नयी दिल्ली। यूक्रेन से लौटे भारतीयों में बड़ी संख्या में छात्र हैं और वह भी वे, जो वहां मेडिकल की पढ़ाई ( medical studies) के लिए गए थे। यूक्रेन के जैसे हालात हैं, उन्हें देखते हुए इसके आसार कम ही हैं कि हमारे छात्र हाल-फिलहाल अपनी पढ़ाई पूरी करने वहां लौट सकेंगे। यही कारण है कि यह प्रश्न उठने लगा है कि वहां से लौटे विद्यार्थियों और खासकर मेडिकल शिक्षा (medical education) के लिए गए छात्रों की आगे की पढ़ाई का क्या होगा?
इस प्रश्न के उत्तर में सरकार की ओर से यह बताया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission) और नीति आयोग (Niti Aayog) को ऐसे उपाय खोजने को कहा गया है, जिससे यूक्रेन (Ukraine) से लौटे हजारों छात्र देश में ही मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर सकें। इसके तहत फारेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिंग एक्ट (Foreign Medical Graduate Licensing Act.) में संशोधन-परिवर्तन के बारे में भी सोचा जा रहा है। ऐसा कुछ किया जाना समय की मांग है, लेकिन सवाल यह है कि क्या जल्द ऐसे उपाय किए जा सकते हैं जिससे यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के समय की बर्बादी न हो?
इस सवाल के सिलसिले में इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि कोरोना काल (Corona period) में चीन (China) से लौटे मेडिकल छात्र अभी तक वहां नहीं जा पाए हैं। इनमें से कई तो तीन-चार साल की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति यूक्रेन से लौटे तमाम छात्रों की भी है। यह सही है कि हमारे हजारों छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन इसलिए जाना पड़ा, क्योंकि वे देश के मेडिकल कालेजों में स्थान नहीं पा सके, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे प्रतिभाशाली नहीं या फिर उनमें डाक्टर (doctor) बनने का जच्बा नहीं।
तथ्य यह है कि देश के सरकारी मेडिकल कालेजों (government medical colleges) में सीटें कम होने और निजी मेडिकल कालेजों (private medical colleges) की फीस कहीं अधिक होने के कारण तमाम छात्रों को मेडिकल की पात्रता प्रवेश परीक्षा यानी नीट (NEET) पास करने के बाद भी यूक्रेन और अन्य देशों की ओर रुख करना पड़ता है। इस समस्या का कोई ठोस समाधान खोजना होगा।
एस. के. राणा March 06 2025 0 69375
एस. के. राणा March 07 2025 0 69153
एस. के. राणा March 08 2025 0 67044
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 59607
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 46953
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 45843
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 40071
सौंदर्या राय May 06 2023 0 86790
सौंदर्या राय March 09 2023 0 91184
सौंदर्या राय March 03 2023 0 91536
admin January 04 2023 0 92142
सौंदर्या राय December 27 2022 0 81192
सौंदर्या राय December 08 2022 0 70984
आयशा खातून December 05 2022 0 125097
लेख विभाग November 15 2022 0 94906
श्वेता सिंह November 10 2022 0 119826
श्वेता सिंह November 07 2022 0 93563
लेख विभाग October 23 2022 0 78233
लेख विभाग October 24 2022 0 81005
लेख विभाग October 22 2022 0 87726
श्वेता सिंह October 15 2022 0 93003
श्वेता सिंह October 16 2022 0 87233
विभाग द्वारा लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। लोगों से अपील की गयी है कि वह अपने घरों और आसपास
हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने लोगों से अपील की है कि वो मास्क का प्रयोग करें और ला
एम्स प्रशासन ने फैसला लिया है कि इस बार तीसरी लहर से निपटने के लिए 100 बेड के लेवल-टू और थ्री के अस्
दुनिया में एक नये खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है। जिसके कारण इक्वेटोरियल गिनी में कम से कम 9 लोगों
मच्छरों का जीवनकाल 20 से 25 दिनों का होता है, जिसमें 9-10 दिनों तक रूके हुए पानी के अन्दर रहता है, फ
जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से अपील करते कहा कि जिन लोगों ने अभी तक टीकाकरण नहीं कराया है, वह रविवार स
डॉ दया शंकर मिश्रा 'दयालु' को आयुष मंत्रालय का राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बना दिया गया लेकिन डॉ सैन
आमतौर पर प्रयोग होने वाला साल्ट पैरासिटामोल एक साल पहले 650 रुपये किलो मिलता था। अब इसके दाम 1200 रु
इंदौर में एक और बड़े अस्पताल की शुरुआत हुई है। बांबे अस्पताल, अपोलो, मेंदाता जैसे बड़े अस्पतालों के
संशोधित टीकाकरण रणनीति के तहत स्वास्थ्यकर्मियो और कमज़ोर स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले लोगों के समूहों
COMMENTS