लखनऊ। सरकारी अस्पताल में डॉक्टर को बाहर की दवाई और जांच लिखना भारी पड़ सकता है। शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद सरकारी अस्पतालों (government hospitals) की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही। आने वाले मरीजों को बाहर से दवा लिखी जा रही है। डॉक्टरों की मनमानी से मरीजों को परेशानी हो रही है।
डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री (health minister) ब्रजेश पाठक ने चिचौली स्थिति 100 शैया युक्त जिला अस्पताल (District Hospital) का मुआयना करते हुए चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि मरीजों को बाहरी दवा लिखने वाले बाहर होंगे। यह रवैया कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।मरीजों में ज्यादातर से यह पूछने पर उपस्थित डॉक्टरों के साथ ही अन्य स्टाफ की धड़कनें बढ़ा रहीं।
अस्पताल से ककोर मुख्यालय मानस सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों (administrative officers) के साथ सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं और विकास कार्यों (development works) की समीक्षा बैठक की। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन सजग रहा। शुक्रवार की दोपहर लगभग एक बजे निरीक्षण के लिए पहुंचे डिप्टी सीएम के इस तेवर को देख हर किसी के चेहरे का रंग उड़ा रहा।
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