देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में 16 वां सफल लीवर ट्रांसप्लांट

मरीज को रविवार को केजीएमयू से छुटटी दे दी गई। रोगी थकान, भूख न लगना और बाद में पीलिया और रक्तस्राव की शिकायत के साथ उन्नत चरण के लीवर सिरोसिस से पीडि़त था और जीवित रहने के लिए तत्काल लीवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी। 

हुज़ैफ़ा अबरार
June 28 2022 Updated: June 28 2022 10:45
0 35252
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में 16 वां सफल लीवर ट्रांसप्लांट केजीएमयू में लीवर प्रत्यारोपण करने वाली टीम

लखनऊ। विगत 11 जून को केजीएमयू में 49 वर्षीय महिला में लीवर प्रत्यारोपित किया गया। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में यह 16 वां सफल लीवर ट्रांसप्लांट का मामला था। प्रत्यारोपण दल का नेतृत्व खुद केजीएमयू के कुलपति ने किया। 


प्रत्यारोपण दल में केजीएमयू के कुलपति (Vice Chancellor) एलटी जनरल डॉ बिपिन पुरी के साथ सर्जरी टीम में गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के प्रो अभिजीत चंद्रा और डॉ विवेक गुप्ता डॉ संदीप कुमार वर्मा शामिल थे। डॉ संदीप कुमार वर्मा गैस्ट्रोसर्जरी, डॉ जीपी सिंह डॉ तन्मय तिवारी डॉ बीबी कुशवाहा एनेस्थीसिया डॉ, एसएन संखवार सीएमएस डॉ बीके ओझा न्यूरोसर्जरी डॉ अतिन सिंघई पैथोलॉजी, डॉ सुमित रूंगटा गैट्रोमेडिसिन डॉ तुलिका चंद्रा ब्लड बैंक, डॉ अमिता जैन माइक्रोबायोलॉजी, श्रीमती रूपश्री सोइन, जय प्रकाश और सत्य प्रकाश गैस्ट्रोसर्जरी ओटी स्टाफ , अनीता सिंह आईसीयू प्रभारी, नंद गोपाल समन्वयक अन्य निवासी और कर्मचारी इस प्रत्यारोपण में शामिल रहे। 


इस प्रत्यारोपण के  दौरान मैक्स इंस्टीट्यूट (Max Institute) नई दिल्ली के डॉ इनबराज और डॉ विभा की भी मदद ली गई। लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी (Liver transplant surgery) वर्तमान में एक जटिल सर्जिकल प्रक्रिया है। इसमें 100 से अधिक डॉक्टरों (doctors) और कर्मचारियों की एक टीम द्वारा बहु.विषयक प्रबंधन शामिल है।


मरीज को रविवार को केजीएमयू से छुटटी दे दी गई। रोगी थकान, भूख न लगना और बाद में पीलिया और रक्तस्राव की शिकायत के साथ उन्नत चरण के लीवर सिरोसिस से पीडि़त था और जीवित रहने के लिए तत्काल लीवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी। 


6 महीने से अधिक के इंतजार के बाद केजीएमयू (KGMU) में एक मैचिंग कैडवर डोनर लीवर उपलब्ध हो सका। 11 जून को सड़क यातायात दुर्घटना के एक 49 वर्षीय पुरुष को ब्रेन डेड घोषित कर लीवर प्राप्त किया गया था। सौभाग्य से यह लीवर इस 49 वर्षीय महिला रोगी से मेल खाता था और उसे एक आपातकालीन यकृत प्रत्यारोपण के लिए नोएडा से लाया गया था। केजीएमयू में लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद मरीज ठीक हो गया और उसे अस्पताल से छुटटी दे दी गई। 


कुलपति डॉ बिपिन पुरी ने बताया कि भारत में प्रति वर्ष 2 लाख से अधिक रोगी लीवर सिरोसिस से पीडि़त होते हैं। इनमें से ज्यादातर मामले शराब के दुरुपयोग, मधुमेह वायरल संक्रमण या प्रतिरक्षा विकारों के कारण होते हैं। भारत में हर साल करीब 2000 लीवर ट्रांसप्लांट ही किए जाते हैं। लगभग 30 से 40 लाख की लागत से अधिकांश प्रत्यारोपण ऑपरेशन निजी अस्पतालों में किए जाते हैं। 


केजीएमयू यूपी सरकार का संस्थान होने के कारण लागत को लगभग 8 लाख तक लाया है। कम आय वाले रोगियों के लिए केजीएमयू सरकार से मदद ले रहा है। आध्या रोग योजना और यूपी सीएम फंड जैसी योजनाओं की कीमत को 3 से 5 लाख तक कम करने के लिए। केजीएमयू का यह 16 वां सफल लीवर ट्रांसप्लांट है। 90 प्रतिशत से अधिक की सफलता दर के साथ केजीएमयू दुनिया के सबसे उन्नत केंद्रों की सफलता दर के बराबर है। 


