लखनऊ। एक ही गांव में 19 पुरुषों की नसबंदी। है ना चौंकाने वाली खबर लेकिन है सौ फीसद सच। यह सुखद खबर आई है मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के खतौली ब्लाक से। यहां की आशा कार्यकर्ता सुदेश के प्रयास से यह कामयाबी हासिल हुई है। पश्चिम की यह खबर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक बदलाव की बयार लाने का संकेत दे रही है।
सुदेश को स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन (family planning) साधनों को अपनाने के लिए महिला व पुरुषों को प्रेरित करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने सबसे पहले गालिबपुर गांव के उन सभी पुरुषों से संपर्क साधा, जिनका परिवार पूरा हो चुका था। पुरुषों के साथ ही उनकी पत्नी की काउंसिलिंग कर परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी (sterilization) को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्हें यह समझाने की हरसम्भव कोशिश की कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी ज्यादा सरल और सुरक्षित है। जो लोग यह कहते हैं कि नसबंदी से पुरुषों में कमजोरी आती है तो यह सरासर गलत और मनगढ़ंत बातें हैं, ऐसा कुछ भी नहीं है। उनके काम के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया है।
आशा कार्यकर्ता सुदेश
अपनी बात को मजबूती से रखकर सुदेश ने एक साल के भीतर 19 पुरुषों को नसबंदी के लिए राजी कर लिया। नवम्बर 2021 में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान आठ लोगों ने स्वेच्छा से नसबंदी की सेवा प्राप्त की। इसके अलावा नवम्बर से अब तक सुदेश 11 और पुरुषों की नसबंदी करा चुकी हैं। जून 2022 में भी उन्होंने दो पुरुषों की नसबंदी करवायी है। सुदेश का कहना है कि अब परिवार नियोजन को लेकर लोग उनकी बात ध्यान से सुनते हैं और मानते हैं।
परिवार नियोजन के फायदे बताकर किया राजी
सुदेश का कहना है कि अक्सर समाज में फैली भ्रांतियों के चलते पुरुष नसबंदी करवाने से कतराते हैं और ठान लेते हैं कि नसबंदी नहीं कराएंगे। इसी वजह से वह प्रयास तो दूर नसबंदी के बारे में सोचते भी नहीं है। झिझक को छोड़कर जब गांव के लोगों की भ्रांतियों को दूर करते हुए बातचीत का सिलसिला शुरू किया और फायदे गिनाए तो वह नसबंदी को राजी होने लगे। उन्होंने बताया- आठ लोगों ने परिवार नियोजन का यह स्थाई साधन पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान अपनाया, बाकी लोग इसका महत्व समझकर आगे आते रहे। सुदेश कहती हैं वह परिवार नियोजन का महत्व समझाती गयीं और लोग समझते गये, परिणाम सामने है।
परिवार नियोजन का स्थायी साधन अपनाने वाले नीटू ने बताया कि उनकी उम्र 29 वर्ष है। परिवार में पत्नी पूजा और तीन बच्चे हैं। महंगाई के इस दौर में मजदूरी करके तीन बच्चों का भरण-पोषण बहुत मुश्किल है। नीटू ने बताया कि आशा कार्यकर्ता (Asha worker) सुदेश ने जब उन्हें छोटे परिवार के बड़े फायदे गिनाये तो वह शुरू में तो झिझक की वजह से आनाकानी करने लगे, लेकिन पत्नी के समझाने पर नसबंदी कराने के लिए राजी हो गए।
इसी तरह नसबंदी अपनाने वाले श्रवण ने बताया कि उनकी पत्नी सरिता सुन और बोल नहीं सकती है। आशा कार्यकर्ता ने जब उन्हें परिवार नियोजन के फायदे बताए और यह भी बताया कि उनकी पत्नी नसबंदी कराएगी तो वह अपनी परेशानी बोलकर बता भी नहीं पाएगी। पत्नी की परेशानी को समझते हुए श्रवण ने नसबंदी कराने का फैसला किया।
एस. के. राणा March 07 2025 0 20313
एस. के. राणा March 06 2025 0 20091
एस. के. राणा March 08 2025 0 18870
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 17982
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 14319
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 12987
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80130
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84857
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83322
admin January 04 2023 0 84927
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74310
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64102
आयशा खातून December 05 2022 0 117549
लेख विभाग November 15 2022 0 87247
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99624
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85571
लेख विभाग October 23 2022 0 70463
लेख विभाग October 24 2022 0 72125
लेख विभाग October 22 2022 0 79401
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85566
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80351
जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े अस्पताल शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. परवेज कौल ने पिछले
icare4u कार्यक्रम का संचालन एक वेबसाइट के माध्यम से होगा, जिसमें रोगों के बारे में व्यापक जानकारी, च
घर पर टीवी और अन्य मनोरंजन साधनों ने बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ा दिया। इससे बच्चों की आंखों का पानी
देश में ओमिक्रॉन के वेरिएंट के अब तक कुल 3 केस मिल चुके हैं। इससे पहल दो केस कर्नाटक में पाए गए हैं,
बिहार के नवादा सांसद चंदन सिंह ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी या
मेडेन फार्मा की खांसी (कफ) की दवा के नमूने गुणवत्ता में खरे पाए गए हैं। कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से उभरने के लिए वैक्सीनेशन एक उम्मीद है। हमने शुरू से ही वैक्सीने
एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए नीट (स्नातक)
जामुन गुणों से भरपूर फल है। ये बाहर और भीतर दोनों तरह से शरीर को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा सक
महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे अधिक 7,467 लोग संक्रमण से उबरे हैं। मंत्रालय ने कहा कि देश में एक दिन
COMMENTS