देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन की तुलना में 70 गुना अधिक तेजी से संक्रमण फैला सकता है: शोध

अध्ययन में ओमिक्रॉन वैरिएंट को संक्रामक तो अधिक पाया गया लेकिन इसे बहुत खतरनाक नहीं माना जा रहा है।

लेख विभाग
December 16 2021 Updated: December 16 2021 22:50
0 22881
ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन की तुलना में 70 गुना अधिक तेजी से संक्रमण फैला सकता है: शोध प्रतीकात्मक

कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनियाभर के स्वास्थ्य संगठनों और वैज्ञानिकों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। अब तक हुए अध्ययनों में वैज्ञानिक इस वैरिएंट को काफी संक्रामक मान रहे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट ने दोबारा से लॉकडाउन जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाव के लिए सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है, यह उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जिनका पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है।

इस बीच ओमिक्रॉन वैरिएंट की संक्रामता और गंभीरता को लेकर अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की एक टीम ने बड़ा खुलासा किया है। अध्ययन के अनुसार, कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट, डेल्टा और मूल कोविड-19 स्ट्रेन की तुलना में 70 गुना अधिक तेजी से संक्रमण फैला सकता है, हालांकि इससे बीमारी के गंभीर रूप लेने का खतरा काफी कम देखा गया है। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने जानने की कोशिश की है कि यह नया वैरिएंट शरीर के किन अंगों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है, आइए इस बारे में आगे की स्लाइडों में विस्तार से जानते हैं। 

बेहद संक्रामक है कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट
हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की संक्रामता और गंभीरता को जानने के लिए अध्ययन किया। वैज्ञानिकों का कहना है कि अध्ययन में इस वैरिएंट को अब तक के तमाम कोरोना वैरिएंट्स से कहीं अधिक संक्रामक पाया गया है। यह मनुष्यों के ब्रोन्कस में डेल्टा और अन्य वैरिएंट्स की तुलना में 70 गुना अधिक तेजी से अपने आप को बढ़ा सकता है। ब्रोन्कस, निचले श्वसन पथ में स्थित एक वायुमार्ग है जिससे फेफड़ों में हवा का संचालन होता है।

ओमिक्रॉन वैरिएंट का फेफड़ों पर असर
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना के डेल्टा और अन्य वैरिएंट्स की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट का असर फेफड़ों पर कम देखा गया है, यही कारण है कि इससे होने वाला संक्रमण ज्यादा गंभीर रूप नहीं ले रहा है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने श्वसन पथ के एक्स-विवो कल्चर को लेकर अध्ययन किया जिससे यह पता लगाया जा सके कि अन्य वैरिएंट्स की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण और रोग की गंभीरता भिन्न क्यों है?

ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण की गंभीरता कम
हांगकांग विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर माइकल चैन ची-वाई और उनकी टीम द्वारा किए गए इस अध्ययन में ओमिक्रॉन वैरिएंट को संक्रामक तो अधिक पाया गया लेकिन इसे बहुत खतरनाक नहीं माना जा रहा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि संक्रमण के 24 घंटे बाद, ओमिक्रॉन वैरिएंट, डेल्टा और मूल सार्स-सीओवी-2 वायरस की तुलना में लगभग 70 गुना अधिक तेजी से अपने आप को बढ़ाना शुरू कर देता है।  फिलहाल अच्छी बात यह है कि अन्य वैरिएंट्स की तुलना में मानव फेफड़े के ऊतकों को यह 10 गुना कम प्रभावित करता है, जिसके कारण बीमारी के गंभीर रूप लेने का जोखिम भी कम पाया गया है। 

क्या है अध्ययन का निष्कर्ष?
अध्ययन के निष्कर्ष में प्रोफेसर माइकल चैन कहते हैं, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मनुष्यों में बीमारी की गंभीरता न केवल वायरस प्रतिकृति द्वारा निर्धारित की जाती है, बल्कि संक्रमण के लिए होस्ट इम्यून रिस्पॉस का ध्यान रखना भी आवश्यक है। इसके अलावा यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि भले ही कोई वायरस स्वयं में कम रोगजनक हो लेकिन अधिक लोगों को संक्रमित करने से वह अधिक संक्रामक बीमारी और मृत्यु का कारण बन सकता है। ओमिक्रॉन वैरिएंट की गंभीरता भले ही कम है लेकिन इसका तेजी से बढ़ना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसपर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है।  

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

राष्ट्रीय

कोरोना को लेकर दिल्ली सरकार अलर्ट

अखण्ड प्रताप सिंह April 06 2023 23907

कोरोना को लेकर सरकार अलर्ट मोड में नजर आ रही है। वहीं दिल्लीन के 4 सबसे बड़े अस्पतालों में भी तैयारी

राष्ट्रीय

कोरोनारोधी टीके के बूस्टर डोज़ पर पुनर्विचार करेगी केंद्र सरकार

एस. के. राणा January 27 2022 19694

केंद्र सरकार जल्द ही कोरोना की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज पर अपनी पॉलिस पर फिर से विचार कर सकती है।

व्यापार

ल्यूपिन को जेनेरिक दवा Droxidopa अमेरिकी बाज़ार में बेचने की मिली मंजूरी।

हे.जा.स. February 20 2021 19358

इसका उत्पाद नागपुर स्थित फैक्ट्री में किया जाएगा। IQVIA MAT दिसंबर 2020 के अनुसार, Droxidopa कैप्सूल

स्वास्थ्य

खाने की स्‍वस्‍थ आदतों से बच्‍चे होते है स्वस्थ्य - माधुरी रूइया

लेख विभाग February 24 2021 24477

बादाम- बादाम बच्चों के लिये बेहतरीन स्नैक्स हैं- वे कुरकुरे, स्वादिष्ट और मीठे होते हैं, इसलिये उन्ह

राष्ट्रीय

नहीं थम रही कोरोना की रफ्तार

एस. के. राणा April 02 2023 21231

कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। देश में 18 हजार के आसपास कोरोना के सक्रिय मरीज हो गए हैं।

स्वास्थ्य

सही समय पर इलाज से निमोनिया से बचाव संभव

लेख विभाग November 12 2022 25498

अगर समय बच्चों के टीके लगवाए जाए और सामान्य सर्दी, फीवर, खांसी, कफ की शिकायत होने पर बच्चों को डॉक्

उत्तर प्रदेश

मोबाइल की लत से युवाओं को लग रहा मनोरोग: मेरठ मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट

विशेष संवाददाता July 07 2022 25185

मेरठ मेडिकल कॉलेज और मनोरोग विभाग, जिला अस्पताल ने जनवरी से जून के बीच आएं 2653 मरीजों की पड़ताल की

अंतर्राष्ट्रीय

पिछले एक महीने में चीन की 40% आबादी कोरोना संक्रमित हुई

हे.जा.स. January 09 2023 21409

कोरोना संक्रमण चीन में तबाही मचा रहा है। चीन की कुल जनसंख्या में से करीब 40 प्रतिशत लोग कोरोना संक्र

उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में बढ़े निमोनिया के मरीज, अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग

अनिल सिंह February 26 2023 26221

जिला चिकित्सालय की ओपीडी से लेकर यहां भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ी है। जिला

राष्ट्रीय

कोरोना रोधी टीके की दूसरी डोज़ लगाने पर हो रही सुस्ती के कारण केंद्र सरकार चिंतित।

एस. के. राणा October 23 2021 29740

देश में अब तक जितने कोरोना टीके लगे हैं, उनमें 90 फीसदी संख्या पहली डोज की ही है। कोरोना से बचाव के

Login Panel