नोयडा (लखनऊ ब्यूरो)। स्वास्थ्य व्यवस्था कभी तांत्रिकों के चंगुल में फंसी नज़र आती है तो कभी झोला छाप डॉक्टर्स चिकित्सा के नाम पर ठग लेते हैं। भोली-भाली जनता दवाखाने या नर्सिंग होम पर अंग्रेजी में लिखी डिग्रियां समझ नहीं पाती है और ना ही कभी डिग्री के मुतालिक सवाल पूछती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ फर्जी एमबीबीएस डिग्रीधारी के इलाज के दौरान एक गर्भवती की मौत हो गई है।
मामला ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) का है जहाँ एक बच्चे की चाहत ने पत्नी की जान ले ली है। दंपती ने बच्चे के लिए जिस आईवीएफ सेंटर (IVF center) का सहारा लिया उसी ने जान ले ली और वो डॉक्टर फर्जी डिग्रीधारक (fake MBBS degree) निकला। महिला गर्भवती तो हुई लेकिन गलत इलाज के चलते उसकी मौत हो गई।
जिस आईवीएफ सेंटर में महिला का इलाज चल रहा था वहां उसकी तबियत बगड़ने पर पति दूसरे अस्पताल ले गया जहाँ सात दिन बाद महिला की मौत हो गई। इस सम्बन्ध में मृतक गर्भवती महिला के पति ने डॉक्टर (fake MBBS doctor) के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
राजेश एस, डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि महिला के पति ने डॉक्टर (fake doctor) के खिलाफ तहरीर दी थी और जाँच में आईवीएफ सेंटर के संचालक और प्रमुख डॉक्टर की डिग्री फर्जी निकली है। आईवीएफ सेंटर में इलाज करने वाले डॉक्टर पर पति ने गलत इलाज करने का आरोप लगाया था जिसके बाद आईवीएफ केंद्र के संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
डीसीपी सेंट्रल, राजेश एस ने कहा कि संचालक के मेडिकल सर्टिफिकेट (medical certificate) की जांच की गई। जांच में उसने बताया कि 2005 में उसने बिहार के मधेपुरा में भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय से एमबीबीएस डिग्री (MBBS degree) ली है। जब डिग्री का सत्यापन कराया गया तो वह फर्जी पाई गई। आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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