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प्रांतीय चिकित्सा सेवा ऑफिसर्स एसोसिएशन ने खोला डॉक्टर्स ट्रांसफर्स का कच्चा चिठ्ठा

प्रांतीय चिकित्सा सेवा ऑफिसर्स (रि०) वेलफेयर एसोसिएशन यूपी के महामंत्री डॉ आर के सैनी ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करते हुए स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों पर की गई कार्यवाही को नाकाफी बताया है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर बड़े पदों पर बैठे जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग की है।

रंजीव ठाकुर
July 31 2022 Updated: July 31 2022 18:35
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प्रांतीय चिकित्सा सेवा ऑफिसर्स एसोसिएशन ने खोला डॉक्टर्स ट्रांसफर्स का कच्चा चिठ्ठा

लखनऊ। प्रांतीय चिकित्सा सेवा ऑफिसर्स (रि०) वेलफेयर एसोसिएशन यूपी ने स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों पर की गई कार्यवाही को नाकाफी बताते हुए सीएम योगी को पत्र लिखा है। 

प्रांतीय चिकित्सा सेवा ऑफिसर्स (रि०) वेलफेयर एसोसिएशन यूपी (Provincial Medical Service Officers (Retd) Welfare Association UP) के महामंत्री डॉ आर के सैनी (Dr. RK Saini) ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करते हुए स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों (transfers in the Health Department) पर की गई कार्यवाही को नाकाफी बताया है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर बड़े पदों पर बैठे जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग की है। 

डॉ आर के सैनी ने कहा कि निर्धारित निति के अनुसार डॉक्टर्स के ट्रांसफर्स (transfers of doctors) नहीं किए गए। ट्रांसफर्स पॉलिसी (Transfers policy) में 20% डॉक्टर्स के ट्रांसफर्स होने की बात है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 20-25 सालों से एक ही जगह जमे बैठे डॉक्टर्स के ट्रांसफर्स नहीं किए गए।

जब ट्रांसफर्स का कच्चा चिठ्ठा बाहर निकला तो दिन-रात काम करने वाले 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। इसमें निदेशक प्रशासन और प्रमुख सचिव पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। निदेशक प्रशासन (Director Administration health) ने निति से हट कर मनमाने तरीके से डॉक्टर्स के ट्रांसफर्स कर दिए। क्या केवल हमारे अधिकारियों की गलती थी ? उच्चाधिकारियों की संस्तुति से ही ट्रांसफर्स होते हैं। उन्होंने कहा कि सीएम योगी (CM Yogi) और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री (Medical Health Minister) को पत्र लिख कर निदेशक प्रशासन और प्रमुख सचिव (Principal Secretary) पर कार्यवाही की मांग की है। 

डॉ आर के सैनी ने कहा कि निदेशालय में कुछ संदिग्ध डॉक्टर्स तैनात हैं (suspicious doctors posted) जिन पर जांचे चल रही है जैसे डॉ राजीव बंसवाल है जिनको कई प्रभार दे रखे गए हैं। इन पर ट्रांसफर्स पॉलिसी लागू नहीं हुई। डॉक्टर्स का वीआरएस (VRS of doctors) बंद हो चुका है लेकिन डॉ गुंजा टंडन को निदेशक प्रशासन लखनऊ ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के विरुद्ध जा कर वीआरएस दे दिया। वे जाँच में दोषी पाए गये फिर भी उन्हें अपर निदेशक प्रशासन (Additional Director Administration) बना दिया गया। 

एक और मामले में निदेशक प्रशासन ने एक मृतक के दो आश्रितों को नौकरी दे दी। पूर्व डीजी हेल्थ डॉ वेदव्रत सिंह (Former DG Health Dr. Vedvrat Singh) और डॉ पंकज श्रीवास्तव (Dr. Pankaj Srivastava) ने ट्रांसफर्स में बहुत घोटाले (many scams in transfers) किये है। इन पर कार्यवाही के लिए सीएम योगी और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा था जिस पर कार्यवाही करने की बात कही गई थी लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। डॉ वेदव्रत सिंह और डॉ पंकज श्रीवास्तव पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए जिससे भविष्य में ऐसी त्रुटियां ना हो सकें। अमित मोहन प्रसाद (Amit Mohan Prasad) भी इसमें पूरी तरह जिम्मेदार है। 

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