लखनऊ। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रति जनजागरूकता फैलाने के लिये 16 नवंबर से अभियान शुरू हुआ, जो 30 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान जिलों में विविध गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसकी शुरुआत राज्यस्तर के अधिकारियों ने आईईसी इनफॉर्मेशन एजुकेशन कॉम्युनिकेशन टीम को हरी झंडी दिखाकर की।
आयुष्मान भारत की सीईओ संगीता सिंह (CEO of Ayushman Bharat, Sangeeta Singh) ने बताया कि प्रदेश के अधिकाधिक लोगों तक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) की पहुंच बढ़ाने के लिए खास पहल हुई है। इसके लिए प्रदेश की राज्य स्वास्थ्य एजेंसी एसएचए के साथ जीआईजेड की इंडो जर्मन प्रोग्राम ऑन यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (Indo German Program on Universal Health Coverage) आईजीयूएचसी मिलकर काम करेगी। यह संस्था फिलहाल प्रदेश के तीन जिलों बाराबंकी, अमेठी और सीतापुर के 511 गांवों में अपनी गतिविधियां आयोजित करेगी।
इस अभियान के तहत पोस्टर, बैनर, पैम्फलेट, फ्लिपबुक, वाल पेंटिंग और होर्डिंग्स लगाई जाएंगी। साथ ही एलईडी बाइक शो और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत सरकारी राशन की दुकानों (government ration shops) पर आयुष्मान कार्ड (Ayushman cards) बनाने के लिए शिविर भी लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त पंचायत सहायकों सीएचओ राशन कार्ड आशा कार्यकत्रियों और डिस्ट्रिक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट समेत क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की क्षमता वर्धन के लिए भी सत्र आयोजित किया जाएगा। इन गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी सीएचओ, आशा आंगनबाड़ी कार्यकत्री (Asha Anganwadi worker), पंचायत सहायक, राशन के डीलर और डीआईयू को शामिल करते हुए समिति बनाई जाएगी।
जागरूकता के अभाव में अभी भी कई पात्र परिवारों का आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सरकार की एक अनोखी पहल है। इस योजना के तहत पात्र परिवार को पांच लाख तक नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ (free health benefits) दिया जाता है। अभी आयुष्मान कार्ड न होने के कारण मरीज का अस्पताल में काफी समय बर्बाद हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए योजना के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने और अधिकाधिक पात्र लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने की कोशिश जारी है।
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