गोरखपुर। यूपी सरकार स्वास्थ्य विभाग को दुरूस्त करने के लिए एक के बाद एक कड़े एक्शन ले रही है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की सख्ती का असर दिखना शुरू हो गया है। एक से अधिक निजी अस्पतालों में अपना नाम पंजीकृत कराने वाले कुल सात चिकित्सकों ने सीएमओ कार्यालय में दूसरे अस्पताल से नाम वापस लेने के लिए आवेदन किया। सीएमओ ने एक से अधिक प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना पंजीकरण कराने वाले चिकित्सकों को नाम वापस लेने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है।
साथ ही सीएमओ (CMO) ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि 15 दिनों में आवेदन नहीं आए, तो स्वास्थ्य विभाग (health Department) अपने स्तर से निर्णय लेते हुए एक से अधिक नर्सिंग होम से पंजीकृत डॉक्टर का पंजीकरण निरस्त कर देगा उल्लेखनीय है कि भटहट के सत्यम नर्सिंग होम (Satyam Nursing Home) में डॉक्टर की ओर से किराए पर दी गई डिग्री के पर्दाफाश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों के पंजीकरण की जांच कराई।
बता दें कि जांच में 153 ऐसे चिकित्सक मिले जिनके नाम 355 नर्सिंग होम (nursing home), डायग्नोस्टिक सेंटर (Diagnostic Center) और क्लिनिक संचालित हो रहे हैं। सभी ने पूर्णकालिक के रूप में अपना पंजीकरण कराया है। किसी ने 7, तो कई के नाम पर 5-5 अस्पताल पंजीकृत हैं। नियमानुसार एक डॉक्टर पूर्णकालिक रूप में एक ही नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर या क्लिनिक में पंजीकरण हो सकता है।
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