देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

गुणों से भरपूर है लहसुन।

लहसुन कल्क का प्रयोग अनेक व्याधियों की चिकित्सा में किया गया है। लहसुन में अम्ल रस को छोड़कर शेष पाँचों रस विद्यमान होते हैं। इसकी गन्ध उग्र होती है, इसलिए इसे उग्रगन्धा भी कहते हैं।

लेख विभाग
July 08 2021 Updated: July 08 2021 16:08
0 38584
गुणों से भरपूर है लहसुन। प्रतीकात्मक

- आचार्य बालकृष्ण

समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है। इसका प्रयोग सदियों से घर-घर में मसाले तथा औषधि के रूप में किया जाता है। काश्यप-संहिता में लसुन कल्क का प्रयोग अनेक व्याधियों की चिकित्सा में किया गया है। लहसुन में अम्ल रस को छोड़कर शेष पाँचों रस विद्यमान होते हैं। इसकी गन्ध उग्र होती है, इसलिए इसे उग्रगन्धा भी कहते हैं। इसके शल्ककन्द को लहसुन कहा जाता है। इसके अन्दर लहसुन की 5-12 कली होती है।

उपरोक्त वर्णित लहसुन की मुख्य प्रजाति के अतिरिक्त इसकी निम्नलिखित दो प्रजातियां पाई जाती हैं। जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है।

  1. साद्रपुष्प लहसुन (Allium schoenoprasum Linn) 2. वन्य लहसुन Allium tuberosum Roxb

आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव

  • लहसुन की नाल मधुर तथा पित्तकारक होती है।
  • लहसुन तिक्त, कषाय, लवण, कटु, (अम्लवर्जित पंचरसयुक्त), तीक्ष्ण, गुरु, उष्ण तथा वातकफशामक होती है।
  • यह दीपन, रुचिकारक, बृंहण, वृष्य, स्निग्ध, पाचक, सारक, भग्नसंधानकारक, पिच्छिल, कण्ठ के लिए हितकारी, पित्त तथा रक्तवर्धक, यह बल तथा वर्ण को उत्पन्न करने वाला, मेधाशक्ति वर्धक, नेत्रों के लिए हितकर, रसायन, धातुवर्धक, वर्ण, केश तथा स्वर को उत्तम बनाने वाली होती है।
  • यह हिक्का, हृद्रोग, जीर्णज्वर, कुक्षिशूल, विबन्ध, गुल्म, अरुचि, कास, शोथ, अर्श, कुष्ठ, अग्निमांद्य, श्वास, कृमि, अजीर्ण तथा ज्वर शामक है।

लहसुन सेवन के अयोग्य व्यक्ति

  • पाण्डु रोग, उदर रोग, उरक्षत, शोथ, तृष्णा, पानात्यय, वमन, विषजन्य विकार, पैत्तिक रोग, नेत्ररोग से पीड़ित तथा दुर्बल शरीर होने पर रसोन का सेवन नहीं करना चाहिए।

लहसुन सेवन करने वालों के लिए हितकर तथा अहितकर पदार्थ

  • मद्य, मांस तथा अम्लरस-युक्त भक्ष्य पदार्थ लहसुन सेवन करने वालो के लिए हितकर होते हैं।
  • व्यायाम, आतप (धूप) सेवन, क्रोध करना, अत्यन्त जलपान, दूध तथा गुड़ इनका सेवन करने वाले मनुष्यों को लहसुन का सेवन करना अहितकर होता है।
  • शीतल जल, गुड़ तथा दूध का अधिक सेवन करने वाले और पिष्टी (उड़द की पीठी), अम्ल रस तथा मद्य से द्वेष करने वाले व्यक्ति को अत्यधिक तीक्ष्ण पदार्थों के साथ तथा अजीर्ण (अपच) में लहसुन सेवन करना अहितकर होता है।

