अच्छे स्वास्थ्य के लिए सुबह का ब्रेकफास्ट बहुत जरूरी है। सुबह के ब्रेकफास्ट से मिली ऊर्जा आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखती है। हल्का ब्रेकफास्ट (नाश्ता ) आपको दोपहर के लिए पर्याप्त ऊर्जा दे देता है। इससे आपकी कार्य क्षमता पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। ब्रेकफास्ट का निश्चित समय पर नियमित सेवन बहुत ही फायदेमंद है।
क्यों जरूरी है नाश्ता - Why breakfast is necessary
नाश्ता ऊर्जा प्रदान करने के अलावा नाश्ते के खाद्य पदार्थ कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी, प्रोटीन और फाइबर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत हैं। शरीर को इन आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और शोध से पता चलता है कि अगर नाश्ता छूट जाए तो बाद में शरीर के लिए जरूरी बहुत सारे पोषक तत्वों की भरपाई होने की संभावना नहीं रहती है।
ब्रेकफास्ट के नियमित सेवन के लाभ - Benefits of regular breakfast
नियमित रूप से अच्छा नाश्ता कर हम डायबिटीज से दूरी बनाए रख सकते हैं। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग नियमित रूप से नाश्ता करते हैं, उनमें डायबिटीज का खतरा लगभग 30% कम हो जाता है।
अध्ययनों से पता चला है कि सुबह नाश्ते में पहली चीज का सेवन करने से बार-बार भूख नहीं लगती। बहुत सारे लोग अतिरिक्त कैलरी खाने से बचने के लिए नाश्ते को छोड़ देते हैं, लेकिन सुबह-सुबह उच्च फाइबर, पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता खाने से आपको दिनभर भूखे रहने की आशंका कम होती है।
सुबह नाश्ता करने से भूख कम हो जाती है, जिससे आप भोजन कम करते हैं। 2011 में जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नाश्ता करते हैं, वो दिनभर कम भोजन करते हैं। जो लोग नाश्ता नहीं करते, उन्हें बार-बार खाने का मन करता है, जो ठीक नहीं।
स्वस्थ मस्तिष्क के कामकाज के लिए कार्बोहाइड्रेट आवश्यक है। अपने दिन की शुरुआत करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले नाश्ते का सेवन कर आप अपनी याददाश्त और एकाग्रता के स्तर में सुधार कर सकते हैं, साथ ही अपने मूड और तनाव को भी सुधार सकते हैं। बच्चों के बीच हुए विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि जो बच्चे नाश्ता करते हैं, वे ज्ञान संबंधी कौशल में सुधार करते हैं और स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
यूरोप में 2010 में हुआ एक अध्ययन क्रिटिकल रिव्यू इन फूड साइंस एंड न्यूट्रीशन में प्रकाशित किया गया था, जिसके अनुसार, नियमित रूप से नाश्ता करने वालों में मोटापे का खतरा कम होता है।
ब्रेकफास्ट में क्या खाएं - What to eat inr breakfast
करें फलों का सेवन - Eat fruits
आप सुबह के नाश्ते में अपने पसंदीदा फलों का सेवन कर सकते हैं। सेब, केला, अनार, संतरा आदि फलों का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। आप चाहें तो फलों की स्मूदी बनाकर भी पी सकते हैं। आपके लिए बनाना शेक भी सर्वोत्तम आहार हो सकता है। इसके लिए केले को ब्लैंड कर उसमें दूध और ड्राई फ्रूट्स मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
अंडे का सैंडविच - Egg sandwich
सुबह के नाश्ते में अंडे का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके सेवन से शरीर का स्टेमिना बढ़ता है। अंडे में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। यह मसल्स को मजबूत बनाता है। नाश्ते के तौर पर आप अंडे का सैंडविच खा सकते हैं। इसके लिए आप अंडे को पहले छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और इसे ब्राउन ब्रेड पर रखें। इसके बाद ऊपर से जरा सा नमक मिला लें। इसके ऊपर आधा चम्मच शहद डालें। आप चाहें तो थोड़ी मेयोनीज भी मिला सकते हैं।
ब्रेड जैम के साथ पीनट बटर - Peanut Butter with Bread Jam
