डॉ. भरत गोपाल, निदेशक, नेशनल चेस्ट सेंटर |
ग्लोबल कॉलीशन ऑफ टीबी एक्टिविस्ट्स (जीसीटीए) की नवीनतम रिपोर्ट- ‘इंपैक्ट ऑफ कोविड-19 ऑन द टीबी एपिडेमिक : ए कम्युनिटी पर्सपेक्टिव’ के अनुसार कॉरोना वायरस से संक्रमित होने के डर की वजह से भारत में टीबी के हर दूसरे रोगी को इलाज नहीं मिल सका है। इस डर और देशव्यापी लॉकडाउन (मार्च-मई) के कारण भी टीबी मरीजों द्वारा परामर्श के लिए डॉक्टरों के पास जाना और टीबी परीक्षण (एक्स-रे, कल्चर और लीवर फंक्शन) कराने की संख्या में कमी आई है। इसके अलावा, विभिन्न अध्ययनों में यह पाया गया कि 0.37-4.47% कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों को टीबी है। इन बातों के मद्देनजर, विशेषज्ञों ने टीबी से जुड़ी सेवाओं को तेज किए जाने की मांग की है और कोरोना वायरस जितनी ही संक्रामक, इस बीमारी से जूझ रहे लाखों लोगों को बचाने के लिए परीक्षण और प्रक्रियाओं को बढ़ाने की नीति को अपनाया है। |
टीबी एक साइलेंट किलर है जिससे प्रति वर्ष वैश्विक स्तर पर 10 मिलियन लोग प्रभावित होते हैं, और इनमें से लगभग 1.5 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है। भारत में दुनिया के लगभग 27% से अधिक टीबी के मरीज हैं, यहां हर रोज टीबी की वजह से 1400 लोग अपनी जान गवां देते हैं। हालांकि सरकार ने टीबी को ऐसी बीमारी के तौर पर चिह्नित किया है जिससे बारे में सूचना देना जरूरी है। लेकिन कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य कर्मियों के सामने अभूतपूर्व चुनौतियां पैदा कर दीं क्योंकि इस दौरान भारत सरकार ने टीबी के निदान और इसके बारे में सूचनाओं के संबंध में भारी गिरावट देखी। नवीनतम ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जनवरी-जून 2020 की अवधि के दौरान, 2019 की समान अवधि की तुलना में टीबी की 26% कम रिपोर्ट दर्ज की गई। |
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, टीबी और कोरोना वायरस दोनों के लक्षण एक जैसे हैं - जैसे खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार और कमजोरी आना। हालांकि, टीबी के लक्षण हफ्तों बाद या उससे भी लंबे वक्त के बाद उभरते हैं। वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस के लक्षण, कुछ दिन के भीतर ही दिख जाते हैं। यह संभव है कि टीबी के मरीज को लगभग 9 महीने तक दवा जारी रखनी पड़े, लेकिन दो से तीन सप्ताह की प्रारंभिक दवा के बाद प्रभावित व्यक्ति बीमारी को दूसरे तक नहीं फैला (ट्रांसमिट) सकता। कोरोना वायरस के मामले में, अगर किसी व्यक्ति में SARS-CoV-2 के लक्षण विकसित नहीं हुए हैं, लेकिन वह एसिम्पटोमेटिक है यानि कोई संकेत या लक्षण नज़र नहीं आते, तब भी वह दूसरों को संक्रमित कर सकता है। डब्ल्यूएचओ इस बात की ओर भी इशारा करता है कि टीबी और कोरोना वायरस की वजह से लोगों में डर और सामाजिक भेदभाव की भावना पैदा हो जाती है जो पहले से ही पीड़ित मरीज के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। बीमारी को लेकर सामाजिक भेदभावपूर्ण व्यवहार इससे जूझ रहे मरीज के अनुभव को और दर्दनाक बना सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि समाज के तौर पर हम खुद को टीबी के बारे में जागरूक बनाएं और बीमारी के बारे में अपुष्ट या आधी-अधूरी जानकारी न फैलाएं। ऐसे कठिन हालात में