गोरखपुर। गोरखपुर सदर से चुनाव जीतने वाले और दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ से गोरखपुर के सीनियर डाक्टर्स को ढेरों उम्मीदें हैं। डॉक्टरों का मानना है कि मुख्यमंत्री रहते योगी आदित्यनाथ ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काफी काम किया है।
निरामया नर्सिंग होम के मालिक और पूर्वांचल के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डा. आर.एन. सिंह ने हेल्थजागरण.काम से बातचीत में कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि हेल्थ के क्षेत्र में इस इलाके में काफी काम हुए हैं पर बहुत सारे काम अभी शेष हैं। यह देखा गया है कि सरकार धड़ाधड़ मेडिकल कालेज खोलती जा रही है। यह ठीक है लेकिन आपको यह भी देखना होगा कि जो मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं, उनमें लेक्चरार, प्रोफेसर हैं कितने? आपको उनकी नियुक्ति करनी चाहिए। सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर से मरीजों का इलाज कैसे संभव है? इलाज के लिए चिकित्सक चाहिए, जिसकी घोर कमी है। प्रशिक्षित स्टाफ की भी कमी है। मेडिकल के इक्यूपमेंट नहीं हैं। आप सोचें, 40 साल से ज्यादा पुराना है बीआरडी मेडिकल कालेज। इस कालेज में अभी 3 माह पहले न्यूरो सर्जरी शुरू करने की खबर मैंने पढ़ी थी। अब यहां न्यूरो सर्जरी शुरू हुई है या सिर्फ कागजों पर शुरू हुई है, यह देखना होगा। ऐसे ही एम्स तो खोल दिया गया पर उसमें जिस रफ्तार से काम होना चाहिए था, वह नहीं हुआ है। उस पर ध्यान देने की जरूरत है।
डा. सिंह ने कहा कि आयुष्मान योजना एक बेहतरीन योजना है। लेकिन, इसका फायदा वो लोग भी उठा रहे हैं, जो 60-70 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी करते हैं। इसके उलट कई गरीब लोग हैं जो इस योजना के काबिल हैं पर उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। दवाईयों की कीमत कम कर देनी चाहिए ताकि उसका लाभ लोगों को मिले। मैं तो यही उम्मीद करूंगा कि योगी सरकार क्लीनिकल स्टैबलिशमेंट एक्ट को 50 बिस्तरों वाले अस्पतालों में कभी भी लागू ही न करे। हालांकि योगी जी ने बड़ा दिल दिखाते हुए आंशिक तौर पर हम लोगों की बात मान ली है पर इसे छोटे अस्पतालों के लिए परमानेंट खत्म कर ही देना चाहिए।
आइएमए मदद करेगी सरकार कीः डा. शाही
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, गोरखपुर के अध्यक्ष डा. शिव शंकर शाही ने कहा कि निश्चित तौर पर योगी जी ने अपने प्रथम कार्यकाल में हेल्थ को लेकर गोरखपुर में काफी काम किया है पर जो काम हो गए हैं, उसके अलावे भी कुछेक काम बच जाते हैं। यह सही है कि इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत मजबूत हुआ है पर अब उसे इक्जीक्यूट करने का वक्त आ गया है।
इस संवाददाता के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि पूरे देश में चिकित्सकों की कमी है। एकाएक चिकित्सक पैदा नहीं किये जा सकते। हां, पीपी माडल पर सरकार चाहे तो डाक्टर रख सकती है पर उसमें उन्हें समझना होगा कि अगर किसी ने बीएमएस किया हो तो उसे एमबीबीएस के रूप में मान्यता न दे दें। इस संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से सरकार राय ले सकती है। सरकार चाहे तो भारतीय चिकित्सा संघ से भी बात कर सकती है। रास्ता ऐसे ही निकलेगा। मेडिकल के क्षेत्र में अगर क्वालिटी को मेंटेन नहीं किया गया तो बात बनेगी नहीं। वैसे, गोरखपुर में हेल्थ के क्षेत्र में काम काफी हुआ है। अब जरूरत इस बात की है कि डाक्टरों की कमी को दूर किया जाए। क्वालिटी ट्रीटमेंट के लिए आइएमए के साथ चर्चा हो। समीक्षा हो। कुछ वो बताएं, कुछ हम सुझाव दें। तब जाकर गोरखपुर हेल्थ के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ जाएगा। आयुष्मान की योजना शानदार है। इससे अलग भी कुछ करने की गुंजाइश है। हम लोगों से बात की जा सकती है।
एस. के. राणा March 06 2025 0 34965
एस. के. राणा March 07 2025 0 34854
एस. के. राणा March 08 2025 0 33855
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 27861
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 24420
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 23532
सौंदर्या राय May 06 2023 0 82128
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86744
सौंदर्या राय March 03 2023 0 86430
admin January 04 2023 0 87369
सौंदर्या राय December 27 2022 0 76419
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65878
आयशा खातून December 05 2022 0 119880
लेख विभाग November 15 2022 0 89356
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105507
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87902
लेख विभाग October 23 2022 0 73016
लेख विभाग October 24 2022 0 75011
लेख विभाग October 22 2022 0 81954
श्वेता सिंह October 15 2022 0 88452
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82349
सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से 20-20 सैंपल और मेरठ से पांच सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई के लैब में भेज गए थ
सेहत के लिए रोजाना ताजे फलों का जूस पीना बहुत फायदेमंद होता है। ताजे फलों का जूस शरीर और सेहत के लिए
ईएमटी दुर्गा प्रसाद यादव और एंबुलेंस चालक मूलचंद्र सम्मानित, एंबुलेंस में आशा कार्यकर्ता की मदद से क
चेहरे पर सूजन आना आम समस्या है। सूजन की ये समस्या समय के साथ खुद ही ठीक हो जाती है और अगर ये समस्या
कैलिफोर्निया के डॉक्टर ने एक महिला मरीज़ की आंख से कुल 23 कॉन्टैक्ट लेंसेज़ निकाले, जिसका वीडियो वा
जब हम पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं पीते हैं तो हम डीहाइड्रेशन से पीड़ित हो जाते हैं। अगर समय पर इस स्थित
पढ़ाई काल से ही लोगों की सेवाभाव को अपना धर्म बना लिया था। उन्होंने सेवा पेशे को चुना। जीएनएम का कोर
महिलाओं को प्रजनन की स्वायत्ता और गर्भपात का अधिकार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को परिवार स्वास
अगले दो हफ्ते चुनौतीपूर्ण, सभी प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन जरूरी। जिस संयम से मनाई ईद, उसी सादगी से हो
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता हासिल की है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा यंत्र बनाया है जो लोगो
COMMENTS