लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सहारा हॉस्पिटल में हृदय रोग विशेषज्ञों ने एक ऐसी बुजुर्ग महिला की जान बचाई जो कई सारी बीमारियों से एक लंबे वक्त से जूझ रही थी। इस जटिल सर्जरी सहारा हॉस्पिटल के कार्डियो थोरेसिक सर्जन डा. विशाल श्रीवास्तव और कार्डियोलॉजिस्ट डा. धीरज सिंह ने अंजाम दिया।
70 वर्षीय बुजुर्ग महिला लगभग एक दशक से ज्यादा समय से कई तरह की जटिल बीमारियों से परेशान थी। हॉस्पिटल के अनुसार इस महिला को लगभग 10 साल से कफ बनता था और सांस लेने में भी दिक्कत थी। महिला मरीज ने बनारस (Banaras) के एक अस्पताल में दिखाया, जहां पर डाक्टरों ने कुछ दवाएं दी और कहा कि यह समस्या दवा से ठीक हो जाएगी। थोड़े दिन तो उन दवाओं का असर रहा लेकिन महिला मरीज को दोबारा सांस की दिक्कत (problem in breathing) और सीने में दर्द रहने लगा। महिला की हालत और गंभीर होती जा रही थी।
इसी बीच महिला मरीज के परिजनों ने सहारा हॉस्पिटल के कार्डियोथोरेसिक (cardiothoracic) सर्जन डॉ. विशाल श्रीवास्तव के पास जाकर परामर्श लिया। डा. श्रीवास्तव ने जांच के बाद पाया कि महिला के वॉल्व (valve) में ब्लॉकेज (blockage) हो रही है। उन्होंने कुछ दवाएं दीं और कहा कि लगभग एक महीने तक उन दवाओं का रिस्पांस देखेंगे परन्तु कुछ दिन के बाद ही महिला की तबीयत फिर से खराब होने लगी। डॉक्टर विशाल ने महिला की पुन: जांच करायी तो पता चला कि उसके दो वॉल्व चोक लग रहे हैं लेकिन अधिक आयु होने की वजह से महिला मरीज के परिजन उनकी ओपन हार्ट सर्जरी (open heart surgery) नहीं करवाना चाहते थे। तब उन्होंने बैलूनिंग के द्वारा हार्ट का जो वाल्व सिकुड़ रहा था, उसको फुला दिया।
डॉक्टर विशाल के अनुसार मरीज की अधिक उम्र की वजह से उसके ब्लड क्लाट ना होने पाए, इसका भी ध्यान रखा गया। इस सर्जरी के दौरान मरीज को ब्रेन हेमरेज हो सकने की आशंका भी थी। इन सब चुनौतियों के बीच अपने अनुभव व कुशलता के साथ सहारा हॉस्पिटल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉक्टर विशाल श्रीवास्तव एवं कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. धीरज सिंह ने सहारा हॉस्पिटल (Sahara Hospital) के अत्याधुनिक कैैथ लैब (Cath Lab) में बिना ओपन हार्ट किए, ब्लून माइटरल वैल्वाटमी का जटिल काार्डियक इन्टरवेन्शन (cardiac intervention) किया, जिससे मरीज को सांस लेने में होने वाली परेशानी से तुुरंत राहत मिल गई और अगले ही दिन मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉक्टर विशाल ने बताया कि अमूमन इतनी अधिक उम्र होने पर हर तरह के जोखिम की सम्भावना रहती है और मरीज की जान को खतरा भी बना रहता है परंतु समस्त टीम ने अपनी बेहतर क्षमता का प्रदर्शन करते हुए महिला मरीज को नया जीवन दिया। मरीज के परिजन बेहद संतुष्ट व खुश थे और उन्होंने सहारा हॉस्पिटल के प्रशासन (administration) की और यहां के डॉक्टरों की टीम की काफी प्रशंसा की व धन्यवाद दिया।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि हमारे अभिभावक "सहाराश्री" (Saharashree) ने विश्वस्तरीय हॉस्पिटल की स्थापना इस सोच से की थी कि मरीजों को उचित व गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल पाये। यहां मौजूद अत्याधुनिक उपकरणों से कुशल चिकित्सकों की टीम निरन्तर इलाज करने को तत्पर है। सहारा हॉस्पिटल का मुख्य उद्देश्य मरीजों को उचित मूल्य पर विश्वस्तरीय इलाज की सेवाएं उपलब्ध कराना है।
अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि सहारा हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट एवं कार्डियोथोरेसिक सर्जन विभाग की टीम यहां निरंतर नयी तकनीक एवं जटिल सर्जरी करके मरीजों को लाभान्वित कर रहा है। साथ ही लखनऊ में हर प्रकार की जटिल सर्जरी सहारा हॉस्पिटल में किफायती दरों पर उपलब्ध हैं।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 4440