लहसुन का बल्ब

  • ब्रॉंकइटिस, डायबिटीज, रुमैटिक फीवर, अफरा, कृमिरोग, बैक्टैरिअल जीवाणु तथा फंगल रोगों को ठीक करता है।

लहसुन

  • आर्टरीज के कठिन रोगन को ठीक करता है तथा रक्त कोलेस्टेरॉल स्तर को कम करता है।
  • इसका प्रयोग उच्च रक्तगत वसा (Hyperlipidaemia) एवं अल्प रक्तचाप (Mild hypertension) के उपचार के लिए किया जाता है।
  • इसमें जीवाणुनाशक गुण पाए जाते हैं।

औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि

  1. गंजापन-
  • लहसुन को तिल तैल में पकाकर, छानकर, तैल को सिर में लगाने से गंजापन में लाभ होता है।

       2. दाद में लाभ-

  • लहसुन को पीसकर सिर पर लगाने से सिर में होने वाली दाद का शमन होता है।
  1. अधकपारी-
  • लहसुन को पीसकर मस्तक पर लगाने से आधासीसी की वेदना का शमन होता है।
  1. कान का दर्द-
  • लहसुन, अदरख, सहिजन, मुरङ्गी, मूली तथा केले के रस को किंचित् उष्ण (गुनगुना) करके, कान में डालने से कर्णशूल (कान के दर्द) का शमन होता है।
  • लहसुन स्वरस में लवण मिलाकर 1-2 बूंद कान में डालने से कान की वेदना का शमन होता है।
  • सरसों के तैल में लहसुन को पकाकर छानकर, 1-2 बूंद कान में डालने से कर्णशूल का शमन होता है।
  1. कान में संक्रमण-
  • लहसुन को अर्कपत्र में लपेट कर, आग में गर्म कर, फिर लहसुन का रस निकाल कर 1-2 बूंद रस को प्रातकाल कान में डालने से वात तथा पित्तजन्य कर्णस्राव में लाभ होता है।
  1. श्वास (दमा) में-
  • वेग युक्त हिक्का (हिचकी) तथा श्वास (दमा) में लहसुन तथा प्याज के रस का नस्य (नाक में डालना) लेने से लाभ होता है।
  • 5 मिली लहसुन स्वरस को गुनगुने जल के साथ सेवन करने से दमा में लाभ होता है।
  1. स्तनवृद्धि-
  • लहसुन का सेवन करने से स्तन्य की वृद्धि होती है।

  1. टीबी में लाभ-
  • 10 मिली रसोन क्वाथ में दुग्ध मिलाकर अल्प मात्रा में प्रयोग करने से उदावर्त, गृध्रसी, राजयक्ष्मा हृदय रोगों में लाभ होता है।
  1. हैजा में लाभ-
  • लहसुनादि वटी (लहसुन, जीरा, सेंधानमक, गंधक, सोंठ, मरिच, पिप्पली, हींग) का सेवन करने से विसूचिका रोग में शीघ्र लाभ होता है।
  1. पाचन में लाभ-
  • प्रात काल लहसुन कल्क (1 ग्राम) में काञ्जी मिलाकर सेवन करने से वात कफजन्य शूल का शमन होता है और जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
  1. स्प्लीन रोगों में लाभ-
  • प्रतिदिन समभाग लहसुन, पिप्पली मूल और हरीतकी को पीसकर कल्क या चूर्ण बनाकर 1-2 ग्राम मात्रा में सेवन करने से प्लीहा-विकारों का शमन होता है।
  1. डायरिया में लाभ-
  • 1-2 ग्राम लहसुन की कलियों का सेवन करने से उदरकृमियों, अतिसार व प्रवाहिका का शमन होता है।
  1. वैजिनल रोगों में लाभ-
  • प्रतिदिन प्रात काल लहसुन का रस (5 मिली) पीने से तथा भोजन में दूध आदि का सेवन करने से योनिरोगों का शमन होता है।

