गोरखपुर। चिकित्सा क्षेत्र में बूम का शिक्षा माफिया खूब फायदा उठा रहे हैं। राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज इसका उदाहरण है। फर्जी मान्यता के आधार पर संचालित कालेज प्रशासन ने 12 सौ छात्रों का भविष्य अंधकार में कर दिया है। इन छात्रों से एडमिशन के नाम पर मोटी रकम डोनेशन के तौर पर ली गई। हर साल 50 से 60 हजार फीस ली गई। अब तीन साल की पढ़ाई के बाद छात्रों को पता चला कि कॉलेज को मान्यता ही नहीं मिली है। कालेज द्वारा दिखाई गई मान्यता फर्जी है। इस फर्जीवाड़े पर शासन ने कालेज प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। इसके बाद से छात्रों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है। अब छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं। उनका कहना है अब उनके पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
फूटा गुस्सा, छात्र ने की आत्मदाह की कोशिश
गोरखपुर के जंगल धूसड़ स्थित राज स्कूल ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज (Nursing and Paramedical College) की मान्यता बहाली का शासनादेश फर्जी होने की जानकारी के बाद से लगातार वहां के छात्र कॉलेज प्रबंधन पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। इसके लेकर छात्रों का आंदोलन एक बार फिर से शुरू हो गया है। बुधवार को छात्रों ने पिपराइच रोड जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ आक्रोशित छात्रों ने आत्मदाह का भी प्रयास किया।
डेढ़ महीने से चल रहा छात्रों का प्रदर्शन
जंगल धूसड़ स्थित राज स्कूल ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग को लेकर वहां के छात्र करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पूर्व जनवरी के दूसरे व चौथे हफ्ते में छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इसका संज्ञान लेते हुए एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कोतवाली पुलिस को प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। एसएसपी के आदेश के बाद हरकत में आई कोतवाली पुलिस ने संचालक के घर पर दबिश दी थी। हालांकि आरोपी प्रबंधक घर पर नहीं मिला।
चार दिन से कैंपस में आंदोलन कर रहे हैं छात्र
19 फरवरी से ही छात्र कॉलेज कैंपस में लगातार आंदोलन कर रहे हैं। करीब 300 से 400 छात्र आंदोलन पर बैठे हुए हैं। यह छात्र बेमियादी आंदोलन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जनवरी में दो बार आंदोलन किया गया। बीते 10 जनवरी और 18 जनवरी को आंदोलन के दौरान प्रशासन की तरफ से ठोस कार्रवाई का आश्वासन मिला था। यह आश्वासन कागजी साबित हुआ। अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। कालेज प्रशासन बेखौफ है। उसने मामले को मैनेज कर लिया है। पुलिस के सामने नाले में कूद गया छात्र: इस आंदोलन के दौरान बुधवार को अचानक मामला बिगड़ गया। आंदोलन कर रहे छात्र गोरखपुर-पिपराइच मार्ग पर सड़क जाम किए हुए थे। उग्र छात्रों ने नर्सिंग कॉलेज के संचालक डॉ. अभिषेक यादव का पुतला फूंका। इसी दौरान आंदोलन कर रहा छात्र राहुल मद्धेशिया पास के तुर्रा नाले में कूद गया। इसके बाद तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पिपराइच के थानाध्यक्ष मधुप नाथ मिश्रा और दो सिपाही नाले में कूदे। उन्होंने छात्र को बाहर निकाला। इससे पहले वह छात्र अपने शरीर पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की धमकी भी दिया था।
छात्रों को समझाने में विफल रहा प्रशासन
छात्रों का आंदोलन प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली भी दर्शा रहा है। जनवरी में हुए आंदोलन के दौरान प्रशासन ने आश्वासन दिया था। हालांकि उसके बाद कोई ठोस कार्यवाही हुई नहीं। इसने छात्रों का विश्वास प्रशासन से डिग गया है। इस बार भी प्रशासन के अधिकारी कार्यवाही का आश्वासन दे रहे हैं लेकिन छात्र अपने आंदोलन से टस से मस नहीं हो रहा है।
यह है मांगें
छात्रों ने बताया कि प्रशासन से कुछ मांगे रखी है। पहली तो अब तक ली गई फीस वापस हो। छात्रों को किसी अन्य कालेज में ट्रांसफर किया जाए। कालेज प्रशासन पर कार्रवाई की जाए। छात्रों से ली गई डोनेशन की रकम भी वापस कराई जाए।
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