नयी दिल्ली। इनफ्लुएंजा एक वायरल संक्रमण है, जो हमारे श्वसन तंत्र यानी नाक, गले और फेफड़े पर हमला करता है। आईसीएमआर (ICMR) के मुताबिक, इसके लिए एक तरह का इन्फ्लूएंजा वायरस जिम्मेदार है। आईएमए (IMA) का कहना है कि यह बुखार तो तीन दिन में उतर जाता है लेकिन सर्दी-खांसी (cold cough) 3 हफ्तों तक रह सकती है। पॉल्युशन की वजह से भी 15 से कम और 50 साल से ज्यादा के लोगों में सांस की नली में इंफेक्शन (pipe infection) के मामले भी बढ़ रहे हैं। ICMR के अनुसार, पिछले दो-तीन महीनों से इन्फ्लूएंजा वायरस के A सबटाइप H3N2 की वजह से फीवर और सर्दी-खांसी के मामलों में इजाफा हुआ है।
इन्फ्लूएंजा कैसे फैलता है ?- How does influenza spread?
यह एक वायरल बीमारी है, इसलिए एक-दूसरे में आसानी से ट्रांसफर हो सकता है। WHO के मुताबिक, भीड़भाड़ वाली जगह पर यह आसानी से अपने पैर पसारता है। H3N2 इन्फ्लूएंजा से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके ड्रॉपलेट हवा में एक मीटर तक किसी भी तक फैल सकता है। किसी संक्रमित सतह को छूने से भी यह वायरस फैल सकता है।
इनफ्लुएंजा के लक्षण- Influenza symptoms
क्या है इन्फ्लूएंजा what is influenza
WHO के अनुसार, मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस A, B, C और D चार तरह के होते हैं। A और B से मौसमी फ्लू फैलता है। इन्फ्लूएंजा A टाइप को महामारी की वजह भी माना जाता है। इसके दो सबटाइप होते हैं है। पहला H3N2 और दूसरा H1N1... इनफ्लूएंजा टाइप B के सबटाइप तो नहीं होते लेकिन इसके लाइनेज हो सकते हैं। टाइप C को काफी हल्का माना जाता है, जो खतरनाक नहीं होता है। वहीं, टाइप D मवेशियों और जानवरों में फैलता है।
H3N2 से सबसे ज्यादा खतरा- The biggest threat from H3N2
वैसे तो इन्फ्लूएंजा किसी भी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है लेकिन इससे सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को होता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्ग के साथ किसी बीमारी से जूझ रहे इंसान को भी इससे सबसे ज्यादा खतरा रहता है। हेल्थकेयर वर्कर्स को भी इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने का सबसे ज्यादा जोखिम रहता है।
ये बरतें सावधानियां- take these precautions
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