डिमेंशिया (Dementia) या मनोभ्रंश बड़ी उम्र में होने वाली एक समस्या है। ये कोई बीमारी नही है, बल्कि दिमाग या मस्तिष्क को नुकसान पहुंचने के बाद व्यक्ति के व्यवहार में आए बदलाव से पैदा होने लक्षणों का नाम है। डिमेंशिया का मरीज शारीरिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है। यहां तक कि दैनिक कार्यों को पूरा करने के लिए भी उसे दूसरों की मदद लेनी पड़ती है।
डिमेंशिया/Dementia खुद में कोई बीमारी नहीं है। ये समस्या तब होती है जब अल्जाइमर/टेंशन/डिप्रेशन/स्ट्रेस या किसी सदमे के कारण दिमाग को नुकसान पहुंचता है। अल्जाइमर को डिमेंशिया या मनोभ्रंश का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है।
डिमेंशिया क्या है? (What Is Dementia?
डिमेंशिया/Dementia शब्द 'De' मतलब Without और 'Mentia' मतलब Mind से मिलकर बना है। ज्यादातर लोग समझते हैं कि डिमेंशिया छोटी-छोटी बातों को भूल जाने की समस्या का नाम है। लेकिन चीजों को भूलना या याददाश्त कमजोर हो जाना ही इसका एकमात्र लक्षण नहीं है।
डिमेंशिया की समस्या इससे कहीं अधिक गंभीर है। इसके तमाम अन्य चिंताजनक लक्षण भी हो सकते हैं। इन लक्षणों का असर मरीज के रोजमर्रा के जीवन पर भी पड़ता है। ये समस्याएं उम्र बढ़ने के साथ और ज्यादा बढ़ती जाती हैं।
बहुत से लोग डिमेंशिया को सठियाना या फिर पागलपन समझ लेते हैं। लेकिन ये जानना बहुत जरूरी है कि डिमेंशिया होने का मतलब ये नहीं है कि मरीज मंदबुद्धि (Mental Retardation) है। ये सन्निपात, उन्माद या सांय-बांय बकना (Delirium) भी नहीं है। डिमेंशिया का मतलब पागलपन (Insanity) भी नहीं है। डिमेंशिया असल में अम्नीसिया (Amnesia) , याददाश्त खो जाना, चीजें भूल जाना नहीं है।
डिमेंशिया की समस्या 65 साल से ज्यादा उम्र वाले 10 में से 1 शख्स को हो सकती है जबकि 85 साल की उम्र में ये समस्या 4 में से 1 शख्स को हो सकती है। हालांकि अगर किसी को 65 साल की उम्र से पहले ही डिमेंशिया की शिकायत होने लगे तो माना जा सकता है कि ये अल्जाइमर की शुरुआत है।
डिमेंशिया के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे,
डिमेंशिया की समस्या धीरे-धीरे गंभीर होती जाती है। जब ये समस्या चरम पर होती है तब मरीज पूरी तरह से दूसरों पर आश्रित हो जाता है। चीजों को याद न रख पाने की समस्या मतिभ्रम या (Memory loss) भी हो सकती है। इसे अल्जाइमर या डिमेंशिया समझने की गलती न करें। ये फर्क डॉक्टर ही पर्याप्त जांच के बाद पता लगा सकता है।
डिमेंशिया के कारण (Causes Of Dementia)
हमारे दिमाग या मस्तिष्क के कई भाग होते हैं। ये सारे भाग मिलकर अलग-अलग काम करते हैं। किसी खास बीमारी या आघात की वजह से दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। ये नुकसान सिर में चोट लगने, स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर या एचआईवी संक्रमण की वजह से भी हो सकता है।
मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने पर डिमेंशिया हो सकता है। इस नुकसान से दिमाग में मौजूद कोशिकाओं के बीच में संपर्क की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। इसी कारण डिमेंशिया से परेशान व्यक्ति की सोच, बर्ताव और भावनाओं पर भी असर पड़ता है।
डिमेंशिया के प्रकार (Types Of Dementia)
डिमेंशिया के लक्षण और गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि ये किस टाइप का है। कुछ डिमेंशिया का निदान संभव है और कुछ अभी तक लाइलाज हैं। जिन डिमेंशिया का निदान कराया जा सकता है वह निम्नलिखित हैं,
ये डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है। अल्जाइमर दिमाग में बदलाव आने की वजह से होता है। दिमाग में केमिकल प्रतिक्रियाओं के कारण कुछ प्रोटीन का निर्माण होता है जिससे नसों का आकार बढ़ जाता है। जबकि मरीज के दिमाग का आकार घटता चला जाता है।
ये डिमेंशिया का ही दूसरा रूप है जो कोर्टेक्स में Alpha-Synuclein नाम के प्रोटीन के जमा हो जाने के कारण होता है। इस डिमेंशिया के कारण मरीज को याददाश्त में कमी, भ्रम होने जैसी शिकायतें हो सकती हैं। इसके अलावा सोने में समस्या, वहम, शरीर में संतुलन न रख पाना और बाथरूम जाने में समस्या आदि शामिल है।
ये बीमारी असल में न्यूरोडीजेनेरेटिव होती है। ये एक ऐसी अवस्था है जिसमें नर्व्स सिस्टम को नुकसान पहुंचता है। यही नुकसान बाद में डिमेंशिया को जन्म दे सकता है। आगे चलकर ये अल्जाइमर का रूप भी ले सकती है। इस बीमारी का मरीज गाड़ी चलाने और छोटे-छोटे फैसले कर पाने में भी अक्षम होने लगता है।
इस किस्म के डिमेंशिया में मरीज को एक ही समय में कई बीमारियां जकड़ लेती हैं जैसे अल्जाइमर के साथ ही वैस्कुलर डिमेंशिया (Vascular Dementia) की समस्या हो जाना। इस समस्या में अन्य कई प्रकार के डिमेंशिया होने की भी संभावना बनी रहती है।
इस किस्म के डिमेंशिया से परेशान मरीज की पर्सनैलिटी और बातचीत के साथ ही बर्ताव में भी चेंज आ जाता है। उसे अपनी भाषा समझने और बोलने में समस्या होने लगती है। ये बीमारी आमतौर पर कुछ दूसरी बीमारियों का परिणाम होती है। इन बीमारियों में मुख्य रूप से पिक रोग (Pick's Disease) और प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी (Progressive Supranuclear Palsy) आदि शामिल हैं।
डिमेंशिया का इलाज (Treatment For Dementia)
अभी तक डिमेंशिया का कोई भी कारगर इलाज उपलब्ध नहीं है। वैज्ञानिक अभी तक इस बीमारी के कारणों के बारे में एकराय कायम नहीं कर पाए हैं। दिमाग में कोशिकाएं अगर काम करना बंद कर दें तो इसे दोबारा स्टार्ट करने का कोई फॉर्मूला अभी तक मेडिकल साइंस के पास नहीं है।
लेकिन डिमेंशिया के कारण होने वाली कुछ समस्याओं जैसे अल्जाइमर आदि में लक्षणों के आधार पर कुछ राहत दी जा सकती है। लेकिन इसे भी पर्याप्त नहीं माना जा सकता है।
डिमेंशिया के बारे में कुछ तथ्य (Some Facts About Dementia) :
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