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वर्तमान मौसम और कोरोना के प्रति लापरवाही बन सकती है बड़ी मुसीबत। 

जब हम खांसते, छींकते, बातें करते हैं या गाना गाते हैं तो हमारे मुंह से पानी की बहुत छोटी बूंदें (एरोसोल) निकलती हैं और कम सापेक्ष आर्द्रता में इन बूंदों को माध्यम से कोरोना ज्यादा दूरी तय कर सकता है।

हे.जा.स.
July 12 2021
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वर्तमान मौसम और कोरोना के प्रति लापरवाही बन सकती है बड़ी मुसीबत।  प्रतीकात्मक

नई दिल्ली। पूरा भारत इस समय तेज धूप, गर्मी और आर्द्रता से जूझ रहा है। ऐसे मौसम में डॉक्टरों ने लोगों को कोरोना वायरस के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा है। 

डॉक्टरों का कहना है कि मौसम की वर्तमान परिस्थिति और कोरोना के प्रति लापरवाही कोरोना के लक्षणों में वृद्धि का कारण बन सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य एयर कंडीशनिंग और खराब वेंटिलेशन वाले स्थान करोना के तेजी से फैलने का कारण न बन जाएं इसलिए लोगों को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

वहीं, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि मौजूदा मौसम ने हीट स्ट्रोक / थकावट, टाइफाइड, पीलिया और मलेरिया जैसी समस्याओं और बीमारियों को जन्म दिया है।

वहीं, मूलचंद अस्पताल में सलाहकार, पल्मोनोलॉजी भगवान मंत्री ने कहा कि कम सापेक्ष आर्द्रता पानी की बूंदों और एरोसोल के हवा में फैलाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि जब हम खांसते, छींकते, बातें करते हैं या गाना गाते हैं तो हमारे मुंह से पानी की बहुत छोटी बूंदें (एरोसोल) निकलती हैं और कम सापेक्ष आर्द्रता में इन बूंदों को माध्यम से कोरोना ज्यादा दूरी तय कर सकता है। वायरस युक्त एरोसोल, विशेष रूप से, ट्रांसमिशन की संभावना को बढ़ाने के लिए फेफड़ों में अधिक गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं।

हालांकि उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कोरोना वायरस के दिशा-निर्देशों का पालन कर किसी भी मौसम में कोरोना से बचा जा सकता है। डॉक्टरों ने कहा कि टीका लगवाने, मास्क पहनने, हाथों को साफ रखने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने कोरोना से बचा जा सकता है, चाहे मौसम की परिस्थितियां कैसी भी हों।

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