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3774
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11322
एस. के. राणा March 06 2025 0 9324
एस. के. राणा March 07 2025 0 8991
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11322
एस. के. राणा March 06 2025 0 9324
एस. के. राणा March 07 2025 0 8991
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77466
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82748
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80880
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71979
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61549
आयशा खातून December 05 2022 0 113664
लेख विभाग November 15 2022 0 84583
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83240
लेख विभाग October 23 2022 0 68132
लेख विभाग October 24 2022 0 69461
लेख विभाग October 22 2022 0 76293
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82791
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77798
हार्ट फेलियर को उसकी शुरूआती अवस्था में सही समय पर इलाज, उपचार के अनुपालन, जीवनशैली में बदलाव और का
विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर होप इनिशिएटिव तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ और निर्वान हॉस्पिटल द
विदेश मंत्रालय ने 19 जनवरी को भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स के लिए वैक्सीन प
गर्मी के मौसम में बच्चों में पानी की कमी होना काफी सामान्य होता है, जिसे डिहाइड्रेशन, कहा जाता है। य
झुंझुनूं के समसपुर में बन रही मेडिकल कॉलेज शहर के निकट समसपुर गांव में 13.79 हैक्टेयर भूमि पर मेडिक
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने कहा कि हिरण में इन अप्रचलित स्वरूपों की मौजूदगी लंबे स
इस विश्लेषणात्मक ढांचे में डब्ल्यूएचओ समर्थित 6 मातृ, शिशु और छोटे बच्चों के लिए पोषण लक्ष्य शामिल क
यूँ तो यह दुःख भरी घटना है कि अस्पताल में जगह ना मिलने से गर्भवती भारतीय महिला की मौत हो गई है लेकिन
कोरोना के साथ ही जिले में अब डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। एक ही परिवार के 3 बच्चे बीमार होने पर
ओ ब्लड ग्रुप वाले लोग संक्रमण के प्रति कम संवेदनशील हो सकते हैं जबकि बी और एबी ब्लड ग्रुप वाले लोग
हार्ट फेलियर को उसकी शुरूआती अवस्था में सही समय पर इलाज, उपचार के अनुपालन, जीवनशैली में बदलाव और का
विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर होप इनिशिएटिव तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ और निर्वान हॉस्पिटल द
विदेश मंत्रालय ने 19 जनवरी को भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स के लिए वैक्सीन प
गर्मी के मौसम में बच्चों में पानी की कमी होना काफी सामान्य होता है, जिसे डिहाइड्रेशन, कहा जाता है। य
झुंझुनूं के समसपुर में बन रही मेडिकल कॉलेज शहर के निकट समसपुर गांव में 13.79 हैक्टेयर भूमि पर मेडिक
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने कहा कि हिरण में इन अप्रचलित स्वरूपों की मौजूदगी लंबे स
इस विश्लेषणात्मक ढांचे में डब्ल्यूएचओ समर्थित 6 मातृ, शिशु और छोटे बच्चों के लिए पोषण लक्ष्य शामिल क
यूँ तो यह दुःख भरी घटना है कि अस्पताल में जगह ना मिलने से गर्भवती भारतीय महिला की मौत हो गई है लेकिन
कोरोना के साथ ही जिले में अब डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। एक ही परिवार के 3 बच्चे बीमार होने पर
ओ ब्लड ग्रुप वाले लोग संक्रमण के प्रति कम संवेदनशील हो सकते हैं जबकि बी और एबी ब्लड ग्रुप वाले लोग
हार्ट फेलियर को उसकी शुरूआती अवस्था में सही समय पर इलाज, उपचार के अनुपालन, जीवनशैली में बदलाव और का
COMMENTS