कई बार आप घर से जल्दी निकलने के चक्कर में नाश्ता नहीं करते या भूल जाते हैं। ऐसा करना सेहत के प्रति नाइंसाफी है। अगर आपके पास समय कम है, तो आप झटपट नाश्ते का भी विकल्प रख सकते हैं। इसके लिए आप दो ब्रेड लें, एक पर मूंगफली का मक्खन (पीनट बटर) लगाएं और दूसरे ब्रेड पर जैम लगाएं। दोनों को जोड़ दें। अब आपका सुबह का सबसे आसानी से बनने वाला और हेल्थी नाश्ता तैयार है।
ओट्स - Oats
ओट्स घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। ये घुलनशील फाइबर आंतों के संक्रमण की आशंका घटाने और ग्लूकोज अवशोषण को कम करने में मदद करते हैं। ओट्स में बीटा ग्लूकेन भी होता है, जो एक लिपिड कम करने वाला एजेंट होता है। नाश्ते का स्वस्थ विकल्प है यह। इसे आप फलों व मेवों के साथ भी ले सकते हैं।
उपमा और पोहा - Upma and Poha
गुजरातियों में ये आहार काफी प्रचलित हैं। उपमा या पोहा बहुत हेल्दी नाश्ते हैं। इसको पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इसमें मटर, प्याज, आलू व अपनी पसंद की अन्य सब्जियां डाल सकते हैं। ऐसा करने से आपको स्वाद और पोषण दोनों मिलेंगे। इससे सुबह आपका पेट भरा रहेगा और आप पूरी ऊर्जा के साथ अपना काम कर सकेंगे।
लो कैलरी ब्रेकफास्ट - Low calorie breakfast
सप्ताह के पहले दिन आप लो कैलरी नाश्ते से शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए मैक्सिकन खाना सही माना गया है, क्योंकि इसमें कैलरी और वसा की मात्रा काफी कम होती है। आप चाहें तो ब्रेकफास्ट बरीटो से दिन की शुरुआत कर सकते हैं। इसमें आप अंडे की सफेदी को रैप करके खा सकते हैं।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 2553
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
आयशा खातून March 06 2025 0 5328
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
British Medical Journal February 25 2025 0 5661
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77133
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82415
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80547
admin January 04 2023 0 81486
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71646
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61216
आयशा खातून December 05 2022 0 113331
लेख विभाग November 15 2022 0 84361
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94407
श्वेता सिंह November 07 2022 0 82796
लेख विभाग October 23 2022 0 67799
लेख विभाग October 24 2022 0 69239
लेख विभाग October 22 2022 0 75960
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82569
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77465
निदेशक महिला कल्याण मनोज राय ने इस मौके पर कहा कि "मंडलवार यह प्रशिक्षण हमारी तैयारी को और मजबूत करे
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बलरामपुर अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीनों खराब होने को गंभीरता से लिया
बारिश के मौसम में अस्थमा के मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्थमा
एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स की ANDA स्वीकृत दवा डाबीगेट्रान एटेक्सिलेट, बोहेरिंगर इंगेलहेम फार्मास्यूट
देश के कई राज्यों के बाद राजधानी दिल्ली में गायों और पशुओं में लंपी वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे ह
डीएम उमेश मिश्रा ने निरीक्षण के दौरान में अल्ट्रासाउंड कक्ष का निरीक्षण किया। अल्ट्रा सोनोलॉजिस्ट क
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक बीते 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 102 नए
केजीएमयू के डॉक्टरों को अब सरकारी खर्च पर देश-विदेश में होने वाले सेमिनारों में शामिल होने के लिए ज्
एड़ियों का फट जाना आजकल आम समस्या बन चुका है लेकिन फटी एड़िया जितना दर्द देती है उतना ही पैरों की खू
यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण की दर भले ही नियंत्रण में हो लेकिन वायरल फीवर का अटैक कम नहीं हो रहा।
COMMENTS