देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

माहवारी के दौरान कोविड का टीका लगवाने में कोई हर्ज नहीं : डॉ. जैसवार 

डॉ. जैसवार कहती हैं कि माहवारी के दौरान स्वच्छता के अभाव में प्रजनन प्रणाली के संक्रमित (आरटीआई) होने की सम्भावना बढ़ जाती है|

हुज़ैफ़ा अबरार
May 29 2021 Updated: May 29 2021 03:41
0 12602
माहवारी के दौरान कोविड का टीका लगवाने में कोई हर्ज नहीं : डॉ. जैसवार  प्रतीकात्मक

लखनऊ। हर वर्ष 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छ्ता दिवस मनाया जाता है | इस वर्ष इस दिवस की थीम है – अब माहवारी स्वच्छता और स्वास्थ्य में कार्रवाई और निवेश को आगे बढ़ाने की जरूरत है |

वर्तमान में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है और 18 वर्ष से अधिक के युवाओं को टीका लगना शुरू हो गया है | ऐसे में किशोरियों के मन में यह सवाल है कि माहवारी के समय में टीका लगवाना चाहिए या नहीं | 

इस सम्बन्ध में क्वीन मेरी हॉस्पिटल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.पी.जैसवार कहती हैं कि माहवारी का कोविड के टीके से कोई संबंध नहीं है, माहवारी के समय भी टीका लगाया जा सकता है | यदि टीका लगाने के बाद टीके की जगह दर्द हो या बुखार हो तो पैरासिटामाल की गोली खा सकते हैं | माहवारी के दौरान इम्यूनिटी कम नहीं होती है |

डॉ. जैसवार बताती हैं कि माहवारी स्वच्छता व प्रबंधन के बारे में महिलाओं और किशोरियों को जानकारी देना बहुत जरूरी है ताकि वह सशक्त हों, उनमें आत्मविश्वास जागे और वह माहवारी प्रबंधन के लिए उपलब्ध साधनों के बारे में और उपयोग के सम्बन्ध में स्वयं निर्णय ले सकें | इसके लिए विद्यालयों के पाठ्यक्रम, नीतियों और कार्यक्रम में माहवारी स्वच्छता से सम्बंधित जानकारी शामिल करायी जानी चाहिए |

समाज में लड़कों, पुरुषों, शिक्षकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को इससे सम्बंधित जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए, जिससे उन्हें माहवारी से जुड़े नकारात्मक मानदंडों के सम्बन्ध में सही जानकारी हो पाए और वह इन्हें दूर करने में मदद कर सकें | 

आज भी समाज में मासिक धर्म के दौरान महिलायें दैनिक कार्यों, स्कूल व कार्यस्थल पर नहीं जा पाती हैं इसका मुख्य कारण माहवारी से से जुड़े हुए अनेक मिथक, भ्रांतियां तथा बुनियादी ढांचे की कमी जैसे शौचालय और हाथ धोने की सुविधाओं आदि की कमी है |

डॉ. जैसवार कहती हैं कि माहवारी के दौरान स्वच्छता के अभाव में प्रजनन प्रणाली के संक्रमित (आरटीआई) होने की सम्भावना बढ़ जाती है| इसलिए विद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों व कार्यस्थलों में स्वच्छता से जुड़ी चीजें, जैसे उपयुक्त शौचालय, साबुन , पानी और माहवारी में इस्तेमाल पैड के सही तरीके से निस्तारण की सुविधाएँ उपलब्ध करायी जानी चाहिए | ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि माहवारी के पांच दिनों में यदि हम सुरक्षित प्रबंधन नहीं करते हैं तो पेशाब की थैली, नली व बच्चेदानी में संक्रमण हो सकता है और आगे चलकर बच्चेदानी के मुंह में सिस्ट व घाव हो सकता है | बांझपन एवम् एक्टोपिक प्रेगनेंसी (बच्चेदानी की नली में बच्चा ) भी हो सकता है | लंबे समय तक संक्रमण मृत्यु का कारण भी बन सकता है |

इन दिनों में संक्रमण से बचने के लिए नियमित नहाना चाहिए | नहाते समय अपने जननांगों को पानी से अच्छे से साफ़ करना चाहिए और सूती कपड़े से पोंछना चाहिये | माहवारी के दौरान सूती कपड़े के पैड का उपयोग सबसे अच्छा रहता है | हर 24 घंटे में कम से कम 2 बार पैड बदलने चाहिए | पैड बदलने के समय जननांग को पानी से धोकर सुखाना चाहिए| 

