पैन किलर्स का इस्तेमाल एक आम बात है। इससे एक तरफ आराम तो मिलता ही है पर दूसरी तरफ लीवर, किडनी पर कई प्रकार के नुकसान का हर्जाना मरीज को भरना पड़ता है। ऐसा ही एक नुकसान पलकों को भी झेलना पड़ता है। पलकों पर कवियों ने कविताएँ लिखी, शायरों ने शेर और तो और गीतकारो ने भी कई गीत लिख डाले। पलकों की महत्ता को कलाकारों ने अपने ढंग से बताए है। बीमारी और चिकित्सा जगत में भी पलकों की बहुत महत्ता है।
पलकों (eyelids) का झपकना हमारी आँखों के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब हम पलक झपकते है उस समय एक साथ बहुत सी क्रियाएँ होती है। एक तरफ आँखों की सफाई हो जाती है तो दूसरी तरफ आँखों को एक पल का विश्राम भी मिलता है। हम एक मिनट में 10- 20 बार पालक झपकते है। कुछ महत्वपूर्ण दृश्य देखते समय हमारी पलके कम झपकती हैं। विदेशी सिनेमाकार (cinematographers) अपनी फिल्मो की एडिटिंग में फ्रेम चेंज हमारे पलकों के झपकने (blinking of our eyelids) को ध्यान में रख कर करते हैं, ऐसा करना ही विदेशी फिल्मो को सामान्य स्तर से ऊपर उठता है।
पलकों की अनेक प्रकार की विकृतिया पाई जाती हैं, उस में से एक विकृति को टोसिस कहते है। इसमें रोगी की पलके पूर्ण रूप से खुलती नहीं है। कई लोगो की पलके झुकी हुई ही रह जाती है। पहले ये बीमारी काफी कम लोगो में पाई जाती थी। इन दिनों इस बीमारी में बड़ा उछाल आया है। पहले जन्मगत टोसिस (congenital tosis) ही ज्यादा देखने को मिलते थे पर आज कल टोसिस हर उम्र के लोगो में पाया जाने लगा हैं। स्त्री और पुरुष सामान्य रूप से पीडि़त हैं, देश या जाती से सम्बन्ध नहीं पाए गए है। टोसिस को हम दो भागो में बाट सकते हैं - एक जन्मगत और दूसरा अक्वायर्ड अर्थात जन्म के बाद कभी भी पलकों का झुक जाना।
किन लक्षणों से जाने की क्या आपको ये समस्या हैं ? अगर किसी को एक आंख में टोसिस होता हैं तो एक आंख छोटी और एक बड़ी दिखेगी, झुकी हुई पलकों में पलकों के ऊपर का क्रीज़ नहीं मिलेगा, कई बार अगर पलक ज्यादा नीचे आ जाती हैं तो देखने में भी दिक्कत आती हैं और रोगी अंगुलियों से पलकों को ऊपर कर के देखने की कोशिश करता हैं, गर्दन उठा के रखता हैं, भो को भी ऊपर की तरफ खींचता हैं जिससे की उसकी पलके उठ जाये और देखने में दिक्कत न आये।
आज के समय में इसके बढऩे का कारण हमारा मानसिक चाप (mental pressure), अनियंत्रित खान पान, डायबिटीज, ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन टूमर, नर्व की पैरालिसिस, मायस्थेनिया ग्रेविस (myasthenia gravis), चोट लगना, किसी ऑय सर्जरी के बाद जैसे की कैटरेक्ट सर्जरी या लेसिक सर्जरी के बाद, बहुत से मेडिसिन के साइड इफ़ेक्ट से भी टोसिस के रोगियों की संख्या बढ रही है। बढ़ते उम्र के साथ टोसिस होना स्वाभाविक है परन्तु आज का मानव अपने मानसिक परेशानियों से परेशान हो कर कई प्रकार की न्यूरोलॉजिकल दवाये लेने लगा हैं इन दवाओ का असर हमारे पलकों के मसल्स और नर्व पे होता हैं और बहुत से मिर्गी, एपिलेप्सी, ओस्टीओ आर्थराइटिस (epilepsy, osteo arthritis) के रोगियों की पैन किलर दवाओं के साइड इफेक्ट्स से भी टोसिस होने की सम्भावनाये है।
आज कल एक नया चलन आया हैं मूड स्टेबलाइजर (Mood Stabilizer) का, इसमें आम तौर पे युवा वर्ग अपने मूड को स्टैबिलाइज करने के लिए दवाओ का सहारा लेते हैं, इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स से भी टोसिस हो सकता है। दर्द में पैन किलर का सेवन एक आम बात है। मॉर्फिन जात की पैन किलर का सेवन समझ बूझ के किया जाना चाहिये। तुरंत आराम के लिए बहुत प्रकार की दवाओ का कॉकटेल बाजार में उपलब्ध हैं, इन दवाओ के सेवन से बचे, हमेशा चिकित्सक की सलाह से ही दवाओ का सेवन करे, जहा तक संभव हो अनायाश दवाओं के सेवन से बचे ।
