लखनऊ। क्षय रोग (TB) और पोषण का आपस में गहरा नाता है | इसलिए टीबी मरीजों को खान-पान का विशेष ख्याल रखना चाहिए क्योंकि दवाओं के सेवन के साथ संतुलित और पौष्टिक भोजन ग्रहण करने से बीमारी से जल्दी निजात पायी जा सकती है |
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) की वरिष्ठ आहार परामर्शदाता (Dietician) सुनीता सक्सेना बताती हैं कि पल्मोनरी टीबी में यकृत (liver) भी प्रभावित होता है | इसलिए प्रोटीन (protein) और कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) से भरपूर भोजन लेना बहुत जरूरी होता है | भोजन में प्रोटीन युक्त आहार जैसे सूखे मेवे, मूंगफली, दालें, चना,अंडा, दही, दूध, मट्ठा, मांस-मछली आदि को जरूर शामिल करें | टीबी रोगियों (TB Patients) के लिए अंडा प्रोटीन का अच्छा स्रोत है | इसके साथ ही अनाज, हरी सब्जियां, फलों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए |
सुनीता सक्सेना बताती हैं कि टीबी रोगियों को खाली पेट नहीं रहना चाहिए | उन्हें दवाओं का सेवन नियमित रूप से करना होता है और यह दवाएं अधिक क्षमता की होती हैं जिसके कारण मरीज के पेट में जलन, एसिडिटी (acidity), भूख न लगना जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं | ऐसे में मरीज को खूब पानी पीना चाहिए, इसके साथ ही नारियल पानी, सत्तू और मट्ठे का सेवन करें | टीबी मरीजों को दिन में तीन बार पौष्टिक एवं हल्का नाश्ता तथा तीन बार संतुलित एवं पौष्टिक भोजन करना चाहिए |
वरिष्ठ आहार परामर्शदाता बताती हैं कि टीबी रोगियों को बाहर की चीजें, कटे फल, जंक फूड, बाहर के फलों के रस का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि व्यक्ति पहले से ही टीबी से संक्रमित है | ऐसे में कहीं बाहर के खाद्य पदार्थों का सेवन करने से किसी और तरह का संक्रमण न हो जाए |
एक सामान्य व्यक्ति चाहे वह वयस्क हो या बच्चा उसे संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन ही करना चाहिए | अगर भोजन में विशेषकर प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन की कमी होती है तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है | प्रतिरोधक क्षमता (immunity) कम होने से व्यक्ति किसी भी प्रकार के संक्रमण की जद में आसानी से आ सकता है | चाहे वह टीबी हो या अन्य कोई बीमारी | खान–पान अच्छा रखने से संक्रमण की गुंजाइश कम रहती है |
जिला क्षय रोग रोग अधिकारी डा. कैलाश बाबू बताते हैं कि टीबी रोगियों को सही पोषण प्रदान करने के लिए ही निक्षय पोषण योजना चलाई जा रही है | इसके तहत इलाज के दौरान 500 रुपये प्रति माह मरीज के खाते में भेजे जाते हैं | इसके साथ ही राज्यपाल के आह्वान पर टीबी रोगियों को जिले के गणमान व्यक्तियों, शैक्षणिक और औद्योगिक संस्थानों द्वारा गोद लिया गया है जो उन्हें पोषण सामग्री तो दे ही रहे हैं और भावनात्मक सहयोग भी दे रहे हैं | पोषण सामग्री में प्रोटीन की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ जैसे मूंगफली, भुना चना, सत्तू और साथ मेंआयरन से भरपूर गुड़ होता है | मरीज को इन सभी खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है | एक जनवरी से 31 मई 2022 तक जनपद में 3626 टीबी रोगियों को गोद लिया जा चुका है, जिसमें 18 साल से कम आयु के 626, वयस्क पुरुष 1352 और 1648 महिला क्षय रोगी हैं |
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77313
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS