लखनऊ। क्षय रोग यानि टीबी को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके टीबी चैंपियन अब दूसरों को भी इस बीमारी से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे । देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की चल रही हरसंभव कोशिश में टीबी चैंपियन की सक्रिय मदद लेने का निर्णय लिया गया है । सेंट्रल टीबी डिवीजन ने इस बारे में वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर जरूरी दिशा-निर्देश दिया है । इसके तहत उनको सेल्फ लर्निंग कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनके स्मार्ट फ़ोन में टीबी आरोग्य साथी एप (TB Arogya Saathi app) इंस्टाल किया जाएगा । इसके माध्यम से उनकी गतिविधियों पर नजर भी रखी जाएगी ।
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता का कहना है कि प्रदेश में करीब 2350 टीबी चैंपियन हैं जो कि हमारे टीबी मुक्त अभियान में बड़े सहायक साबित हो सकते हैं । इसके लिए हर टीबी यूनिट (TBU) से दो टीबी चॅम्पियन चुने गए हैं, जिन्हें टीबी के बारे में हर जरूरी जानकारी के बारे में प्रशिक्षित (Train) किया जाएगा ।
टीबी चैंपियन (TB champion) के रूप में उन लोगों को चुना गया है जो कि पहले टीबी (TB) ग्रसित रहे हैं किन्तु उन्होंने लक्षण नजर आते ही पूरी तत्परता से टीबी की जांच कराई और पुष्टि होने पर चिकित्सक के बताए अनुसार नियमित दवा (medicine) का सेवन कर बीमारी को मात दिया । अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और सामान्य जिंदगी जी रहे हैं । उनके इन्हीं अनुभवों को समुदाय तक पहुंचाने में उनकी मदद ली जाएगी । वह अपने अनुभवों के आधार पर लोगों को बताएंगे कि अगर दो हफ्ते से अधिक खांसी (cough) आ रही है, बुखार (fever) बना रहता है, वजन घट (weight loss) रहा है, भूख नहीं लगती तो टीबी की जांच अवश्य कराएं । इसकी जांच सरकारी अस्पतालों में मुफ्त की जाती है ।
जांच में यदि टीबी की पुष्टि होती है तो घबराएं नहीं क्योंकि इसका पूर्ण इलाज संभव है । चिकित्सक के बताए अनुसार दवा का नियमित रूप से सेवन करें । इसकी दवा टीबी अस्पताल, डॉट सेंटर या स्थानीय आशा कार्यकर्ता के माध्यम से मुफ्त प्राप्त की जा सकती है । यह जरूर ख्याल रखें कि दवा को बीच में छोड़ना नहीं है, नहीं तो टीबी गंभीर रूप ले सकती है । ऐसी स्थिति में इलाज लंबा चल सकता है ।
टीबी चैंपियन लोगों को यह भी बताएंगे कि टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का पूरा विवरण निक्षय पोर्टल पर दर्ज किया जाता है । पोर्टल पर विवरण दर्ज होने से यह फायदा रहता है कि मरीज अगर कहीं अन्य प्रदेश में जाता है तो उसे वहाँ भी मुफ्त दवा मिल सकती है । इसके अलावा टीबी मरीजों को इलाज के दौरान सही पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह सीधे बैंक खाते में दिया जाता है, क्योंकि सही पोषण मिलने से दवाएं जल्दी असर करती हैं । इस तरह से टीबी चैंपियन जब अपने अनुभवों को समुदाय से साझा करेंगे तो यह बात ज्यादा प्रभावशाली तरीके से जन-जन तक पहुंचाई जा सकेगी ।
टीबी के खात्मे के लिए यही सबसे जरूरी बिन्दु है कि टीबी का जितना जल्दी पता चल जाए और तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाए उतनी ही जल्दी उसका खात्मा किया जा सकता है । जांच और इलाज में देरी से संक्रमित व्यक्ति जाने-अनजाने में न जाने कितने अन्य लोगों को संक्रमित बना सकता है ।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77313
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS