देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में औसतन 19 फीसदी व्यक्ति मिश्रित रूप से थायरॉइड से पीड़ित।

दरअसल यह बीमारी वंशानुगत है। कुल मिलाकर थायरॉइड होने का खतरा उस व्यक्ति में ज्यादा होता है जिसके परिवार में कोई व्यक्ति थायरॉइड से पीड़ित रहा हो या जिसकी फैमिली हिस्ट्री इस तरह की रही हो।

लखनऊ में औसतन 19 फीसदी व्यक्ति मिश्रित रूप से थायरॉइड से पीड़ित। प्रतीकात्मक

लखनऊ। भारत में 10 व्यक्तियों में से कम से कम एक वयस्क या 10.95 फीसदी लोग हाइपोथायरॉइडिज्म या थायरॉइड संबंधी निष्क्रिय गड़बड़ी से पीड़ित हैं। भारत में थायरॉइड के प्रसार की रफ्तार विकसित देशों से 2 से 5 फीसदी तक अधिक है।

लखनऊ में औसतन 18.97 फीसदी व्यक्ति मिश्रित रूप से थायरॉइड के प्रत्यक्ष या प्रारंभिक लक्षणों से पीड़ित है। दरअसल यह बीमारी वंशानुगत है। कुल मिलाकर थायरॉइड होने का खतरा उस व्यक्ति में ज्यादा होता है जिसके परिवार में कोई व्यक्ति थायरॉइड से पीड़ित रहा हो या जिसकी फैमिली हिस्ट्री इस तरह की रही हो। 

इसके बावजूद मौजूदा हालात में यह साफ दिखाई देता है कि पुरानी बीमारियों के इलाज के प्रति लोग उतना ध्यान नहीं देते। इस दूरी को पाटने के लिए एबॅट ने कई पहल की है एबॉट थायरॉइड की गड़बड़ियों के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रतिबद्ध है। जिससे लोगों में थायरॉइड रोग के प्रति बेहतर समझ विकसित हो। एबॅट इस बीमारी की नियमित रूप से जांच कराने की जरूरत पर जोर देता है।

लखनऊ के मेदांता अस्पताल में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. मनीष गच ने कहा, “लखनऊ में हमने यह देखा है कि हाइपोथायरॉइडिज्म के 3.47 फीसदी मामलों की जांच नहीं हो पाती। 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वयस्कों, गर्भवती और विशेष रूप से मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं को थायरॉइड होने का खतरा ज्यादा रहता है। यदि इसका इलाज नहीं कराया जाए तो इससे शरीर में अतिरिक्त परेशानी हो सकती है। हाइपोथारॉइडिज्म की पहचान न होने से दूसरी सहायक बीमारियां जैसे डायबिटीज और हाइपरटेंशन के शरीर में पनपने का खतरा रहता है। टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस (टी2डीएम) और थायरॉइड संबंधी गड़बड़ियों के बीच पैथोफिजियोलॉजिकल जुड़ाव को विभिन्न जैव रासायनिक, आनुवंशिक और हार्मोनल खराबी के बीच पारस्परिक क्रिया का नतीजा माना जाता है। अगर टी2डीएम को खराब तरीके से मैनेज किया जाता है तो इससे डायबिटीज के रोगियों में इंसुलिन प्रतिरोध, हाइरइंसुलिनएनीमिया और हाइपोग्लाइसेमिक स्थितियों के उभरने का खतरा बढ़ सकता है। इसके नतीजे के रूप में टी2डीएम से दिल के रोग होने का खतरा बढ़ता है। यह खतरा सिर्फ समय पर जांच कराने और नियमित रूप से जांच कराने से ही कम हो सकता है। इससे प्रारंभिक चरण में ही हाइपोथाइराडिज्म के इलाज और बीमारी को बेहतर ढंग से मैनेज करने को बढ़ावा मिलेगा।” भारत के हेल्थकेयर सिस्टम पर मौजूदा और भविष्य में पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए हाइपोथाइरॉइडिज्म के बोझ और उससे जुड़ी जटिलताओं का मुकाबला करने की जरूरत लगातार बढ़ रही है।  

एबॅट के चिकित्सा निदेशक डॉ. श्री रूपा दास ने कहा, “एबॅट भारत में थायरॉइड संबंधी गड़बड़ियों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं समेत थायरॉइड के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों में बीमारी की प्रकृति, प्रसार और बीमारी के लक्षणों की जानकारी देकर हमारा उद्देश्य इस बीमारी से बचाव के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है, जिससे मरीजों को बीमारी की समय से जांच और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। हम अपने अभियान “मेकिंग इंडिया थाइराइड अवेयर” को लगातार जारी रखना चाहते हैं, ताकि हर व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए सशक्तय बनाया जा सके।”

अपनी “मेकिंग इंडिया थाइरॉइड अवेयर” (एमआईटीए) कैंपेन के माध्यम से एबॅट थाइरॉइड संबंधी गड़बड़ियों के प्रति जागरूकता जगाने के लिए समय-समय पर कई पहल करता है, जो बीमारी की प्रारंभिक स्टेज में पहचान और जांच में सहायता करते हैं। इस तरह की पहल के लिए एबॅट ने इंडियन थायरॉइड सोसाइटी से भारत के विभिन्न राज्यों में जागरूकता अभियान चलाने और वुमन हेल्थ वर्कशॉप आयोजित करने के लिए सहयोग किया है। आज की तारीख तक यह कैंपेन उपभोक्ता और स्वास्थ्य रक्षा के क्षेत्र में अलग-अलग तरह की प्रोफेशनल पहल के माध्यम से 6 मिलियन लोगों को थायरॉइड की बीमारी के प्रति शिक्षित और जागरूक बनाने में सफल रहा है।

थायरॉइड की ग्रंथि मेटाबॉलिज्म और शरीर के विकास में मुख्य भूमिका निभाती है यह तरह-तरह की कार्यप्रणालियों को नियमित करती है जिसमें एनर्जी लेवल, वजन, हार्ट रेट और मूड शामिल है हाइपो थायरॉइडिज्म उस समय होता है जब थायरॉइड ग्रंथि शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में थायरॉइड हार्मोन पैदा नहीं कर पाती भारत के आठ शहरों में की गई स्टडी के अनुसार भारत में करीब एक तिहाई लोग हाइपो थायरॉइडिज्म से पीड़ित हैं लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी जांच नहीं कराई है। इस तरह आबादी के बड़े हिस्से को थायरॉइड संबंधी गड़बड़ियों की शिकायत है, लेकिन वह इसका इलाज नहीं करा सकता। इस जागरूकता की कमी से शऱीर में कई तरह के मिश्रित गैर विशिष्ट लक्षण उभरते हैं, जिनमें थकान, बहुत ज्यादा वजन बढ़ना, कब्ज, शुष्क त्वचा, सर्दी न सह पाने की क्षमता, मांसपेशियों में जकड़न या ऐंठन और सूजी हुई पलकें शामिल हैं।  

भारतीय आबादी में थायरॉइड से पीड़ित व्यक्ति इसकी जांच बेहद कम कराते हैं, हालांकि अगर थायरॉइड का इलाज नहीं किया जाता तो थायरॉइड की गड़बड़ी से कोलेस्ट्रोल लेवल बहुत ज्यादा हो सकता है, मासिक चक्र में गड़बड़ी आ सकती है। डिप्रेशन हो सकता है। इससे गंभीर रूप से दिल की बीमारियां और न्यूरोलॉजी से संबंधित गड़बड़ियां पनप सकती हैं। कुल मिलाकर थायरॉइड संबंधी गड़बड़ियां रोजमर्रा की जिंदगी की गुणवत्ता, कार्य क्षमता और किसी व्यक्ति की आर्थिक उत्पादकता को भी प्रभावित करती है।  

