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सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने टीकों के सरकारी मूल्य को बढ़ने की मांग किया। 

भारत बायोटेक ने कहा कि सभी आपूर्ति के बाद कोवैक्सिन की औसत कीमत 250 रुपये प्रति खुराक से कम है। सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक आपूर्ति कीमत गैर-प्रतिस्पर्धी मूल्य है।

हे.जा.स.
June 16 2021 Updated: June 16 2021 17:46
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सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने टीकों के सरकारी मूल्य को बढ़ने की मांग किया।  प्रतीकात्मक

नयी दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक (बीबी) केंद्र सरकार से कोविड -19 टीकों के लिए उच्च कीमतों की मांग कर रहें हैं। जबकि निजी अस्पतालों में कोविशील्ड और कोवैक्सिन शॉट्स की कीमत पहले से ही अधिक है। जनवरी में इन कंपनियों को दिए गए ऑर्डर के लिए केंद्र की खरीद मूल्य 150-200 रुपये प्रति डोज़ की थी।

दोनों कंपनियों ने हाल ही में मूल्य वृद्धि की मांग किया है। यह तर्क दिया कि टीकों के उत्पादन की दिशा में गए किये गए पर्याप्त निवेश के अनुरूप ही लागत मूल्य निर्धारित होना चाहिए। बताया कि टीका निर्माण जटिल और विशिष्ट प्रक्रिया है साथ ही बड़ा वित्तीय जोखिम है।

अप्रैल में, SII के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया था कि कंपनी सरकार को लगभग 150 रुपये की “सब्सिडी” दर पर शॉट प्रदान कर रही है, जो निर्यात के लिए शुल्क से काफी कम है। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र को कीमतें बढ़ानी चाहिए और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये की भी मांग की थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 जून को घोषणा किया था कि उसने एसआईआई को कोविशील्ड की 25 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक के साथ कोवैक्सिन की 19 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया है। मंत्रालय ने कहा था कि 44 करोड़ खुराक दिसंबर तक उपलब्ध हो जाएंगे। कंपनियों को 30% अग्रिम भुगतान जारी किया गया है।

भारत बायोटेक ने मंगलवार को कहा कि कंपनी द्वारा सभी आपूर्ति के बाद कोवैक्सिन की औसत कीमत 250 रुपये प्रति खुराक से कम है। बयान में कहा गया है कि सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक पर कोवैक्सिन की आपूर्ति कीमत  गैर-प्रतिस्पर्धी मूल्य है और लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है।

हालिया नीतिगत बदलाव के साथ, निर्माताओं के राजस्व पर असर पड़ेगा, केंद्र उनके उत्पादन का 75% हिस्सा खरीदेगा। इससे पहले, एसआईआई को कोविशील्ड के लिए लगभग 160 रुपये प्रति खुराक मिलता था, जबकि कोवैक्सिन को लगभग 210 रुपये प्रति खुराक पर खरीदा जाता था। 

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