देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

अंतर्राष्ट्रीय

स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में होने वाले संक्रमण की रोकथाम पर ज़ोर 

रिपोर्ट के अनुसार, देखभाल केंद्रों व अस्पतालों में भर्ती हर 100 मरीज़ों में से, उच्च-आय वाले देशों में सात मरीज़ों, और निम्न व मध्य वाले देशों में 15 मरीज़ों को, कम से कम एक संक्रमण होने की सम्भावना होती है, जिसकी वजह स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी हो सकती है। औसतन ऐसे 10 मरीज़ों में से एक की मौत हो जाती है।

हे.जा.स.
May 08 2022 Updated: May 09 2022 00:07
0 29282
स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में होने वाले संक्रमण की रोकथाम पर ज़ोर  प्रतीकात्मक चित्र

जेनेवा। हाथों की बेहतर साफ़-सफ़ाई, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण उपायों की मदद से स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में होने वाले संक्रमण के 70 फ़ीसदी मामलों की रोकथाम की जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण (infection prevention and control) पर अपनी पहली रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए उक्त निष्कर्ष पर बल दिया गया है। बताया गया कि इस रिपोर्ट को अन्य वैज्ञानिक रिपोर्टों और अध्ययनों से प्राप्त तथ्यों के आधार पर तैयार किया गया है।  

संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) ने सभी क्षेत्रों व देशों में, संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण (IPC) के विषय में, अनेक चुनौतियों व कमियों को उजागर किया है। कोविड-19 महामारी और अन्य बीमारियों के प्रकोप ने दर्शाया है कि स्वास्थ्य देखभाल स्थलों पर संक्रमण के फैलाव का बड़ा ख़तरा हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, देखभाल केंद्रों व अस्पतालों में भर्ती हर 100 मरीज़ों में से, उच्च-आय वाले देशों में सात मरीज़ों, और निम्न व मध्य वाले देशों में 15 मरीज़ों को, कम से कम एक संक्रमण होने की सम्भावना होती है, जिसकी वजह स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी हो सकती है। औसतन ऐसे 10 मरीज़ों में से एक की मौत हो जाती है। नवजात शिशुओं और गहन देखभाल कक्षों में भर्ती मरीज़ों के लिये जोखिम अधिक होता है।  

अस्पताल में सेप्सिस (sepsis) का इलाज किये जाने के हर चार में से एक मामले, और सेप्सिस के साथ शरीर के अंगों के सही काम ना करने के क़रीब 50 फ़ीसदी मामले, जिनका इलाज गहन देखभाल में किया जाता है, वो स्वास्थ्य देखभाल से सम्बन्धित है।  

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि यह रिपोर्ट हालात की समीक्षा और संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण के तौर-तरीक़ों के साथ-साथ बचाव उपायों की तैयारी करने का एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान करती है। इससे सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली में IPC कार्यक्रमों को मज़बूती प्रदान करने में मदद मिलेगी।  

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों से जुड़े संक्रमण और एण्टीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (antimicrobial resistance) का लोगों के जीवन पर असर की गणना नहीं की जा सकती है। 

पिछले पाँच वर्षों में, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने देशों में राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण कार्यक्रमों की समीक्षा किये जाने के उद्देश्य से सर्वेक्षण और विश्लेषण किये हैं। 2017-18 से 2021-22 के सर्वेक्षणों से प्राप्त आँकड़ों की तुलना दर्शाती है कि राष्ट्रीय स्तर पर IPC कार्यक्रम वाले देशों का प्रतिशत बेहतर नहीं हुआ है। 2021-22 में केवल 3.8 प्रतिशत देश ही राष्ट्रीय स्तर पर IPC की सभी न्यूनतम अहर्ताओं को पूरा कर रहे थे।  

वर्ष 2019 में कराये गए एक WHO सर्वेक्षण के अनुसार, स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में से केवल 15 फ़ीसदी ही, संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण के लिये न्यूनतम अहर्ताओं को पूरा करते हैं।   

प्रगति की ओर
रिपोर्ट के अनुसार, कुछ प्रगति हासिल की गई है और अधिक संख्या में देशों में IPC फ़ोकल प्वाइंट की नियुक्ति की गई है, इस मद में बजट आवण्टित किया गया है और अग्रिम मोर्चे पर स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण के लिये पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।  साथ ही, अहम राष्ट्रीय संकेतकों में हाथों की स्वच्छता की अनिवार्यता को भी स्थापित किया गया है, और विश्व स्वास्थ्य संगठन के समर्थन से, अनेक देशों ने अपने प्रयासों का स्तर बढ़ाते हुए न्यूनतम आवश्यकताओं का प्रावधान किया है।  