डॉ. जैसवार का कहना है कि यदि अत्यधिक रक्तस्राव हो या पेट में अत्यधिक दर्द हो तो प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाना चाहिए | संक्रमण से बचने के लिए रक्त या स्राव के संपर्क होने पर शरीर को अच्छे से साबुन व पानी से धोना चाहिये | माहवारी में उपयोग किये गए पैड या कपड़े को खुले में नहीं फेंकना चाहिये क्योंकि ऐसा करने से उठाने वाले व्यक्ति में संक्रमण का खतरा हो सकता है | हमेशा पैड को पेपर या पुराने अखबार में लपेटकर फेंकना चाहिये या जमीन में गड्ढा खोदकर दबा देना चाहिये |

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार भारत में में 15-24 वर्ष की 57.6 % महिलायें माहवारी के दौरान हाइजिन विधियों को अपनाती हैं जबकि उत्तर प्रदेश में इनका प्रतिशत 47.1 है |

क्या होती है माहवारी ? 
माहवारी लड़की के जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें योनि से रक्तस्राव होता है | माहवारी लड़की के शरीर को माँ बनने के लिए तैयार करती है | लड़की की पहली माहवारी 9-13 वर्ष के बीच कभी भी हो सकती है | हर लड़की के लिए माहवारी की आयु अलग-अलग होती है | हर परिपक्व लड़की की 28-31 दिनों के बीच में एक बार माहवारी होती है |

माहवारी का खून गन्दा या अपवित्र नहीं होता है | यह खून गर्भ ठहरने के समय बच्चे को पोषण प्रदान करता है | कुछ लड़कियों को माहवारी के समय पेट के निचले हिस्से में दर्द, मितली और थकान हो सकती है | यह घबराने की बात नहीं है |

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

शाकाहारी माताओं के मुकाबले मांसाहारी महिलाओं के दूध में साढ़े तीन गुना ज्यादा पेस्टीसाइड: शोध 

हुज़ैफ़ा अबरार January 16 2023 19366

मांसाहार करने वाली महिलाओं के दूध में कीटनाशक की मात्रा साढ़े तीन गुना तक ज्यादा मिली। इसी तरह अधिक

स्वास्थ्य

सर्दियों के मौसम में जोड़ों में अकड़न और दर्द का कारण और इलाज

admin December 30 2021 21595

ठंड के मौसम में रक्तवाहिनियों या ब्लड वेसल्स में सिकुड़न आने लगती है। इसकी वजह से जोड़ों के आस-पास ख

उत्तर प्रदेश

मंकीपॉक्स के संभावित खतरे से प्रदेश सरकार अलर्ट, निर्देश जारी

हुज़ैफ़ा अबरार July 28 2022 11401

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विशेष सावधानी बरती जाए। इसके लक्षण, उपचार और बचाव आदि के बारे में

राष्ट्रीय

सीएम धामी के निर्देश पर आयुर्वेद विवि के वित्त नियंत्रक पर गिरी गाज

विशेष संवाददाता July 09 2023 19203

लगातार शिकायत मिलने के बाद सीएम धामी एक्शन मोड़ में नजर आए। वहीं अब सीएम धामी के आदेश के बाद आयुर्वे

स्वास्थ्य

कोरोना का घातक वेरिएंट डेल्टा प्लस।

लेख विभाग June 19 2021 13155

वैज्ञानिकों ने बताया है कि नया डेल्टा प्लस वेरिएंट, वायरस के K417N म्यूटेशन के कारण बना है। वैज्ञानि

उत्तर प्रदेश

सेल्फ डिफेंस महिलाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाता है: आनन्द किशोर पाण्डेय

रंजीव ठाकुर September 01 2022 13837

महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देना आज के समय की जरु

राष्ट्रीय

कोरोना को लेकर आई राहतभरी खबर, मुंबई में 24 घंटे में नहीं आया कोई केस

विशेष संवाददाता January 29 2023 11708

महाराष्ट्र से राहत भरी खबर सामने आ रही है। बृहन्मुंबई महानगर शहर में कोरोना फैलने से रोकने में कामय

अंतर्राष्ट्रीय

शोध: 30 के बाद शरीर में इस हार्मोन की कमी से पुरुषों को अस्पताल में भर्ती होने का खतरा ज्यादा

हे.जा.स. September 06 2022 13838

जर्नल जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित इस अध्ययन में ये पाया गया कि जिन पुरुषों में लो टेस्टोस्टेरोन ले

उत्तर प्रदेश

विश्व अस्थमा दिवस के उपलक्ष्य में इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ ने आयोजित किया निःशुल्क अस्थमा शिविर

हुज़ैफ़ा अबरार May 06 2022 17469

इस शिविर में रोगियों की पी०एफ0टी0 जाँच निःशुल्क की गई तथा इन्हेलर थेरेपी के बारे में मरीजों को जानका

उत्तर प्रदेश

दवाओं का काला बाजार, एसीपी सुकन्या शर्मा ने की छापेमारी

आरती तिवारी July 04 2023 19314

दवाइयों का कारोबार एक्सपायर लाइसेंस से चला रहा था। वहीं मामले में आगे की कार्रवाई सैंपल की रिपोर्ट आ

Login Panel