क
यूपी में त्योहारों के सीजन के बीच डेंगू के बढ़ते मामलों ने यूपी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। वहीं लखन
जहाँ एक ओर योगी सरकार ड्रग माफिया के खिलाफ जोरदार अभियान चला रही है वहीँ दूसरी ओर मेरठ में नकली दवा
गर्मियों में होंठ रूखे हो जाते हैं।इस मौसम में होंठों को बहुत केअर की बहुत जरूरत होती है। । आइए जानत
COMMENTS