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जानिए मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के कारण और लक्षण।

शुगर के लक्षण की जानकारी दे रहे हैं : प्यास लगना, बार-बार पेशाब लगना, भूख बढ़ना, थकान, धुंधला दिखाई देना, पैरों या हाथों में सुन्नता या झुनझुनी, घाव जल्दी न भरना, वजन घटना।

लेख विभाग
February 19 2021
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जानिए मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के कारण और लक्षण। प्रतीकात्मक फोटो

डायबिटीज क्या है?

रक्त में शुगर की अधिक मात्रा को ही डायबिटीज कहा जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब इंसुलिन का काम बाधित हो जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो पैंक्रियाज द्वारा बनाया जाता है। इंसुलिन, ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने में मदद करता है। वहीं, जब इसकी कार्यप्रणाली बाधित हो जाती है, तब ग्लूकोज, उर्जा में परिवर्तित होने के बजाय रक्त में ठहर जाता है और जब ग्लूकोज का स्तर रक्त में बढ़ने लगता है, तब मधुमेह की समस्या उत्पन्न होती है

(1) वहीं, समय रहते अगर शुगर कम करने के उपाय न किए गए, तो डायबिटीज के कारण हृदय, किडनी, आंख, नर्व और त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं

(2) इस लेख में आगे हम शुगर के लक्षण और इलाज के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के प्रकार –

मुख्य तौर पर मधुमेह तीन प्रकार के होते हैं। जिनके बारे में नीचे जानकारी दी गई है :

  • टाइप- 1 : टाइप 1 डायबिटीज में इम्यून सिस्टम इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इस वजह से इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता है। इस स्थिति में मरीज को इंसुलिन के इंजेक्शन दिये जाते हैं।
  • टाइप- 2 : इसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या फिर शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है। यह मधुमेह का सबसे आम प्रकार है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है।
  • गर्भावधि मधुमेह– यह मधुमेह का वो प्रकार है, जो गर्भावस्था के दौरान होता है। कई बार प्रगेनेंसी में टाइप 2 डायबिटीज के मामले ज्यादा दिखाई देते हैं।

नोट : इनके अलावा भी मधुमेह के और भी प्रकार हैं, जैसे मोनोजेनिक मधुमेह (monogenic diabetes – जीन में दोष के कारण होने वाला डायबिटीज) और सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis diabetes – यह डायबिटीज उन्हें होता है जिन्हें सिस्टिक फाइब्रोसिस होता है) से संबंधित मधुमेह।

मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के लक्षण –

नीचे हम शुगर के लक्षण की जानकारी दे रहे हैं :

प्यास लगना, बार-बार पेशाब लगना, भूख बढ़ना, थकान, धुंधला दिखाई देना, पैरों या हाथों में सुन्नता या झुनझुनी, घाव जल्दी न भरना, वजन घटना

मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के कारण –

हम मधुमेह के कारण के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है :

टाइप 1 डायबिटीज के कारण :

नीचे बताई गई स्थितियों में टाइप 1 डायबिटीज हो सकता है :

  1. जब इम्यून सिस्टम इंसुलिन का निर्माण करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है।
  2. संक्रमण के कारण।
  3. यह अनुवांशिक भी हो सकता है। 

टाइप 2 डायबिटीज के कारण :

यह डायबिटीज का सबसे सामान्य प्रकार होता है, जो नीचे बताए गए कारणों से हो सकता है :

  1. मोटापे की वजह से
  2. शारीरिक क्रियाओं में कमी।
  3. इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) यानी जब इंसुलिन का काम बाधित हो जाता है।
  4. टाइप 1 की तरह यह भी अनुवांशिक हो सकता है।

गर्भावधि शुगर के कारण (gestational diabetes)

यह गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज है, इसके कारण कुछ इस प्रकार हैं

  1. अगर गर्भावस्था के दौरान उम्र 25 साल से ज्यादा है।
  2. अगर महिला के परिवार में किसी को मधुमेह रहा हो।
  3. अगर किसी महिला को हाई बीपी की समस्या रही हो।
  4. बहुत अधिक एमनियोटिक द्रव हो।
  5. गर्भावस्था के पहले वजन ज्यादा रहा हो।
  6. पहले कभी गर्भपात हुआ हो।
  7. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम हो (Polycystic Ovary Syndrome)
  8. अगर 4 किलो से अधिक वजन वाले बच्चे को जन्म दिया हो।
  9. अगर गर्भावस्था के दौरान गर्भवती का वजन अधिक रहा हो।

मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के जोखिम कारक-

शुगर के कारण के साथ-साथ इसके जोखिम कारकों पर भी ध्यान देना जरूरी है। तो नीचे जानिए मधुमेह के जोखिम कारक क्या-क्या हो सकते हैं :

टाइप 1 डायबिटीज के जोखिम कारक 

टाइप 1 डायबिटीज के जोखिम कारक कुछ इस प्रकार है :

  1. परिवार में किसी को मधुमेह रहा हो।
  2. उम्र भी एक कारण हो सकता है। हालांकि, यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा जोखिम बच्चे, किशोर और युवा वयस्कों में रहता है।

टाइप 2 मधुमेह के जोखिम कारक

टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम कारक कुछ इस प्रकार हैं :

  1. अगर किसी को प्री-डायबिटीज (prediabetes) हो, यानी खून में शुगर का स्तर पहले से ही अधिक हो, लेकिन उतना नहीं, जिससे इसे मधुमेह कहा सके।
  2. अधिक वजन।
  3. 40 या 45 साल से अधिक उम्र।
  4. परिवार में अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज हो।
  5. जो फिट न हो।
  6. गर्भावस्था के दौरान अगर किसी महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज हुआ हो।

गर्भावधि मधुमेह (gestational diabetes) के जोखिम कारक

देखा जाए तो ये जोखिम कारक गर्भावधि मधुमेह के कारणों से मिलते-जुलते ही हैं। गर्भावधि मधुमेह के जोखिम कारक कुछ इस प्रकार हैं :

  1. अगर पहली गर्भावस्था के दौरान गर्भावधि मधुमेह हुआ हो।
  2. अगर महिला का वजन अधिक हो।
  3. जन्म के वक्त शिशु का वजन 4 किलो से अधिक हो।
  4. परिवार में अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज हो।
  5. गर्भावस्था के दौरान महिला की उम्र 25 वर्ष से अधिक हो।
  6. महिला को पीसीओएस (PCOS) हो।

क्रमशः 
अगले लेख में पढ़िए इलाज और घरेलू उपचार

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