केजीएमयू  बहुअंगदान करने वाला यूपी का एकमात्र संस्थान रहा है, एसजीपीजीआई लखनऊ, एम्स नई दिल्ली और एआरएमवाई आर एंड आर अस्पताल नई दिल्ली सहित अन्य संस्थानों के साथ केजीएमयू के सहयोग से 50 से अधिक अंगों को जरूरतमंद रोगियों में प्रत्यारोपित किया गया है। 


विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार भारत में केवल 0,01 प्रतिशत लोग ही मृत्यु के बाद अपने अंगदान करते हैं जो कि स्पेन और इंग्लैंड जैसे देशों की तुलना में 30 प्रति मिलियन से अधिक की दर से बहुत कम है। यदि अधिक से अधिक लोग अपनी मृत्यु के बाद अंगदान (organs donation) करते हैं, तो निकट संबंधियों से अंग लेने और दाताओं के जीवन को जोखिम में डालने की आवश्यकता से पूरी तरह बचा जा सकता है। विकसित देशों में 99 प्रतिशत से अधिक अंग ब्रेन डेड डोनर से आते हैं, हालांकि हमारे देश में एक विपरीत स्थिति है जहां 95 प्रतिशत से अधिक अंग निकट रिश्तेदारों से आते हैं। 


कई रोगियों को परिवार में मैचिंग ऑर्गन डोनर (organ donor) नहीं मिल पाता है और उनके लिए ब्रेन डेड (brain dead) से अंग ही एकमात्र विकल्प है। डा पुरी ने कहा इसके साथ ही कई सामाजिक आउटरीच गतिविधियाँ और जागरूकता अभियान चलाए हैं जहाँ 1000 से अधिक दाताओं ने अपने अंगों के लिए पंजीकरण कराया है। अधिक जागरूकता समय की जरूरत है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

स्कूलों नहीं, अब समुदाय में होगी फाइलेरिया की सैपलिंग।

हुज़ैफ़ा अबरार September 07 2021 20811

लिम्फेटिक फाइलेरिया का संक्रमण आंकने के लिए अभी तक छात्र-छात्राओं का सैंपल उनके शैक्षणिक संस्थान में

राष्ट्रीय

नालंदा के सदर अस्पताल में गायब मिले डॉक्टर

आरती तिवारी July 01 2023 24087

बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर ड्यूटी से गायब मिले जिसकी वजह से मरीजों को इलाज

उत्तर प्रदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जिला अस्पताल लोहिया का किया निरीक्षण

विशेष संवाददाता May 24 2023 21330

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक फर्रुखाबाद दौरे पर पहुंचे। जहां उपमुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल लोहिया का निरी

लेख

आयुर्वेद केवल चिकित्सीय विज्ञान ही नही,  स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए एक मार्गदर्शक भी है 

लेख विभाग August 01 2022 25688

आयुर्वेद का प्रमुख लक्ष्य बीमारी का इलाज करने के बजाय स्वास्थ्य को बनाए रखना है। आयुर्वेद के अनुसार,

अंतर्राष्ट्रीय

भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर ने भारत में कैंसर संकट से निपटने के लिए पांच सूत्री समाधान पेश किया

हे.जा.स. December 10 2022 17572

डॉ. नोरी ने कहा कि 2018 में भारत के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना के बाद से लड़ाई लड़ने में महत

स्वास्थ्य

जानिए अस्थमा अटैक के कारण, लक्षण और बचाव।

लेख विभाग November 12 2021 26534

अस्थमा (दमा) श्वसन मार्ग का एक जीर्ण सूजन वाला रोग है, जो कि ज्यादातर आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों

उत्तर प्रदेश

कोविड़ अपडेट: उत्तर प्रदेश में समाप्ति की तरफ संक्रमण

हुज़ैफ़ा अबरार October 22 2021 26065

अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने शुक्रवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में हुई एक लाख 78 हजार 229 सैम्पल की

उत्तर प्रदेश

शर्मनाक: ठेले पर मरीज को लेकर अस्पताल जा रही महिला का वीडियो वायरल

विशेष संवाददाता April 06 2023 17523

माधौगढ़ इलाके में एम्बुलेंस न मिलने के कारण एक महिला को मजबूरी में अपने पति को ठेले पर लादकर अस्पताल

उत्तर प्रदेश

सीएसजेएमयू में फार्मेसी की रिक्त सीटों पर इंटरव्यू से मिलेगा दाखिला

श्वेता सिंह August 28 2022 20268

सीएसजेएमयू के फार्मेसी विभाग में डीफार्मा, बीफार्मा लेट्रल इंट्री, बीफार्मा, एमफार्मा (फार्मास्युटिक

उत्तर प्रदेश

महर्षि दधीचि से लें अंगदान की प्रेरणा: डॉ मयंक सोमानी

रंजीव ठाकुर May 21 2022 29685

अंगदान को इस रूप में भी देखा जाना चाहिए कि मृत्यु के पश्चात अंगदान का प्रण लेने वाले न केवल कई व्यक्

Login Panel