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हाइपोथाइरॉइडिज्म का खतरा तीन गुना अधिक होता है। वह इसके प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। उनमें बांझपन और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का जोखिम ज्यादा होता है। हाइपोथाइरॉडिज्म गर्भवती महिलाओं पर बेहद चिंताजनक प्रभाव डालता है, जिनमें प्लेसेंटल असामान्यताएं, एनीमिया, प्रीक्लेम्पसिया, गर्भपात और प्रसव के बाद रक्तस्राव का खतरा शामिल होता है। दुनिया भर के डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड संबंधी गड़बड़ियों की जांच कराने की सलाह देते हैं।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

राष्ट्रीय

भोपाल के इस अस्पताल में सर्जरी करेगा रोबोट

विशेष संवाददाता September 01 2022 20259

भोपाल के सरकारी अस्पताल हमीदिया अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी होने वाली है। वहीं एमपी का यह पहला सरकार

अंतर्राष्ट्रीय

कोविड का कहर, फ्रांस में छह साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य

हे.जा.स. January 02 2022 18839

फ्रांस में ओमीक्रोन संक्रमण के दो लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं। सरकार मास्क पहनने के लिए बच्चों

उत्तर प्रदेश

मोटापा मधुमेह उच्च रक्तचाप हृदय विकारों का कारण: डा प्रदीप

लेख विभाग July 14 2022 28256

मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल साकेत के डॉ प्रदीप चौबे बतातें हैं कि परिवहन के आसानी से उपलब्ध साधनों

उत्तर प्रदेश

अस्पताल की शर्मनाक तस्वीर आई सामने, डॉक्टरों ने चस्पा किया नोटिस

विशेष संवाददाता August 02 2023 19869

संयुक्त जिला अस्पताल की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। आई फ्लू बीमारी को लेकर डॉक्टरो ने एक नोटिस चस्पा

उत्तर प्रदेश

कोविड-19: उत्तर प्रदेश में 53 लोगों की मौत, 468 नए मामले।

हुज़ैफ़ा अबरार June 14 2021 31168

पिछले 24 घटों के दौरान राज्य में कोविड-19 संक्रमित 53 और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में इ

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्राणीण स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य में 2445 स्टाफ नर्स के पदों पर भर्ती।

हुज़ैफ़ा अबरार October 09 2021 19703

यह भर्ती कंट्रैक्ट बेस (संविदा) पर होगी। यूपी में स्टाफ नर्स की इस भर्ती से कुल 2445 रिक्त पदों पर य

राष्ट्रीय

देश में कोरोना महामारी की चौथी लहर के आने की संभावना बहुत कम, सतर्क रहना होगा: डॉ जैकब

एस. के. राणा March 21 2022 19652

डा. जान ने कहा कि फिलहाल न तो वैज्ञानिक और न ही महामारी विज्ञान से जुड़े कोई कारण नजर आ रहे हैं, जिस

उत्तर प्रदेश

ऑनलाइन क्लासेज का बच्चों पर विपरीत असर पड़ा है: डॉ आलोक

रंजीव ठाकुर August 27 2021 23652

ऑनलाइन क्लासेज के साथ साथ होमवर्क और परीक्षाएं भी हो रही है। स्कूल जाने पर बच्चे एक-दूसरे से मिलते ह

राष्ट्रीय

कोरोना की तीसरी लहर करीब: आईएमए 

एस. के. राणा July 13 2021 20803

कोरोना की तीसरी लहर करीब ही है। संस्‍था ने इस मुश्किल वक्‍त पर देश के विभिन्‍न स्‍थानों पर अधिकारियो

राष्ट्रीय

भारत की पहली नेजल वैक्सीन लॉन्च

एस. के. राणा January 27 2023 18456

नेजल वैक्सीन शुरुआत में प्राइवेट अस्पतालों में लगेगी। इस वैक्सीन को सरकार ने भारत के कोविड 19 वैक्सी

Login Panel