कई बार देखा गया हैं पलकों का झुका होना रोगी को देखने मे कोई समस्या नहीं देता है परन्तु एक हीन भाव से वो ग्रषित (inferiority complex) हो जाता हे । छोटे बच्चों में टोसिस होने सै उनको स्कूल में, दोस्तों के बिच कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, कई बार बात यहाँ तक पहुंच जाती है की बच्चा स्कूल ही जाना छोड़ देता है और पढ़ाई तक बंद हो जाती है, सामाजिक अनुष्ठान में भी नहीं जाता है ।
कई बार एक पलक का ज्यादा झुका होना व्यक्ति के चरित्र पर भी सवालिया निशान खड़ा कर देता है और तो और मैंने एक महिला टसिस के मरीज से जाना की उसकी दोनों पलके झुकी होने के कारण उसे समाज में ना अच्छे नजर से देखा गया न ही प्रतिभा को देखा गया बल्कि उनके आते ही लोगो ने उन्हें ओवर ड्रिंक की संज्ञा दी, काफी लोग उनका उपहास भी करते है ये कह कर की सुबह सुबह ही नशे में डूबी हुए है । हमारा समाज एक रोगी या एक विकलांग को तभी सहानभूति दिखाता है जब वो अपने ऊपर अपने बीमारी का टैग लगा के घूमता है वार्ना उसे उपहास (face ridicule) का ही सामना करना पड़ता है।
टोसिस की चिकित्सा (treatment of tosis) की बात करे तो ऑपरेशन कर के पलकों को ऊपर उठाया जाता है । कई बार देखा गया है ये सर्जरी सक्सेसफुल नहीं भी होती है, या तो पलक ज्यादा उठ जाता है, या कम, कई बार कुछ समय के बाद वापस टोसिस हो जाता है, सर्जरी के बाद पलकों के ऊपर टांको के निशान भी देखने को मिलते है । कुल मिला के ऑपरेशन एक अच्छा विकल्प नहीं है। टोसिस के कुछ नॉन सर्जिकल उपाय (non-surgical remedies) भी है। भोजन, ऑय एक्सरसाइज और स्पेशल तरह का चस्मा लाभ दायक है । जन्मगत टोसिस के रोगियों के पास सिर्फ दो ही विकल्प है ऑपरेशन या बिना सर्जरी के क्रच वाला चस्मा जो पलकों को उठा के रख।
जन्म के बाद होने वाले टोसिस में कारण को पहले जानने से इलाज में मदद मिलती हे। आम तौर से विटामिन बी, कैल्शियम , मैग्नीशियम , जिंक , विटामिन सी , विटामिन इ , टौरीन, लेसिथिन, एसेंशियल फैटी एसिड्स पाए जाने वाले फल, सब्जियों का सेवन या इनके टेबलेट्स का सेवन न केवल पलकों को नुट्रिशन देता है बल्कि आँखों के लिए भी विशेस लाभ दायक है। आँखों की एक्सरसाइज (Eye exercises) भी पलकों के मसल्स को ताकत देता है जैसे की इंडेक्स फिंगर (index finger) को ऑय ब्रो पे रखे और हलके से निचे की तरफ प्रेस करे और इसी समय अपने भौवों को ऊपर की तरफ खींचे, फिर आंखे बंद कर ले और इंडेक्स फिंगर से पलकों को ऊपर की तरफ खींचने की कोशिश करे और उसी समय आँखों को भींचे रखे की पलके न खुले अर्थात दो अलग दिशा में फॉर्स को लगाए उंगलिया पलक खोलना चाहेंगी और आप बंध रखना चाहेंगे इस से पालक के मसल्स पर एक दबाव बनेगा।
इसके बाद आंख खोले और जोर से बांध करे ऐसा 4 से 5 बार करने क बाद 6 सेकंड आंख बांध रखे, ऐसा कई बार करे, आंखे खोले और आँखों को अप डाउन मूवमेंट करे 10 बार ऐसा रोज करे, दिन में कई बार करे। इमीडियेट सोल्युशन के लिए टोसिस का क्रच वाला चस्मा बनाये जो पलकों को उठा के रखेगा और सामने से देखने वालो को पता भी नहीं चलेगा की पलकों (eyelashes) में कोई समस्या है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77313
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS