देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

अपोलोमेडिक्स के डॉक्टरों ने खून को ठंडा किया, दिल की धड़कन रोकी और बचायी मरीज़ की जान

इस सर्जरी में क्षतिग्रस्त एऑर्टा को बदलना था, तो मरीज के शरीर के खून को 18 डिग्री सेंटीग्रेड तक नीचे ले जाया गया, इससे रक्त प्रवाह को अस्थायी रूप से रोका गया। एऑर्टा की मरम्मत करने के बाद मरीज के रक्त को धीरे-धीरे सामान्य तापमान पर लाया गया और फिर उसके दिल की धड़कनों को चालू किया गया।

हुज़ैफ़ा अबरार
February 26 2022 Updated: February 28 2022 20:45
0 34481
अपोलोमेडिक्स के डॉक्टरों ने खून को ठंडा किया, दिल की धड़कन रोकी और बचायी मरीज़ की जान अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. मयंक सोमानी और डॉ भरत दुबे

लखनऊ। राजधानी स्थित अपोलोमेडिक्स अस्पताल में दिल की एक अद्भुत सर्जरी की गयी। जिसमें एक मरीज़ के दिल की धड़कन को पूरी तरह से रोककर, खून को 18 डिग्री सेंटीग्रेड पर ठंडा कर दिया गया। सामान्य रूप से ये लक्षण मृत शरीर के होतें है लेकिन यह क्रिया मरीज की जान बचाने के लिए किया गया।

अपोलोमेडिक्स अस्पताल के डॉ भरत दुबे की देखरेख में इस सर्जरी को सफलतापूर्वक किया गया। उन्होंने बताया कि मरीज अपोलोमेडिक्स आने के एक हफ्ते पहले कार्डियक अरेस्ट का शिकार हुआ था और उसके नजदीकी अस्पताल में उसका हृदय पम्प कर उसकी जान बचाई गई थी। जब वह हमारे पास आया तो उसकी स्थिति बेहद नाजुक थी और ऐसे केस में इस जटिल सर्जरी के अलावा कोई अन्य रास्ता नही बचा था।

डॉ भरत दुबे कार्डियो थोरैसिक और वैस्कुलर सर्जरी में ढाई दशक से अधिक का अनुभव रखतें हैं और वर्तमान में अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के सीनियर सीटीवीएस सर्जन हैं। 

वे बतातें हैं कि इस सर्जरी में क्षतिग्रस्त एऑर्टा को बदलना था, तो मरीज के शरीर के खून को हाइपोथर्मिक सर्कुलेटरी अरेस्ट की स्थिति में लाया गया, उसके खून का टेम्परेचर 18 डिग्री सेंटीग्रेड तक नीचे ले जाया गया, इससे रक्त प्रवाह को अस्थायी रूप से रोका गया। एऑर्टा की मरम्मत करने के बाद मरीज के रक्त को धीरे-धीरे सामान्य तापमान पर लाया गया और फिर उसके दिल की धड़कनों को चालू किया गया।

डॉ दुबे बताते हैं कि एक्यूट एओर्टिक डायसेक्शन की स्थिति खतरनाक होने के साथ दुर्लभ भी है। यह शिकायत ज्यादातर अधिक उम्र वाले लोगों में ज्यादा होती है। इस बीमारी के लक्षण बहुत ज्यादा स्पष्ट नहीं होते क्योंकि इसमें भी हृदय संबंधी अन्य बीमारियों के तरह ही लक्षण दिखाई देते हैं। यह स्थिति विभिन्न कारणों से कम उम्र के लोगों में भी पैदा हो सकती है। यदि समय रहते एओर्टिक डायसेक्शन का पता चल जाए और तुरंत ही इसका इलाज शुरू हो जाए तो स्थिति सुधर जाती है और जान जाने का खतरा कम हो जाता है।  

डॉ दुबे एक्यूट एओर्टिक डायसेक्शन के बारे में विस्तार से बताते हैं कि एऑर्टा या महाधमनी, शरीर की सबसे बड़ी और मुख्य बड़ी धमनी होती है, जो पूरे शरीर में रक्त का संचार करती है। कई बार विभिन्न परिस्थितियों के कारण महाधमनी में लीकेज शुरू हो जाता है, इसे एओर्टिक डायसेक्शन के नाम से जाना जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें धमनी के आंतरिक परत लुमेन से रक्त का रिसाव शुरू हो जाता है और खून आर्टरीज के दीवार की आंतरिक और मध्य परतों के बीच जगह बनाकर उसमें प्रवाहित होने लगता है। इस खून के बहने से दबाव पैदा होता है जो महाधमनी की बाहरी दीवार को फाड़ सकता है, ऐसी स्थिति पैदा होने से यह जानलेवा साबित होता है।