जब हम एक अनदेखे शत्रु के संपर्क में आ जाते हैं, तो यह आवश्यक है कि जो अपनी लड़ाई खुद लड़ रहे हैं, उनके प्रति किसी तरह का पूर्वाग्रह न रखें। डब्ल्यूएचओ सभी को टीबी से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति व मदद का भाव रखने के साथ ही, बीमारी को समझने और अस्वस्थ मानसिक व्यवहारों को बढ़ावा नहीं देने की सलाह देता है। यदि आप या आपका कोई करीबी व्यक्ति टीबी से पीड़ित है, तो सावधानी बरतें और डॉक्टर द्वारा बताए गए इलाज को जारी रखें। इसके अलावा, बीमारी के संदिग्ध लोगों को जल्द से जल्द अपनी जांच करवाने और इलाज शुरू करने के लिए राजी करें और बीमारी को आगे बढ़ने से रोकें। आपका भावनात्मक और मददगार व्यवहार, टीबी प्रोग्राम स्टाफ, देखभाल करने वाले, चिकित्सक, परिवार और दोस्त, टीबी के मरीज को पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार से दूर रखकर जल्दी ठीक होने में उनकी मदद कर सकते हैं। |
-
एस. के. राणा March 07 2025 0 50283
एस. के. राणा March 06 2025 0 50172
एस. के. राणा March 08 2025 0 48285
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 41403
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 33744
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 32856
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 31968
सौंदर्या राय May 06 2023 0 84681
सौंदर्या राय March 09 2023 0 89075
सौंदर्या राय March 03 2023 0 89316
admin January 04 2023 0 89922
सौंदर्या राय December 27 2022 0 79194
सौंदर्या राय December 08 2022 0 68653
आयशा खातून December 05 2022 0 122544
लेख विभाग November 15 2022 0 92464
श्वेता सिंह November 10 2022 0 112500
श्वेता सिंह November 07 2022 0 90788
लेख विभाग October 23 2022 0 75902
लेख विभाग October 24 2022 0 78119
लेख विभाग October 22 2022 0 85062
श्वेता सिंह October 15 2022 0 91005
श्वेता सिंह October 16 2022 0 85457
ज्यादातर महिलाएं लिक्विड लिपस्टिक ही लगाना पसंद करती हैं। ये लिपस्टिक ज्यादा लॉन्ग टाइम तक टिकती है
श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीकू वार्ड में भर्ती सकरा बिद्दीपुर गांव के 3 वर्षीय बच्चे मो
दिवाली के बाद राजधानी में पिछले साल की तुलना में वायु प्रदूषण कम होने की वजह से दिल्ली के अस्पतालों
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तथा चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक अमेठी से लौटते समय अचानक सामुदायिक
ऑपरेशन दो घंटे तक चला, जिसमें डॉक्टर्स की टीम ने पेट से कुल 63 चम्मच निकाले । डॉक्टर ने बताया कि हमन
इंजेक्शन का प्रयोग pulmonary arterial hypertension के मरीज़ में किया जाता है। इस इंजेक्शन को PAH में
सभी काउंटर समय से खुलते हैं और विजटिंग डॉक्टर्स भी समय से आते हैं। लेकिन शाम होते ही यहां आवारा पशु
इस सुविधा के शुरू हो जाने से अब उत्तर प्रदेश और इसके सीमावर्ती पड़ोसी राज्यों के बाल रोगियों के इलाज
ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के नए स्ट्रेन की पहचान हुई है। मंकीपॉक्स का ये नया वेरिएंट ब्रिटेन में हाल ही
पूरे विश्व में मंकी पॉक्स संक्रमण को लेकर हर स्तर पर कार्य हो रहे हैं। देश में भी स्वास्थ्य विभाग सत
COMMENTS