ज़्यादातर लड़कियों में प्यूबर्टी के दौरान ही मेंस्ट्रुएशन (माहवारी) शुरू हो जाती है। इस दौरान लड़कियों में कई तरह के शारीरिक और भावनात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। वो बच्चे से एक वयस्क बन जाते हैं। 11 वर्ष से 15 वर्ष की उम्र के बीच मेंस्ट्रुएशन होना बिलकुल सामान्य बात है।
पीरियड आने के संकेत - Signs of period
अगर आपके पीरियड तब भी शुरू नहीं हुए, तो ये आमतौर पर आपके स्तन के विकसित होने के दो साल बाद शुरू हो जाते हैं। लेकिन और भी ऐसे संकेत हैं, जो ये बता सकते हैं कि आपका पहला पीरियड कब आने वाला है। करीब उसी समय के दौरान आपको आपके प्यूबिक एरिया में बाल आते दिखने लगेंगे और एक म्यूकस जैसा डिस्चार्ज दिखेगा जोकि साफ़, सफ़ेद, या हल्का पीला रंग का होता है। ये दोनों ही संकेत यह बताते हैं कि आपका पहला पीरियड आने ही वाला है। अगर आपक मेंस्ट्रुएशन की शुरुआत हो चुकी है, तो कुछ ऐसे संकेत जो हमेशा आपको यह बताएँगे कि आपके पीरियड आने वाले हैं, वो हैं
पीरियड के इन संकेतों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि इससे आप सेनेटरी पैड्स और टेम्पन्स जैसे पीरियड में काम आने वाले प्रोडक्ट रखकर पहले से ही इसके लिए तैयार रह सकतीं हैं।
पीरियड साइकिल - Period cycle
पीरियड साइकिल या मेंस्ट्रुअल साइकिल आपके पीरियड के पहले दिन और अगले पीरियड के बीच का समय है। उदाहरण के लिए अगर आपका पिछले पीरियड 10 जनवरी को शुरू हुआ था और आपका अगला पीरियड 8 फरवरी को आया, तो इसका मतलब है कि आपकी मेंस्ट्रुअल साइकिल 10 जनवरी से 8 फरवरी के बीच का समय है। इस इन चार चरणों में अच्छे से समझा जा सकता है:
प्यूबर्टी की शुरुआत से यह पूरी साइकिल बार-बार होती है मतलब आपके पहले पीरियड से लेकर मेनोपॉज़ (menopause) तक, मतलब आपका पीरियड आना बंद होने तक। ज़्यादातर महिलाओं को 40 वर्ष की उम्र के बाद से 50 वर्ष की उम्र के दौरान मेनोपॉज़ के लक्षणों का और फिर पीरियड पूरी तरह से बंद हो जाने का अनुभव होने लगता है।
जब आपके पीरियड आना शुरू होते हैं, आपकी मेंस्ट्रुअल साइकिल कुछ सालों के लिए अनियमित होती है और इसके आने का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। क्योंकि इस समय आपका शरीर अपना प्राकृतिक तालमेल बना रहा होता है, जोकि पूरी तरह से सामान्य है। एक बार यह तालमेल बैठ जाए, फिर आपके पीरियड हर महीने आना शुरू हो जाते हैं।
माहवारी के दौरान होने वाली परेशानियाँ - Problems during menstruation
कई महिलाओं को उनके पीरियड आने के पहले के कुछ हफ़्तों से प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या पीएमएस का अनुभव होता है। जिन्हें मूड स्विंग्स, मुहांसे, एंग्जायटी (उत्कंठा), पेट फूलना, चिड़चिड़ाहट या गुस्सा आने जैसे लक्षणों से समझा जा सकता है।
आपको अपने पीरियड के शुरुआती कुछ दिनों में दर्द महसूस हो सकता है। इसमें पीरियड के दिनों में कमर दर्द के साथ-साथ आपको पेट के नीचले हिस्से में दर्द या हल्का पेट दर्द हो सकता है।
वैसे तो पीरियड के दौरान दर्द (pain) एक आम बात है, लेकिन अगर यह दर्द असहनीय हो जाए और आपके रोजमर्रा के जीवन पर असर डालने लगे तो बेहतर होगा कि दर्द का सही कारण जानने के लिए आप अपने डॉक्टर को दिखाएं।
पीरियड के समय होने वाले दर्द का उपाय - Remedy for pain during period
आमतौर पर जैसे-जैसे दिन बीतते जाते हैं पीरियड का दर्द कम होता जाता है लेकिन अगर पीरियड का दर्द आपके रोज के कामों में रुकावट ला रहा है तो आप इन नुस्खों को आजमा सकते हैं:
हालाँकि अगर दर्द निवारक गोलियों (pain relief pills) से पीरियड के दर्द में कोई राहत ना मिले, तो आपको अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
पीरियड मैनेजमेंट - Period Management
सबसे ज़रूरी चीज जो आपके पीरियड का अनुभव आरामदायक बना सकती है, वो है पीरियड के लिए सही प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना। पीरियड के लिए ऐसे प्रोडक्ट चुनना जो आपकी ज़रूरतों को पूरा करें आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि आपको उसके लिए कई प्रोडक्ट का इस्तेमाल करके देखना होगा। इसलिए ज़रूरी है कि अपने लिए सही प्रोडक्ट का फैसला करने से पहले आप अलग-अलग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। आपका प्रोडक्ट आपके पीरियड में होने वाले बहाव के हिसाब से होना चाहिए।
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