सर्जरी की जटिल प्रक्रिया के बारे में बताते हुए डॉ भरत दुबे ने कहा कि एक्यूट एओर्टिक डायसेक्शन की सर्जरी के दौरान दिल की धड़कन को रोकना आवश्यक हो जाता है क्योंकि यह सर्जरी गतिहीन और रक्तहीन क्षेत्र पर ही की जा सकती है। इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए काफी अनुभव, एकाग्रता और एक कुशल टीम की आवश्यकता होती है। दिल जब धड़कना बंद कर देता है शरीर और मष्तिष्क को हार्ट-लंग बायपास मशीन से रक्त की आपूर्ति की जाती है। 

सर्जरी के बाद कुछ दिनों डॉक्टरों की देखरेख में रहने के बाद मरीज को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई, अब वह पूरी तरह स्वस्थ है और रेगुलर फॉलोअप के लिए डॉक्टरों द्वारा दिये गए समय पर आ रहा है। "

इस जटिल सर्जरी की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, के सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने कहा, "अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल अपने उद्देश्य और लोगों की उम्मीदों पर लगातार खरा उतर रहा है, यह हमारी पूरी टीम के लिए बेहद गौरवपूर्ण है। हमारे यहां के सुपरस्पेशलाइज्ड डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ ने इस बात को लगतार साबित किया है कि मेडिकल चुनौतियों का सामना करने में हम सर्वश्रेष्ठ हैं। 

उन्होंने बताया कि एक्यूट एओर्टिक डायसेक्शन के जिस केस को डॉ भरत दुबे और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक ठीक किया है, अमूमन उसका इलाज कराने के लिए मरीजों को दिल्ली मुंबई जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था, जिसमें मरीज की जान बचाने के लिए आवश्यक समय जाया हो जाता था। जिस 51 वर्षीय मरीज की सर्जरी डॉ दुबे की टीम ने सफलतापूर्वक की, उसकी एऑर्टा कभी भी फट सकती थीं और मरीज की जान को खतरा हो सकता था।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

अंतर्राष्ट्रीय

फ़र्ज़ी और घटिया चिकित्सा उत्पाद के कारण सब-सहारा अफ़्रीका क्षेत्र में हर साल लगभग पाँच लाख लोगों की होती है मौत: संयुक्त राष्ट्र

हे.जा.स. February 03 2023 19749

यूएन के अटलांटिक-पार संगठित अपराध से ख़तरे की समीक्षा पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार, सब-सहारा अफ़्रीका

उत्तर प्रदेश

लोहिया अस्पताल ने मरीजों और तिमारदारों को बताया मोटे अनाजों का महत्व

हुज़ैफ़ा अबरार January 14 2023 21714

प्रोफेसर विक्रम सिंह ने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि कैसे मोटा अनाज  जो आज दुनिया भर में प्रसि

राष्ट्रीय

राजधानी में बढ़ रहा है डेंगू का खतरा, अलर्ट जारी

एस. के. राणा October 04 2022 16582

दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में डेंगू के 412 मामले सामने आए। सितंबर के महीने में कुल 693 मामले सामने आ

उत्तर प्रदेश

पशुओं की सेहत का ख्याल रखने के लिए सरकार ने बनाया ये ‘एक्शन प्लान’

आरती तिवारी July 05 2023 18870

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के मुताबिक यह सुविधा होम बेस्ड न्यूबार्न केयर कार्यक्रम के तहत शुरू किया ग

उत्तर प्रदेश

एसजीपीजीआईएमएस के नर्सिंग स्टूडेंट्स ने किया भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शैक्षिक भ्रमण

हुज़ैफ़ा अबरार February 05 2023 20050

भरवारा एसटीपी की कार्यदायी संस्था सुएज इंडिया के प्लांट इंचार्ज राजेश देशराज ने छात्रों को सीवेज ट्र

राष्ट्रीय

स्टेंट के रेस्टेनोसिस को रोकने में मददगार हैं नई तकनीकें: प्रो (डॉ) तरुण कुमार

विशेष संवाददाता August 19 2022 22033

भारत में हर साल एक लाख से अधिक हृदय रोगियों की एंजियोप्लास्टी होती है लेकिन छह से नौ महीने बाद 3 से

अंतर्राष्ट्रीय

चीन पर फिर मंडराया कोरोना का खतरा, आंशिक लॉकडाउन।

हे.जा.स. October 27 2021 20524

चीन के लांझू शहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लगा दिया गया है। इस आदेश के साथ ही करीब 4 ला

उत्तर प्रदेश

रोगियों तक उच्च सुरक्षा स्तर वाला रक्त पहुँचाने के लिए केजीएमयू कर रहा एनएटी तकनीक का उपयोग।

हुज़ैफ़ा अबरार December 18 2021 28602

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी एक अत्याधुनिक ब्लड बैंक के साथ एशिया के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक ह

राष्ट्रीय

कोविड़- 19 अपडेट: फिर बढ़े संक्रमण की मामले

एस. के. राणा December 02 2021 14387

बुधवार को जारी आंकड़े की अपेक्षा एक्टिव केस में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, 3 करोड़ 40 लाख 37

राष्ट्रीय

कोविड-19 टीकाकारण में भारत, अमेरिका से निकला आगे।  

एस. के. राणा June 28 2021 15723

भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत 32.36 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं, वहीं अमेरिका ने 32.33

Login Panel