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एटा में ऑक्सीजन की कमी से बच्ची की मौत, उपमुख्यमंत्री ने दिए जांच कर कार्यवाही के आदेश

अस्पताल या एम्बुलेन्स में ऑक्सीजन की कमी से मौत का यह मामला नया नहीं है। तमाम बार ऐसी घटनाएं प्रकाशित होती रहती है लेकिन जिम्मेदार मानव जीवन से खिलवाड़ करते रहते है। अब जबकि उपमुख्यमंत्री अस्पतालों का औचक निरिक्षण कर रहे हैं, प्रकाशित मामलों का संज्ञान ले रहे हैं फिर भी ऐसी दर्दनाक मौते हो रही है।

विशेष संवाददाता
August 01 2022 Updated: August 02 2022 02:34
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एटा में ऑक्सीजन की कमी से बच्ची की मौत, उपमुख्यमंत्री ने दिए जांच कर कार्यवाही के आदेश प्रतीकात्मक चित्र

लखनऊ एटा में ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ने वाली बच्ची के घरवालों को न्याय की उम्मीद बंध गई है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच कर कार्यवाही करने के आदेश दे दिए है। 

 

एटा मेडिकल कॉलेज (Etah Medical College) तथा एम्बुलेन्स (Ambulance) में ऑक्सीजन की कमी (lack of oxygen) से 4 वर्षीय बच्ची मन्नू की मौत शनिवार को हो गई थी। बच्ची की मौत के बाद नगला फकीर गांव (Nagla Fakir) में मातम का माहौल था और दो दिन बाद भी जाँच के लिए किसी अधिकारी के ना पहुँचने से घरवालों और ग्रामीणों में काफी रोष था। अब उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brijesh Pathak) ने जांच कर कार्यवाही करने के आदेश दे दिए है।

 

एटा मेडिकल कॉलेज में बुखार से पीड़ित 4 साल की ऑक्सीजन के अभाव में (4-year-old suffering from fever) डेढ़ घंटे तड़पती रही और एम्बुलेन्स से आगरा ले जाते समय उसकी मौत (died on the way) हो गई थी। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी (Etah CMO Dr Umesh Kumar Tripathi) और प्राचार्य डॉ नवनीत सिंह चौहान (Principal Dr Navneet Singh Chouhan) को निर्देश दिए हैं कि मामले में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कर एक सप्ताह में रिपोर्ट भेज दी जाये। 

 

वहीं एटा के सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि मामले की जाँच करवा ली  गई है। एम्बुलेन्स मरीज को अलीगढ़ में छोड़कर आई थी और इस दौरान उसकी ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। इसमें पहली एम्बुलेन्स के चालक की लापरवाही सामने आई है, उसके ईएमटी (EMT) पर कार्यवाही होगी।  

 

अस्पताल या एम्बुलेन्स में ऑक्सीजन की कमी से मौत (death due to lack of oxygen in hospital or ambulance) का यह मामला नया नहीं है। तमाम बार ऐसी घटनाएं प्रकाशित होती रहती है लेकिन जिम्मेदार मानव जीवन से खिलवाड़ करते रहते है। अब जबकि उपमुख्यमंत्री अस्पतालों का औचक निरिक्षण कर रहे हैं, प्रकाशित मामलों का संज्ञान ले रहे हैं फिर भी ऐसी दर्दनाक मौते हो रही है। 

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