लखनऊ। आज का दिन एतिहासिक है क्योंकि आज देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने “प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान ” की शुरुआत की है जिसका उदेश्य टीबी मुक्त भारत अभियान को एक जन आन्दोलन का रूप देना है। इन बातों से डॉ सूर्यकांत ने टीबी पर आयोजित सीएमई की शुरुआत की।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च एंड इनोवेशन (CHRI) के ज्वाइंट एफर्ट फॉर एलिमिनेशन ऑफ ट्यूबरकुलोसिस (jeet project) 2.0 प्रोजेक्ट के सहयोग से “टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी” विषय पर सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम(CME) आयोजित हुई।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के उत्तर प्रदेश स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमैन और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (kgmu) के रेस्परेटरी मेडिसिन (Respiratory Medicine) विभाग के अध्यक्ष डॉ सूर्यकांत (Dr. Suryakant) ने कहा कि दुनिया के 26% क्षय रोगी, 31% मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट (MDR) टीबी तथा 38% क्षय रोग से होने वाली मौतें भारत में होती हैं। टीबी संक्रमित व्यक्ति के खाँसने पर 3500 टीबी के बैक्टीरिया उसके मुंह से निकलते हैं जबकि एक टीबी का बैक्टीरिया ही टीबी के संक्रमण व सक्रिय टीबी बीमारी के लिए काफी है।
उन्होंने बताया कि टीबी के संक्रमण (TB infection) का होना अलग विषय है और सक्रिय टीबी (active TB) का होना अलग विषय है। टीबी संक्रमित व्यक्ति के शरीर के अंदर बैक्टीरिया निष्क्रिय अवस्था में होता है तथा उसमें टीबी का कोई लक्षण नहीं होता है। सक्रिय टीबी के रोगी में टीबी के लक्षण जैसे खांसी, खांसी में खून आना, बुखार होना, बच्चों का विकास रुक जाना, गले में गिल्टियाँ आदि होते हैं। टीबी का संक्रमण होने के बाद में उन लोगों को टीबी होने का खतरा ज्यादा होता है जिनको कुपोषण है या जो धूम्रपान या नशा करते हैं, जो एचआईवी या डायबिटीज या लंबे समय से फेफड़े, दिल या लिवर की बीमारी से ग्रसित हैं।
कार्यशाला में एसजीपीजीआई (SGPGI) की डॉ रिचा मिश्रा ने बताया कि क्षय रोग संक्रमण को रोकने के लिए एनटीईपी के तहत आइसोनियाजिड प्रीवेंटिव थेरेपी(IPT) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अभी तक पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों का उपचार इसके तहत किया जाता था लेकिन अब यह थेरेपी क्षय रोग से संक्रमित व्यक्ति के परिवार के लोगों को भी दी जाएगी। इसके तहत टीबी संक्रमित मरीज के परिवार के सदस्यों को चाहे वह बच्चा हो या वयस्क आयु के हिसाब से छह माह तक क्षय रोग प्रतिरोधक दवाएं दी जाती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्टेट कंसल्टेंट डॉ सृष्टि दीक्षित ने बताया कि संक्रमित परिवार के सदस्यों की टीबी की जांच की जाती है और यदि वह संक्रमित नहीं होता है तो उसे आईपीटी दी जाती है। इसके तहत आईएनएच (Isonicotinic Acid Hydrazide) की टेबलेट दी जाती है। परिवार के सदस्यों की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर जांच और इलाज किया जाता है। 12 साल से कम आयु के बच्चों में बलगम नहीं बनता है, इसलिए बच्चे की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के अनुसार उसका पेट से सैंपल (gastric lavage) जांच के आधार पर ही टीबी का पता लगाया जाता है।
जीत प्रोजेक्ट (Jeet Project) के स्टेट लीड डॉ दीपक ने क्षय रोग के बचाव और जीत प्रोजेक्ट के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में कार्यवाहक जिला क्षय रोग अधिकारी (District Tuberculosis Officer) डॉ आरवी सिंह ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया
इस मौके पर एसजीपीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) एवं क्षय रोग की नोडल अधिकारी डॉ प्रेरणा कपूर, चिकित्सक डॉ जिया हाशमी, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ अजय कुमार वर्मा व अन्य चिकित्सक, लोहिया अस्पताल (lohiya hospital) से डॉ मनीष कुमार सिंह, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Civil hospital) अस्पताल से डॉ डी.के.वर्मा, बलरामपुर अस्पताल (Balrampur Hospital) से डॉ आनंद गुप्ता, जिला अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधीक्षक, एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक दिलशाद हुसैन, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अभय चंद्र मित्रा, पब्लिक प्राइवेट मिक्स मैनेजर समन्वयक रामजी वर्मा, सौमित्र मित्रा, पूर्व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुशील चतुर्वेदी, डॉ बी.के.सिंह, प्रसाद मेडिकल कॉलेज के डॉ अंशुमालि श्रीवास्तव, जीत प्रोजेक्ट की डिस्ट्रिक्ट लीड, अंजुल सचान और जीत प्रोजेक्ट की पूरी टीम उपस्थित रही।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77313
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS