लखनऊ। उत्तर प्रदेश में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और इंडोमेट्रियल ट्यूमर के केसेस बढ़ रहे है। रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल कानपुर के ऑन्कोलॉजिस्ट ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौकों पर महिलाओं से आग्रह किया है कि वे आगे आकर कैंसर के लिए खुद का चेकअप कराएं क्योंकि अगर कैंसर का पता जल्दी चले तो इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। |
|
डॉ विनोद मुदगल सर्जन सर्जिकल ऑन्कोलॉजी रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल कानपुर ने कहा वे एक महीने में लगभग 150 ऐसी महिलाओं को देखते हैं जिन में ब्रेस्ट कैंसर होता है और उनमें से 90 प्रतिशत महिलाएं इससे पूरी तरह से इससे अनजान होती हैं। वे नहीं जानती है कि इस कैंसर के लक्षण और संकेत क्या होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके ट्रीटमेंट में देरी हो जाती है। महिलाओं को ऐसे कैंसरों के लिए नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए, ऐसा देखा गया है कि अगर महिलाएं नियमित रूप से जांच नहीं कराती है तो अक्सर इस तरह के कैंसर का डायग्नोसिस एडवांस स्टेज में हो पाता है। उन्होंने कहा पूरे प्रदेश में महिलाओं में होने वाले सबसे ज्यादा कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर शामिल है। अन्य राज्यों के मुकाबलें प्रदेश में महिलाएं युवा उम्र में ही ब्रेस्ट कैंसर से पीडि़त होती है। दुर्भाग्य से समाज में फैली कुप्रथाओं और जागरूकता की कमी के कारण |
बीमारी की पहचान देर से होती है। इसके कैंसर देर से डायग्नोसिस होने की समस्या बढ़ जाती है। ज्यादातर केसेस में मरीजों में गांठ तो रहती है लेकिन दर्द नहीं होता है। कई महिलाएं अपने ब्रेस्ट में गांठ महसूस होने पर इस पर ध्यान नहीं देती है। गांठ का मतलब क्या होता है या वे अपने पार्टनर और समाज द्वारा इसे न अपनाने के भय तथा कलंक के डर से इस बारें में किसी को भी नहीं बताती है। डॉ मुदगल ने कहा रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल कानपुर में इन कैंसर के लिए एक सस्ती ट्रीटमेंट प्रक्रिया मौजूद है ताकि किसी को भी कैंसर के इलाज में बाधा न आये। हॉस्पिटल में स्क्रीनिंग के लिए तकनीकी मशीनों की उपलब्धता है। ब्रेस्ट कैंसर के एग्जामनेशन के लिए सबसे व्यापक रूप से कार्यान्वित उपकरण में मैमोग्राफ्री क्लिनिकल ब्रेस्ट टेस्ट और सेल्फ एग्जाम टेस्ट शामिल हैं। मैमोग्राफी और क्लिनिकल ब्रेस्ट टेस्ट से महिलाओं में बीमारी को कम करके मृत्यु दर को कम करने में मदद मिल सकती है। डॉ विनोद ने कहा सेल्फ एग्जामनेशन बीमारी के डायग्नोसिस और रोकथाम का सबसे व्यवहार्य और उचित दृष्टिकोण है। महिलाओं में ब्रेस्ट के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सेल्फ एग्जामनेशन का उपयोग किया जा सकता है। प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारी स्थिति के बारे में जानकारी फैलाने में मदद कर सकते हैं और महिलाओं को एक सेल्फ एग्जामनेशन के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। महिलाओं को हर साल ब्रैस्ट कैंसर स्क्रीनिंग के साथ अपना हेल्थ चेकअप करवाते रहना चाहिए। इससे बीमारी की पकड़ जल्दी होती है और इलाज आसान और कम पैसो में हो पता है। |
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3441
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
इस लैब के जरिये रोग शुरू होने के दो साल पहले ही पता चल सकेगा। जैसे किसी को दो साल बाद कैंसर होने वाल
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पीएमएस के डॉक्टरों की सेवानिवृत्त आयु को 65 से 70 करना जरूरी है ताकि विश
ठंडी हवाएं स्किन की नमी को सोख लेती हैं जिससे त्वचा पर रूखापन आ जाता है। इस रूखेपन को दूर करने के ल
पत्र में कहा गया है, ‘‘इस महामारी के बीच, देश में डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के खिलाफ शार
एकेटीयू ने अभी तक बी फार्म प्रैक्टिस कोर्स लागू नहीं किया है, जिसके कारण कई संस्थान इसे अपने स्थान प
डा. सूर्यकान्त को यह सम्मान एलर्जी एवं अस्थमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यो के लिए प्रदान किया गया
पीजी डिप्लोमा इन योग के समन्वयक डॉ. संजय कुमार राम ने बताया कि पीजी डिप्लोमा में इच्छुक अभ्यर्थी 3
इन्साकॉग के मुताबिक, भारत में कोविड के ओमिक्रॉन का 'XBB' सब-वेरिएंट सबसे ज्यादा सक्रिय है।
आयुर्वेद के मुताबिक अगर हम गलत फूड के साथ दूध का सेवन करते हैं तो ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हान
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आईएमए ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें जनसंख्या से जुड़े मुद्दे प
COMMENTS