पाइल्स यानी बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को मल त्याग में बहुत समस्या होती है। इस बीमारी का मुख्य कारण खराब दिनचर्या और गलत खानपान है। ये एक ऐसी समस्या है जिसको लापरवाही से छोड़ दिया जाए तो गंभीर बन सकती है। इसके कारण आपको बहुत अधिक दर्द, खुजली, ब्लड लॉस का सामना करना पड़ सकता है। यहां हम आपको ऐसे व्यायाम बता रहे हैं, जिन्हें करने से बवासीर में बहुत आराम मिलेगा।
पवनमुक्त आसन- Pawanmuktasan
जो लोग नियमित रूप से योग करते हैं उन्हें पाचन संबंधी विकार कम रहते हैं। योग में पवनमुक्तासन सबसे बेस्ट योग है। इस योग को रोजाना करने से कब्ज, एसिडिटी (acidity) और बदहजमी की समस्या आसानी से दूर हो जाती है। बवासीर की बीमारी में ये योग बहुत कारगर माना जाता है। पवनमुक्तासन को करने से पेट संबंधी सभी दिक्कतें मिट जाती हैं। अगर आपको बवासीर की समस्या है तो इससे छुटकारा पाने के लिए रोजाना पवनमुक्तासन जरूर करें। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं। फिर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को फैलाकर पैरों के पास ले जाएं। इसके बाद बाएं हाथ से बाएं पैर के घुटने को पकड़कर सीने तक लाएं। इस अवस्था में कुछ देर तक रहें. इसके बाद दाहिने हाथ से पवनमुक्तासन को दोहराएं।
पर्वतासन- Parvatasan
सर्वांगासन पाइल्स (sarvangasana piles) की समस्या में काफी फायदा पहुंचा सकता है। इस आसन का अभ्यास करने से ब्लड की सप्लाई ऊपर की ओर जाती है जिससे एनस का हिस्सा कुछ देर के लिए पैसिव हो जाता है। ये आसान कब्ज (Constipation) से राहत देता है और पाचन क्रिया को सक्रिय बनाता है। इसके अलावा ये आसन दिल की मांसपेशियों को सक्रिय करता है और शुद्ध रक्त को दिल तक पहुंचाता है मासिक धर्म संबंधी परेशानियां दूर करता है।
तितली आसन- Titlyasna
तितली आसन का अर्थ है एक ऐसा आसन जिसको करते वक्त शरीर की मुद्रा किसी तितली के समान दिखाई देती हो। इस मुद्रा में आकर तितली की भांति पैरों को ऊपर-नीचे हिलाना होता है। इस योग को करने से बवासीर में बहुत जल्द आराम मिलता है. ऊपर बताए गए दो योग को आप नियमित रूप से करें। इससे बवासीर (hemorrhoid) की समस्या से राहत मिलेगी। तितली आसन करने के लिए सूर्य की ओर मुंह करके जमीन पर आराम मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दोनों पैरों को आगे की तरफ फैलाएं और फिर मोड़कर घुटनों और तलवों को एक दूसरे से मिलाएं। फिर आराम मुद्रा में बैठकर जांघों को जमीन से लगाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैर के तलवों को पकड़ लें। फिर आख बंद करके तितली की भांति अपने पैरों को हिलाएं। इस मुद्रा को करीब 15 मिनट के लिए करें।
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