लखनऊ। प्लास्टिक अल्टरनेटिव रिपोर्ट 2022 (Plastic Alternative Report 2022) में बताया गया है कि देश में हर साल 34,69,780 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। यह आंकड़ा साल 2019-20 का है। देश में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्सर्जन पांच सालों यानी 2016-20 में दुगना हो गया। देश में प्लास्टिक कचरा उत्सर्जन के मामले में महाराष्ट्र अव्वल है और यूपी आठवें स्थान पर लेकिन अगर बात प्रति व्यक्ति कचरा निकालने की हो तो गोवा नंबर एक पर है। यूपी 28 वें नंबर पर आता है।
गोवा के बाद दिल्ली व केरल का नंबर आता है। सबसे कम प्रति प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्सर्जन (plastic waste emissions) के मामले में नागालैंड, सिक्कम व त्रिपुरा हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के चलते देश के विभिन्न राज्यों में कचरा प्रबंधन इंफ्रास्ट्रचर (waste management infrastructure) काफी मजबूत हुआ है और अब प्लास्टिक कचरे का दूसरे रूपों में तब्दील कर अन्यत्र उसका इस्तेमाल करने का चलन नई तकनीक के साथ बढ़ा है। हालांकि इसे और व्यापक स्तर पर ले जाने की जरूरत है क्योंकि यह अभी यह पर्याप्त नहीं है।
यूपी भी इस मामले में पीछे नहीं है। यहां देखने की बात यह है कि उत्तर प्रदेश में 2018 से सिंगल यूज प्लास्टिक (single-use plastic) के निर्माण, संग्रह, परिवहन, बिक्री, रिसाइकिलिंग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रखा है। यूपी में प्लास्टिक कचरे को ईंधन में बदलने (convert plastic waste into fuel) के दो प्लांट लगाए गए हैं। प्रयागराज और मथुरा में प्लास्टिक कचरे को ईंधन में बदलने के प्लांट लगे हैं। इन दोनों प्लांट की क्षमता 2700 टन प्रति साल है।
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