लखनऊ। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बेहतर मातृ स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनायी जाए और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखा जाए। स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन के तमाम उपाय बताता रहा है। अब परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों में बास्केट ऑफ़ च्वाइस (Basket of Choice) को भी शामिल किया गया है।
परिवार कल्याण कार्यक्रम (Family Welfare Program) की नोडल अधिकारी डा. अभिलाषा मिश्रा का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (Community Health Officer) की मदद से बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अऩुसार सही परामर्श दिया जाता है। प्रत्येक माह की 21 तारीख को आयोजित होने वाले खुशहाल परिवार दिवस, प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित होने वाले अंतराल दिवस एवं प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व (Prime Ministe Safe Motherhood Campaign) अभियान दिवस पर भी इस बारे में जानकारी दी जाती है। पुरुष और महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला-एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां बॉस्केट ऑफ च्वाइस का हिस्सा हैं।
डॉ. अभिलाषा बताती हैं कि परिवार नियोजन का साधन हर लाभार्थी अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से अपनाता है, लेकिन काउंसलर और चिकित्सकों को दिशा-निर्देश है कि वह लाभार्थी के उन पहलुओं की भी जानकारी जुटाएं | जिनमें कोई साधन विशेष उनके लिए उपयुक्त है या नहीं।
काकोरी ब्लॉक के कुसमौरा गाँव की कल्पना बताती हैं कि जब वह दूसरी बार गर्भवती थीं तो आशा दीदी ने उनको बताया था कि प्रसव के तुरंत बाद आईयूसीडी (IUCD) लगवा सकते हैं और जब बच्चा चाहिए तो उसे हटवा दें। हमने आशा दीदी की बात को माना और दूसरा बच्चा होने के तुरंत बाद लगभग तीन साल पहले उन्होंने आईयूसीडी लगवाया | इसके लगवाने के बाद अभी तक उन्हें उन्हें कोई समस्या नहीं हुई है |
परिवार नियोजन में जिले की स्थिति - Status of family planning districtwise
नोडल अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में पुरुष नसबंदी 401, महिला नसबंदी 5486 , आईयूसीडी 6858 , पीपीआईयूसीडी 16900 , त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 9912, माला एन148012, कंडोम 14,20,045, छाया 76117 और ईसीपी 17991 के लाभार्थी जिले में परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने के लिए आगे आए हैं ।
साधनों को चुनते समय यह भी रखें ध्यान
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