वर्तमान स्थितियों को देखते हुए हेल्थकेयर सेक्टर में करियर विकल्पों को तलाशना ना सिर्फ भविष्य के लिए लाभदायी है, बल्कि सार्थकता का अनुभव देने वाला करियर विकल्प भी है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट अवसरों से भरपूर क्षेत्र है।
हॉस्पिटल मैनेजमेंट का करियर हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन या हेल्थकेयर मैनेजमेंट के नाम से भी जाना जाता है। मैनेजमेंट के कोर्सेज में यह तुलनात्मक रूप से नया क्षेत्र है। इन दिनों महामारी के संदर्भ में वर्तमान हेल्थकेयर सेक्टर की जरूरतें इस करियर विकल्प के महत्व को समझाने के लिए काफी हैं। हेल्थ केयर से संबंधित अध्ययन और शोधों का मानना है कि आने वाले समय में ऐसी समस्याओं के लिए हमें बेहतर तरीके से तैयार होना होगा। स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना एक अहम काम है और उन्हें वक्त के साथ सुनियोजित ढंग से उन्नत और आधुनिक बनाते जाना भी जरूरी है। इन सभी कामों के लिए हेल्थकेयर मैनेजर्स की आवश्यकता पड़ती है।
क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ष 2020 की शुरुआत में पंद्रहवें फाइनेंस कमीशन द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय कमेटी ने भी हेल्थकेयर सेक्टर में आने वाले पांच सालों में 3000 से 5000 के लगभग छोटे स्तर के निजी अस्पतालों के खोले जाने का सुझाव दिया था। भारत सरकार की आयुष्मान भारत स्कीम के अनुसार, आने वाले 2025 तक भारत को साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा बेड्स की आवश्यकता होगी। जाहिर है कि ऐसी जरूरतों के लिए सही प्रबंधन करने वाले कुशल युवाओं की उसी अनुपात में जरूरत पैदा होगी।
क्या होगा काम
हेल्थ केयर एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट हॉस्पिटल मैनेजमेंट के अंतर्गत ही आता है। अस्पताल प्रबंधक अस्पताल से संबंधित सभी व्यवस्थाओं पर पैनी नजर बनाए रखता है, ताकि संसाधनों का समुचित और बेहतर इस्तेमाल हो व इलाज के लिए आने वालों को सेवा प्रदान करने का कुशल तंत्र विकसित हो।
एमबीए कोर्स को दें वरीयता
इस क्षेत्र में एमबीए की डिग्री आपको एक शानदार भविष्य देगी। कैट, मैट, जीमैट, सीमैट जैसी प्रवेश परीक्षाओं के बाद आप अच्छे संस्थान से कोर्स चुनें। इसके बाद आपको एंट्री लेवल या मिड लेयर पदों पर नियुक्ति मिलेगी।
कोर्स में प्रवेश की शर्तें
बैचलर्स इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री में प्रवेश पाने के लिए 12वीं में साइंस स्ट्रीम से बायोलॉजी के साथ कम से कम 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं। कई यूनिवर्सिटी में ग्रुप डिस्कशन तथा इंटरव्यू के आधार पर भी चयन किया जाता है। जो लोग गैर मेडिकल फील्ड से हैं, वो भी इस कोर्स से जुड़ सकते हैं। मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (एमएचए) में किसी भी संकाय की बैचलर डिग्री के बाद एडमिशन मिल सकता है। इसके लिए प्रवेश परीक्षा देनी होगी।
क्या हैं कोर्स
इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए मुख्यत: प्रोफेशनल कोर्स, बैचलर ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट होता है, जिसकी समयावधि 3 साल होती है। मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन और एमबीए इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन करने के लिए दो साल की अवधि निर्धारित है। इसके चार सेमेस्टर होते हैं।
डॉक्टोरल डिग्री एमडी/एमफिल भी कर सकते हैं, जिसके लिए मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन डिग्री होना अनिवार्य है। ईएमबीए, पीजीडीएचएम तथा एडीएचएम जैसे कोर्सेज की समय अवधि एक साल सुनिश्चित है। शॉर्ट टर्म से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा कोर्स भी इसमें उपलब्ध हैं। लेकिन डिग्री कोर्स को वरीयता दें।
कुछ संस्थानों, जैसे एम्स और एएफएमसी जैसे चर्चित संस्थानों में पीजी कोर्स में केवल उन छात्रों को ही मौका मिल पाता है, जिन्होंने एमबीबीएस की डिग्री पूरी कर ली होती है। इसके अलावा यदि आप डिस्टेंस लर्निग के इच्छुक हैं तो भी इसमें कोर्स उपलब्ध हैं।
जॉब प्रोफ़ाइल
- अनुभवी लोगों के लिए मेडिकल कॉलेजों के डीन और निदेशक तक की संभावनाएं खुली होती हैं।
- शुरुआत में ब्लड बैंक एडमिनिस्ट्रेटर, मेडिकल एंड हेल्थ सर्विस मैनेजर आदि के पदों पर नियुक्तियां मिलती हैं।
- हेल्थकेयर फाइनेंस मैनेजर्स मेडिकल संस्थान की वित्तीय योजना, प्रबंधन आदि देखते हैं।
- हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, हॉस्पिटल के सेवा संचालन को देखते हैं। एचआर रिक्रूटमेंट का काम भी मिल सकता है।
नौकरी के अवसर
इस कोर्स को करने के बाद आप सरकारी या निजी, किसी भी तरह के संस्थान में काम कर सकते हैं। चाहे तो हॉस्पिटल सेक्टर, इंटरनेशनल और डोमेस्टिक हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी, नर्सिंग होम आदि में नियुक्ति हो सकती है। अपोलो, वॉकहार्ट, मैक्स, फोर्टिस, टाटा, डंकन, विप्रो, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड, अपोलो हेल्थ केयर जैसी कंपनियों से भी जुड़ सकते हैं। फ्रेशर बतौर असिस्टेंट हॉस्पिटल मैनेजर करियर शुरू कर सकते हैं।
वेतन
इस क्षेत्र में आकर्षक सैलरी के साथ-साथ आपको लोगों की सेवा करने का मौका भी मिलता है। सरकारी संस्थानों में वेतन मानकों के अनुसार मिलता है लेकिन निजी संस्थानों में आप शुरुआती समय में 30 हजार से 40 हजार रुपए महीना तक कमा सकते हैं। लेकिन यह कंपनी के कद और आपकी योग्यता से तय किया जाता है। आपके अनुभव के साथ-साथ वेतन में भी बढ़ोतरी होती है।
प्रमुख संस्थान
-एम्स, नई दिल्ली
-अपोलो इंस्टीट्य़ूट ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हैदराबाद
-आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पुणे
-देवी अहिल्या विश्वविद्यालया, इंदौर
-इंडियन इंस्टीट्य़ूट ऑफ सोशल वेलफेयर और मैनेजमेंट, कोलकाता
-टाटा इंस्टीट्य़ूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई
-सुभारती यूनिवर्सिटी, मेरठ
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77091
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS