दोस्त, ये एक ऐसा शब्द है जो हर किसी की जिंदगी में एक अलग तरह की अहमियत रखता है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रिश्ते से जुड़ा होता है लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो हर किसी के लिए खास होता है।
अब बात आती है पुरुषों (men) और स्त्रियों (women) का अपने दोस्तों से किस प्रकार का संबंध होता है ? आमतौर पर देखा गया है कि पुरुषों और महिलाओं दोनो का ही अपने दोस्तों से अलग अलग व्यवहार होता है। अक्सर महिलाएं अपने दोस्तों से ज्यादा भावनात्मक (emotional) और निजी विषयों (personal topic) पर बात करने के लिए उत्सुक रहती हैं। वहीं पुरुषों की मित्रता भिन्न होती है। पुरुष अक्सर उन लोगों से जल्दी घुल मिल जाते हैं जो उनके साथ मौज मस्ती वाला व्यवहार रखते है।
काफी समय से मित्रता का अध्ययन करने वाले ऑक्सफोर्ड (Oxford) के मनोविज्ञानी (psychologist) रॉबिन डनबर के शोध (research) के अनुसार बहुत शुरुआती उम्र से लड़कियों और लड़कों में मित्रता का अंतर साफ हो जाता है। लड़कियों की दोस्तियां आमतौर पर संवाद आधारित और भावनाप्रधान होती हैं, जबकि लड़कों की दोस्तियां ज्यादा कैजुअल यानी लापरवाह होती है।
डनबर (Dunbar) ने अपनी टीम के साथ इस विषय को लेकर सोशल मीडिया (social media) पर भी काफी अध्ययन किया और पाया कि महिलाएं अपने फेसबुक प्रोफाइल (profile pictures) में अपनी तस्वीरें डालती हैं या करीबी दोस्त (Friend) के साथ वाली तस्वीर अक्सर वे दो लोग होते हैं। पुरुषों की प्रोफाइल तस्वीरों में वे अक्सर दूसरे पुरुषों के एक समूह के साथ दिखेंगे या खेल या हाइकिंग जैसी किसी गतिविधि वाली तस्वीर लगाएंगे। उनका, अपने साथ अपने सबसे अच्छे दोस्त या अपनी पत्नी की तस्वीर लगाने की संभावना कम है लेकिन लड़के इस बात पर ज्यादा निर्भर नहीं रहते हैं कि तुम कौन हो बल्कि उनका ध्यान इस बात पर रहता है कि तुम मेरे पाले में हो या नहीं। वो पाला या क्लब क्या है, कैसे बनता है, इससे फर्क नहीं पड़ता...वे शुक्रवार रात एक साथ पीने-खाने के लिए निकले हुए लड़के हो सकते हैं या फुटबाल खेलने के लिए जुटे लड़के।"
कौन ज्यादा निभाता है दोस्ती-Who plays more friendship
कहते हैं कि पुरुष का प्रेम गति का प्रतीक होता है, उसका प्रेम चंचलता का प्रतीक है और वहीं स्त्री का प्रेम स्थिरता का प्रतीक है। यही बात पुरुष और पुरुष की मित्रता निभाने के गुण में भी अंतर पैदा करती है। डनबर और दूसरे शोधकर्ताओं ने पुरुष और स्त्री मित्रताओं (friendship) में एक बड़ा अंतर देखा है। जब पुरुष देश में यहां से वहां जाते हैं, तो उनका अपने दोस्तों से संपर्क अक्सर छूट जाता है; जबकि औरतें अपने कॉलेज (College) के दिनों के दोस्तों के साथ संपर्क बनाए रखती हैं। अक्सर जब नौकरी या बच्चों की वजह से जिंदगी व्यस्त हो जाती है, तो औरतें ही होती हैं जो दोस्तियां बरकरार रखने के लिए ज्यादा जद्दोजहद करती हैं।
अमेरिका में बोस्टन कॉलेज (Boston College) में प्रोफेसर अना मार्तीनेस अलेमान (Ana Martines Aleman) ने 1990 के दशक के मध्य में महिला दोस्तों पर अध्ययन किए थे। उन्होंने पाया कि इन नजदीकी मित्रताओं ने महिलाओं के सामाजिकीकरण (socialization) में एक रचनात्मक भूमिका निभाई थी। उनकी अस्मिता के निर्माण और दुनिया में अपनी जगह को लेकर उनकी बौद्धिक समझ को प्रभावित किया था। दस साल बाद उन्होंने उन्हीं महिलाओं को लेकर फिर से अध्ययन किया, ये देखने के लिए कि उनकी सामाजिक दुनिया किस तरह की हो चुकी थी? क्या उन्होंने अपनी दोस्ती (friendship) कायम रखी थीं? स्टडी में पता चला कि बहुत सारी महिलाओं ने दोस्ती कायम रखी थी और जैसे जैसे वे उम्रदराज हुईं, उनकी मित्रता भी प्रगाढ़ होती गई।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3441
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर और कुछ दवाएं जैसे एस्ट्रोजन खून के जमने की जोखिम को कई गुना बढ़ा देते हैं।
आप चेहरे की चमक लाना चाहती हैं, तो आपको यह जरूर जानना चाहिए कि मेलाज्मा क्या है, और इससे कैसे बचना ह
पीठ ने कहा, ‘‘जब भारत सरकार और एमसीसी ने काउंसिलिंग का कोई भी विशेष चरण न कराने का फैसला जब सोच समझक
बढ़ते केसों के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मामलों में वृद्धि मुख्य रूप से मौसमी बदलाव और होल
स्वास्थ्य विभाग लगातार झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई लगातार की जा रही है। फिर भी झोलाछाप डॉक्टर
एचएएल-यूपी कोविड अस्पताल के सभी 255 बेड ऑक्सीजन सुविधाओं से सुसज्जित हैं। 130 बेड ऑक्सीजन से लैस हैं
मिर्गी रोगी के साथ समाज और परिवार के सहयोग की जरूरत होती है। ऐसा माहौल विकसित करना चाहिए कि उसका मन
उम्मीदवारों का वेरिफिकेशन उनके संबंधित यूनिवर्सिटी द्वारा 17 और 18 अक्टूबर को किया जाएगा। छात्र ध्या
ऑल इंडिया पयाम इंसानियत फोरम ने केजीएमयू के सहयोग से एक विशाल नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन कुतुब
COMMENTS