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नामचीन गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय में गंदगी का अम्बार, बजबजा रहें नाले

भारत सरकार और यूपी सरकार, साफ-सफाई को लेकर दृढ़प्रतिज्ञ है लेकिन कानपुर जैसे बड़े शहर में गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय का कैंपस में साफ-सफाई का नामोनिशान तक नहीं है। चिराग तले अंधेरा किसे कहते हैं, यहां आकर आपको पता चल जाएगा।

सनी माथुर
April 05 2022 Updated: April 05 2022 03:29
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नामचीन गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय में गंदगी का अम्बार, बजबजा रहें नाले गणेश शंकर महाविद्यालय मेडिकल कालेज कैंपस में साफ-सफाई का सर्वथा अभाव है। तभी तो झाड़ियां ऐसे बढ़ रही हैं।

कानपुर। यह है कानपुर शहर का नामचीन गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय  (Ganesh Shankar Vidhhyarthi smarak Chikitsa Mahavidyalaya) का कैंपस। इस कैंपस में शुद्ध क्या है, खोजना पड़ेगा। अशुद्ध क्या है, यह आपको हम बताते हैं। उसके पहले आपको बता दें कि इस कैंपस में जो भी लोग हैं, वो सारे के सारे मेडिकल फील्ड से जुड़े हैं। कोई विद्यार्थी है तो कोई कर्मचारी, कोई चिकित्सक (doctors) है तो कोई कुछ और। सभी हेल्थ से ही जुड़े लोग हैं और इन लोगों को जो कैंपस दिया गया है, जिसमें ये लोग रहते हैं, वह चिराग तले अंधेरा वाली कहावत को ही चरितार्थ करता है।

इस कैंपस में एक खेल का मैदान है। अब यहां कौन खेलता होगा, यह समझने की बात है। हां, यहां आदमकद झाड़ियां हैं और झाड़ियों के रहते कोई क्या खेलेगा, यह आप खुद ही अंदाजा लगा लें।

छात्रावास (hostel) के सामने कूड़े-करकट की भरमार है। यहां आपको सुअर (pig) मुंह मारते दिख जाएंगे। भला सोचिए, जो भविष्य के डाक्टर हैं या फिर जो आज की तारीख में मेडिकल फील्ड से जुड़े हुए हैं, वो क्या बताएंगे दूसरों को स्वच्छता के बारे में जबकि वो जहां रह रहे हैं, वहां ही गंदगी का अंबार लगा है।

यूजी गर्ल्स हॉस्टल (UG girls hostel) के सामने सड़कों की हालत खस्ता हो चुकी है। यहां भी कूड़े का अंबार लगा हुआ है। झाड़ियां बढ़ती ही जा रही हैं। नाले बजबजा रहे हैं। सड़ांध मार रही हैं। नालों की लंबे समय से सफाई नहीं हुई। उनसे भी दुर्गंध उठ रहा है। यहां मच्छरों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बताया गया कि इस कैंपस में रहने वाले विद्यार्थी और कर्मचारी मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में आते रहे हैं।

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