देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

टीबी संक्रमण और सक्रिय टीबी होना अलग-अलग विषय है: डॉ सूर्यकांत

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च एंड इनोवेशन के ज्वाइंट एफर्ट फॉर एलिमिनेशन ऑफ ट्यूबरकुलोसिस जीत प्रोजेक्ट के सहयोग से “टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी” विषय पर सीएमई आयोजित हुई।

रंजीव ठाकुर
September 10 2022 Updated: September 10 2022 03:25
0 22627
टीबी संक्रमण और सक्रिय टीबी होना अलग-अलग विषय है: डॉ सूर्यकांत

लखनऊ। आज का दिन एतिहासिक है क्योंकि आज देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने “प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान ” की शुरुआत की है जिसका उदेश्य टीबी मुक्त भारत अभियान को एक जन आन्दोलन का रूप देना है। इन बातों से डॉ सूर्यकांत ने टीबी पर आयोजित सीएमई की शुरुआत की।

 

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च एंड इनोवेशन (CHRI) के ज्वाइंट एफर्ट फॉर एलिमिनेशन ऑफ ट्यूबरकुलोसिस (jeet project) 2.0 प्रोजेक्ट के सहयोग से “टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी” विषय पर सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम(CME) आयोजित हुई।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के उत्तर प्रदेश स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमैन और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (kgmu) के रेस्परेटरी मेडिसिन (Respiratory Medicine) विभाग के अध्यक्ष डॉ सूर्यकांत (Dr. Suryakant) ने कहा कि दुनिया के 26% क्षय रोगी, 31% मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट (MDR) टीबी तथा 38% क्षय रोग से होने वाली मौतें भारत में होती हैं। टीबी संक्रमित व्यक्ति के खाँसने पर 3500 टीबी के बैक्टीरिया उसके मुंह से निकलते हैं जबकि एक टीबी का बैक्टीरिया ही टीबी के संक्रमण व सक्रिय टीबी बीमारी के लिए काफी है।

 

उन्होंने बताया कि टीबी के संक्रमण (TB infection) का होना अलग विषय है और सक्रिय टीबी (active TB) का होना अलग विषय है। टीबी संक्रमित व्यक्ति के शरीर के अंदर बैक्टीरिया निष्क्रिय अवस्था में होता है तथा उसमें  टीबी का कोई लक्षण नहीं होता है। सक्रिय टीबी के रोगी में टीबी के लक्षण जैसे खांसी, खांसी में खून आना, बुखार होना, बच्चों का विकास रुक जाना, गले में गिल्टियाँ आदि होते हैं। टीबी का संक्रमण होने के बाद में उन लोगों को टीबी होने का खतरा ज्यादा होता है जिनको कुपोषण है या जो धूम्रपान या नशा करते हैं, जो एचआईवी या डायबिटीज या लंबे समय से फेफड़े, दिल या लिवर की बीमारी से ग्रसित हैं।

 

कार्यशाला में एसजीपीजीआई (SGPGI) की डॉ रिचा मिश्रा ने बताया कि क्षय रोग संक्रमण को रोकने के लिए एनटीईपी के तहत आइसोनियाजिड प्रीवेंटिव थेरेपी(IPT) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अभी तक पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों का उपचार इसके तहत किया जाता था लेकिन अब यह थेरेपी क्षय रोग से संक्रमित व्यक्ति के परिवार के लोगों को भी दी जाएगी। इसके तहत टीबी संक्रमित मरीज के परिवार के सदस्यों को चाहे वह बच्चा हो या वयस्क आयु के हिसाब से छह माह तक क्षय रोग प्रतिरोधक दवाएं दी जाती हैं।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्टेट  कंसल्टेंट डॉ सृष्टि दीक्षित ने बताया कि संक्रमित परिवार के सदस्यों की टीबी की जांच की जाती है और यदि वह संक्रमित नहीं होता है तो उसे आईपीटी दी जाती है। इसके तहत आईएनएच (Isonicotinic Acid Hydrazide) की टेबलेट दी जाती है। परिवार के सदस्यों की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर जांच और इलाज किया जाता है। 12 साल से कम आयु के बच्चों में बलगम नहीं बनता है, इसलिए बच्चे की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के अनुसार उसका पेट से सैंपल (gastric lavage) जांच के आधार पर ही टीबी का पता लगाया जाता है।

 

जीत प्रोजेक्ट (Jeet Project) के स्टेट लीड डॉ दीपक ने क्षय रोग के बचाव और जीत प्रोजेक्ट के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में कार्यवाहक जिला क्षय रोग अधिकारी (District Tuberculosis Officer) डॉ आरवी सिंह ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया  

