लखनऊ। मुजफ्फरपुर, बिहार के एक गांव मीनापुर निवासी 25 वर्षीय युवती की सांप द्वारा डसे जाने के बाद एंटी स्नेक इंजेक्शन लगने से जान तो बच गई लेकिन कलाई के नीचे हुआ घाव ठीक नहीं हो रहा था और उंगलियां भी चलनी बंद हो गयी थी। एसजीपीजीआई में युवती का इलाज हुआ और अब वह ठीक है।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) ने कई बार इलाज के दौरान मील के पत्थर स्थापित किए हैं। इस बार एंटी स्नेक इंजेक्शन (anti-snake injection) लगने के बाद बन चुके घाव (wound formed after snake bite) को ठीक किया और उंगलियों का चलना भी शुरू हो गया। यह करिश्मा प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा किया गया है।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग प्रमुख प्रो राजीव अग्रवाल (head of plastic surgery department, Prof Rajeev Aggarwal) ने बताया कि सांप के जहर (snake venom) से घाव के साथ उंगलियों को गति देने वाले टेंडन (tendon) भी क्षतिग्रस्त हो गए थे जिससे उंगलियां चलनी बंद हो गयी थी। विशेष ड्रेसिंग से पहले घाव को ठीक किया फिर रेडियल आर्टरी फोर आर्म फ्लैप (radial artery four arm flap) के जरिए टेंडन को ठीक किया। अब उंगलियां मुड़ने लगी हैं और घाव पूरी तरह ठीक हो गया है।
प्रो राजीव अग्रवाल कहते है कि इसके लिए पहले सूखे टेंडन को निकाला और फिर कलाई और कोहनी के बीच से त्वचा और टेंडन लेकर धाव के वाले हिस्से में रोपित किया गया। एनस्थीसिया विशेषज्ञ (Anesthesia Specialist) प्रो संजय कुमार और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ भूपेश के साथ यह इलाज किया गया।
स्वस्थ हो चुकी युवती ने डॉक्टर्स को धन्यवाद देते हुए बताया कि 24 जुलाई 2022 कि रात को जब वह सो रही थी तब सांप ने दायें हाथ पर डस लिया। डसने के तुरंत बाद हाथ मे अत्यधिक दर्द, सूजन और जलन हो गयी। आस-पास के त्वचा के रंग मे भी बदलाव आ गया और साथ हीं साथ बुखार, उल्टी, सिर दर्द एवं कंपकपी लगने लगी। उसके बाद उसके मुहं से झाग निकलने लगा और वो बेहोश हो गयी। एन्टीवेनम देने के बाद उसे होश आ गया था लेकिन हाथ का घाव बढ़ता गया। उंगलियां चलनी बंद (fingers stopped moving) हो गयी थी। तब 5 अगस्त को घरवाले उसे एसजीपीजीआई लेकर आए थे।
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