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डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद जिला अस्पताल की सूरत बदलने की कवायद जारी

अस्पताल परिसर में ड्रेनेज का कार्य, सम्पर्क पथ का निर्माण, पुराने भवनों की मरम्मत समेत रंग-रोगन का कार्य बाकी पड़ा है। 50-60 फीसदी काम हुए हैं, तो इतने ही काम अभी होने हैं।

विशेष संवाददाता
November 07 2022 Updated: November 07 2022 03:52
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डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद जिला अस्पताल की सूरत बदलने की कवायद जारी जिला अस्पताल, नवादा, बिहार

नवादा। जिला अस्पताल की सूरत बदलने की कवायद जारी है। अस्पताल परिसर में रहे पुराने भवनों की मरम्मत के बाद रंग-रोगन का काम तेजी से हो रहा है। महिला एवं प्रसूति वार्ड हो या नशामुक्ति या एनसीडी क्लिनिक का भवन। सभी पुराने भवनों में जरूरत के अनुरुप मरम्मत के बाद रंगाई-पुताई चल रही है।

 

उप मुख्यमंत्री (deputy cm) सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश के आलोक में जिला अस्पताल को मॉडर्न लुक देने का काम शुरू हुआ है। हालांकि डिप्टी सीएम सह हेल्थ मिनिस्टर (health minister) ने पदाधिकारियों को कार्ययोजना बनाकर 60 दिनों के अंदर लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया था, 07 सितम्बर को निर्देशन प्राप्त हुआ। लेकिन इस समय अवधि में जिला अस्पताल (hospital) की सूरत बदलने की कम ही गुंजाईश दिखती नजर आ रही है। फिलहाल, अस्पताल परिसर में ड्रेनेज (dranage) का कार्य, सम्पर्क पथ का निर्माण, पुराने भवनों की मरम्मत समेत रंग-रोगन का कार्य बाकी पड़ा है। 50-60 फीसदी काम हुए हैं, तो इतने ही काम अभी होने हैं।

 

सदर अस्पताल में चिकित्सक (doctors) के स्वीकृत पदों की संख्या 72 हैं, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सक भी शामिल हैं लेकिन अस्पताल की स्थिति बेहद खराब है। जिला अस्पताल में 20 से भी कम संख्या में चिकित्सक अपनी सेवा दे रहे हैं। इनमें दर्जनभर से भी कम संख्या में चिकित्सक ओपीडी (OPD) संभाल रहे हैं। 08-09 चिकित्सकों के भरोसे दिनभर बाह्य रोगियों को देखा जाता है, तो महिला एवं प्रसूति विभाग में भी आधा दर्जन से कम महिला डॉक्टर हैं। सर्जिकल, नाक-कान-गला विभाग, नशामुक्ति, इमरजेंसी जैसे जरूरी विभागों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की भारी किल्लत है। ऑपरेशन थियेटर हो या इमरजेंसी (emergency) की स्थिति, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों का भारी टोटा साफ झलकता है।

 

फिलहाल, सदर अस्पताल में 02 दर्जन से भी कम चिकित्सकों के भरोसे चिकित्सा व्यवस्था संचालित हो पा रही है। हालांकि अगस्त 2020 में जिले के अस्पतालों में 22 विशेषज्ञ (expert) चिकित्सक बहाल हुए थे, जिसमें सदर अस्पताल को भी दर्जनभर डॉक्टर मिले। लेकिन इनमें अधिकतर डॉक्टरों उच्चतर पढ़ाई (education) को लेकर अवकाश पर हैं।

 

Edited by Shweta Singh

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