 

इस मौके पर एसजीपीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) एवं क्षय रोग की नोडल अधिकारी डॉ प्रेरणा कपूर, चिकित्सक डॉ जिया हाशमी, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ अजय कुमार वर्मा व अन्य चिकित्सक, लोहिया अस्पताल (lohiya hospital) से डॉ मनीष कुमार सिंह, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Civil hospital) अस्पताल से डॉ डी.के.वर्मा, बलरामपुर अस्पताल (Balrampur Hospital) से डॉ आनंद गुप्ता, जिला अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधीक्षक, एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक दिलशाद हुसैन, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अभय चंद्र मित्रा, पब्लिक प्राइवेट मिक्स मैनेजर समन्वयक रामजी वर्मा, सौमित्र मित्रा, पूर्व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुशील चतुर्वेदी, डॉ बी.के.सिंह, प्रसाद मेडिकल कॉलेज के डॉ अंशुमालि श्रीवास्तव, जीत प्रोजेक्ट की डिस्ट्रिक्ट लीड, अंजुल सचान और जीत प्रोजेक्ट की पूरी टीम उपस्थित रही।  

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

इंटरव्यू

मेदांता अस्पताल में एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया पीड़ित का हाफ-एचएलए मैच्ड बोन मैरो ट्रांसप्लांट हुआ

रंजीव ठाकुर September 23 2022 182611

इस बोन मैरो ट्रांसप्लांट में कई टीम्स ने मिल कर कार्य किया। ट्रांसप्लांट को लीड कर रहे डॉ अन्शुल गुप

राष्ट्रीय

कोवैक्सीन की बूस्टर डोज ओमिक्रॉन समेत कोरोना वैरिएंट्स के खिलाफ काफी असरदार: ICMR

विशेष संवाददाता April 10 2022 34260

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक की ओर से जनवरी में यह अध्य

राष्ट्रीय

उत्तरप्रदेश की राज्यपाल 10 और 11 दिसंबर को वाराणसी में स्वास्थ्य मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी

एस. के. राणा December 09 2022 23010

सार्वजनिक स्वास्थ्य कवच का लक्ष्य, “सभी लोगों को आवश्यक उन प्रोत्साहनयुक्त, रोकथामयुक्त, उपचारयुक्त

उत्तर प्रदेश

विश्व जनसंख्या दिवस पर आईएमए में हुआ जागरूकता कार्यक्रम

रंजीव ठाकुर July 11 2022 35681

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आईएमए ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें जनसंख्या से जुड़े मुद्दे प

राष्ट्रीय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शुरुआत किया मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण का अभियान

आनंद सिंह February 08 2022 20303

ऐसे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नियमित टीकाकरण सेवाएं मिल रही हैं जिन्हें अभी तक टीका नहीं लगा है य

स्वास्थ्य

देर रात तक जगने से खराब होता है स्वास्थ्य, हेल्दी नींद के उपाय पढ़ें

लेख विभाग February 17 2022 22056

कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें पलंग पर लेटते ही नींद आ जाती है। लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो घंटो

स्वास्थ्य

तनाव प्रबंधन और नियंत्रण के कुछ उपाय: डॉ. एच.पी. सिन्हा

लेख विभाग March 01 2022 36552

लंबे समय तक तनाव न केवल मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। तनावों क

राष्ट्रीय

ओमिक्रॉन के स्टील्थ वैरिएंट को हलके में लेने से यूरोप जैसे हो सकतें हैं हालात 

हे.जा.स. March 28 2022 28107

अमेरिका, ब्रिटेन और चीन में ओमिक्रॉन का यह नया सब वैरिएंट कहर बरपा रहा है। जिसके बाद भारत में भी चिं

उत्तर प्रदेश

डॉक्टरों की लापरवाही आई सामने, इलाज ना मिलने से मासूम की मौत

विशेष संवाददाता July 14 2023 24531

एक पीड़ित परिवार के द्वारा अपने बेटे को उल्टी और दस्त की शिकायत होने के बाद इलाज के लिए स्वास्थ्य के

राष्ट्रीय

कोविड-19 वैक्सीन पर केंद्र सरकार ने दी राहत, 31 मार्च तक कस्टम ड्यूटी माफ

एस. के. राणा January 17 2023 25109

विदेश से अपने देश आने वाली इंपोर्टेड कोविड-19 वैक्सीन की कीमते कम होने की उम्मीद है। कस्टम ड्यूटी मे

Login Panel