  1. गाउट रोगों में लाभ-
  • लहसुन के सूक्ष्म कल्क (1-2 ग्राम) को घृत के साथ खाकर घृतबहुल भोजन करने से वातजन्य रोगों का शमन होता है।
  • लहसुन स्वरस से सिद्ध तिल तैल का प्रयोग सभी प्रकार के वात-विकारों का शमन करता है।
  • प्रतिदिन लहसुन के कल्क तथा स्वरस से सिद्ध तैल का सेवन करने से दुर्निवार्य वात रोग में भी शीघ्र लाभ मिलता है।
  • प्रतिदिन प्रातकाल 1-2 ग्राम लहसुन कल्क में घी मिला कर सेवन करने से वातविकारों का शमन होता है।
  • लहसुन को तैल में पकाकर, छानकर मालिश करने से वात विकारों का शमन होता है।
  1. मुख का लकवा में लाभ-
  • लहसुन कल्क (1-2 ग्राम) को तैल तथा घृत के साथ सेवन करने से अर्दित (मुख का लकवा) रोग में लाभ होता है।
  1. गर्दन के जकड़ना में लाभ-
  • प्रतिदिन प्रात काल लहसुन (1-2 ग्राम) कल्क में सेंधानमक तथा तिल तैल मिलाकर खाने से हनुग्रह (गर्दन का जकड़ना) में लाभ होता है।
  1. फोड़े फुंसियों, त्वचा रोगों में लाभ-
  • लहसुन को पीसकर लगाने से पिडका (फून्सी) तथा विद्रधि का शमन होता है।
  • लहसुन को पीसकर व्रण, शोथ, विद्रधि तथा फून्सियों में लगाने से लाभ होता है।
  • लहसुन को राई के तैल में पकाकर छानकर तैल की मालिश करने से त्वचा-विकारों का शमन होता है।
  1. मलेरिया में लाभ-
  • भोजन से पूर्व लहसुन कल्क में तिल तैल मिलाकर खाने के पश्चात्, मेदवर्धक आहार का सेवन करने से विषमज्वर (मलेरिया) में लाभ होता है।
  1. अनेक रोग में लाभ-
  • सूखे हुए छिलका रहित 200 ग्राम लहसुन में 8-8 गुना दूध एवं जल मिलाकर दूध शेष रहने तक पकाकर, छानकर (15-20 मिली मात्रा में) पीने से वातगुल्म, पेट फूलना (उदावर्त), गृध्रसी, विषमज्वर (मलेरिया), हृद्रोग, विद्रधि तथा शोथ (सूजन) में शीघ्र लाभ होता है।
  • जल के अनुपान से 2-4 ग्राम रसोन कल्क का सेवन करने से आमवात (लकवा) सर्वांगवात, एकांगवात, अपस्मार, मंदाग्नि, विष, उन्माद (पागलपन), भग्न, शूल (दर्द) आदि रोगों में लाभ होता है।
  • लहसुन स्वरस में लवण मिलाकर लेप करने से स्नायुशूल तथा मोच में लाभ होता है।
  • लहसुन के 5 मिली स्वरस में 5 मिली घृत मिलाकर पिलाने से आमवात में लाभ होता है।
  • व्रण में कृमि पड़ गए हों तो लहसुन के सूक्ष्म कल्क को व्रण (घाव) पर लेप करने से कृमि नष्ट होते हैं।
  • लहसुन के कल्क (1-2 ग्राम) को तिल तैल तथा सेंधानमक के साथ खाने से सम्पूर्ण वातरोगों तथा विषमज्वर का शमन होता है। 7 दिन तक प्रतिदिन बढ़ाते हुए लहसुन कल्क को दूध, तैल, घी अथवा चावल आदि के साथ खाने से वातजन्य विकार, विषमज्वर, गुल्म, प्लीहा, शूल, शुक्रदोष आदि रोगों का शमन होता है।
  • शीतकाल में अग्नि एवं बल के अनुसार लहसुन का सेवन अन्न निर्मित भोज्य पदार्थों के साथ करना चाहिए।
  • उड़द की दाल को लहसुन के साथ पीसकर, सेंधानमक, अदरख कल्क तथा हींग चूर्ण मिलाकर, तिल तैल में उसका वटक छान कर खाने से हनुस्तम्भ (गर्दन का जकड़ना) में लाभ होता है।