इस प्रगति को दीर्घकाल में बरक़रार रखने के लिये तत्काल ध्यान दिये जाने और निवेश सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।  

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि इस समय चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि हर देश के लिये, ज़रूरतों के अनुरूप, मानव संसाधन, आपूर्ति व बुनियादी ढाँचा आवण्टित कर पाना सम्भव हो।  

संगठन ने हर देश में संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण उपायों में निवेश बढ़ाये जाने की पुकार लगाई है, ना सिर्फ़ मरीज़ों और स्वास्थ्यकर्मियों की रक्षा के लिये, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य नतीजों और देखभाल क़ीमतों में कमी लाने के लिये भी। 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

राष्ट्रीय

वैश्विक टीकाकरण सबसे बड़ी नैतिक परीक्षा- संयुक्त महासचिव राष्ट्र

हे.जा.स. March 12 2021 27245

विश्व में कम आय वाले ऐसे कई देश हैं, जिन्हें टीके की एक भी खुराक नहीं मिल पाई है। टीकों के उत्पादन औ

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में जानलेवा हो रहा डेंगू, एक हफ्ते में मिले 144 केस

श्वेता सिंह October 31 2022 24460

लखनऊ में एक सप्ताह में 144 डेंगू पॉजिटिव मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं। सबसे ज्यादा चंदननगर में 5 और अलीग

उत्तर प्रदेश

हेल्थ एटीएम मशीन का सीएम योगी ने किया उद्घाटन

आरती तिवारी September 12 2022 36485

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बागपत दौरे पर पहुंचे। जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया और

राष्ट्रीय

डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने अमेरिकी बाज़ार से एटोरवास्टेटिन टैबलेट वापस लिया।

हे.जा.स. June 07 2021 28196

उक्त एटोरवास्टेटिन की 2,980 बोतलों का उत्पादन डॉ रेड्डीज बचुपल्ली (तेलंगाना) संयंत्र में किया गया था

राष्ट्रीय

दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में फिर से पैर फैला रहा कोरोना

एस. के. राणा April 13 2022 24993

देशभर में एक बार फिर से कोरोना के नए मामले सामने आने लगे हैं। दिल्ली-एनसीआर के स्कूल में कोरोना फैलत

राष्ट्रीय

H3N2 इन्फ्लूएंजा कोरोना की तरह खतरनाक, जानें कैसे फैलती है ये बीमारी ?

हे.जा.स. March 10 2023 25169

वैसे तो इन्फ्लूएंजा किसी भी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है लेकिन इससे सबसे ज्यादा खतरा गर

स्वास्थ्य

सावधान! शरीर में अंदरूनी रूप से पल रहे रोग का संकेत हो सकता है पैरों का सुन्न होना

श्वेता सिंह October 11 2022 26342

इसे मेडिकल भाषा में पेरेस्टेसिया के रूप में जाना जाता है। यह तब हो सकता है जब आप अपनी बांह पर लेट गए

राष्ट्रीय

महाराष्ट्र में H3N2 की दहशत! वायरस से हुई दूसरी मौत

विशेष संवाददाता March 18 2023 63722

अहमदनगर में कुछ दिन पहले H3N2 से पहले मरीज की मौत हुई तो दूसरी ओर पिंपरी चिंचवाड़ में वायरस से 73 व

उत्तर प्रदेश

वैक्सीन की सुलभ उपलब्धता बनाने में लगी गेट्स फ़ाउंडेशन।

हुज़ैफ़ा अबरार May 09 2021 27341

फाउंडेशन ने वैक्सीन के निर्माण व सुचारू वितरण के लिए 3000 लाख डालर से ज्यादा का निवेश किया है। फाउंड

राष्ट्रीय

तंबाकू के सेवन से जम्मू-कश्मीर में बढ़ा कैंसर का खतरा

विशेष संवाददाता November 07 2022 29993

तंबाकू पदार्थों और धूम्रपान से तौबा करके कैंसर से बचा जा सकता है। जम्मू कश्मीर में मिल रहे कुल कैंसर

Login Panel