 

 

 

 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

राष्ट्रीय

कोरोना का डबल अटैक, दिल्ली एम्स ने जारी की एडवाइजरी

एस. के. राणा April 13 2023 23860

एम्स की ओर से अस्पताल में सभी कर्मचारियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। एडवाइजरी के मुताबि

उत्तर प्रदेश

जिला अस्पताल में मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर

विशेष संवाददाता April 28 2023 23518

जिला चिकित्सालय में एक बेटा मां को अपनी गोद में ले जाता हुआ नजर आ है है। दूरदराज से इलाज कराने के लि

स्वास्थ्य

बढ़ती आबादी और बढ़ती उम्र दृष्टि दोष का सबसे बड़ा कारण।

लेख विभाग October 20 2021 26746

कम दृष्टि के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मधुमेह, आंखों में चोट लग जाना, उम्र के साथ आंखे कमजोर होना.

उत्तर प्रदेश

अटल चिकित्सा विवि सहित 6 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का रास्ता साफ़, 18 माह में पूरा होगा निर्माण।

हे.जा.स. February 10 2021 15373

चंदौली, पीलीभीत, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, कौशांबी और बिजनौर के मेडिकल कॉलेजों के भवन के लिए तय

उत्तर प्रदेश

टीबी मरीजों को गोद लेने वाले 5000 से अधिक निक्षय मित्र पोर्टल पर पंजीकृत

रंजीव ठाकुर September 07 2022 39847

टीबी मरीजों को गोद लेने वाले 5000 से अधिक निक्षय मित्रों को अब तक निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किया जा च

राष्ट्रीय

दिल का दौरा पड़ने पर 15 मिनट में पहुंचेगी बाइक एंबुलेंस: एम्स

एस. के. राणा October 14 2022 18435

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से 5 किलोमीटर के दायरे में यदि किसी को भी दिल का दौरा पड़ता है तो म

राष्ट्रीय

हर साल 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से मौत का शिकार हो जाते हैं: डब्ल्यूएचओ

एस. के. राणा March 09 2022 23140

इसमें कोई शक़ नहीं कि धूम्रपान करना एक बेहद ख़राब आदत है। स्मोकिंग एक व्यक्ति को कई तरह से प्रभावित

राष्ट्रीय

गरीब निःसंतान दंपतियों को कम खर्च में मिलेगा लाभ, हमीदिया में बनेगा आईवीएफ सेंटर

विशेष संवाददाता September 24 2022 29135

आईवीएफ की प्रक्रिया में प्रायवेट अस्पतालों में लाखों का खर्च होता है। ऐसे में प्रदेश के गरीब दंपती ज

उत्तर प्रदेश

विधानसभा में स्पेशल हेल्थ कैंप, सीएम योगी ने किया शुभारंभ

आरती तिवारी September 20 2022 19814

यूपी विधानसभा मॉनसून सत्र के पहले दिन सीएम योगी ने विधानसभा में विधायकों के लिए स्वास्थ्य शिविर का उ

राष्ट्रीय

दवा उपभोगताओं के लिए वरदान साबित हो रहा है जन औषधि केंद्र, कोरोना संकटकाल में भी बढ़ाया मुनाफ़ा।

हे.जा.स. January 26 2021 17548

जनऔषधि दवाओं की कीमत कम से कम 50% और कुछ मामलों में, ब्रांडेड दवाओं के बाजार मूल्य का 80% से 90% तक

Login Panel