लखनऊ। केजीएमयू ने डिग्री ना ले पाने वाले छात्रों को एक और मौका देने का फैसला किया है और साथ ही लगातार चार साल फेल होने वाले छात्रों का एडमिशन रद्द कर करने का निर्णय लिया है। कुलपति ने इसके पीछे की वजहें भी बताई है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में कुलपति डॉ बिपिन पुरी (Dr. Bipin Puri) ने पिछले लगभग 20 वर्षों से 37 छात्र एमबीबीएस की डिग्री (MBBS degree) अपने नाम नहीं कर सके हैं जिनको अब दुबारा मौका (chance for MBBS) मिलने जा रहा है। इन सभी छात्रों को एक और मौका देने के बाद एडमिशन रद्द करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही लगातार चार साल फेल होने वाले छात्रों का एडमिशन रद्द कर दिया जाएगा।
कुलपति डॉ बिपिन पुरी ने बताया कि फेल होने वाले छात्रों में ज्यादातर की शादी हो चुकी है। उनके बच्चे भी हैं जो स्कूल जाने लगे हैं। छात्र अभी भी एमबीबीएस की परीक्षा पास नहीं (clear MBBS exam) कर पा रहे हैं। इन छात्रों की पढ़ाई में मदद करवाने के लिए केजीएमयू प्रशासन (KGMU administration) की ओर से एक समिति का गठन भी किया गया था जिस पर उनकी काउंसलिंग (counseling) भी की गई थी।
इनके अतिरिक्त कक्षाएं लगाई गई और उनके सत्र से जुड़े हुए कई अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने की कोशिश भी की गई। सभी प्रयासों का कोई असर दिखाई नहीं पड़ रहा है। इसके लिए हम अब इन सभी छात्रों को एक मौका और देने के बाद बाहर का रास्ता दिखाने को मजबूर हैं।
नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) के 2019 के नियमों के अनुसार, चिकित्सा जगत (medical world) की पढ़ाई में चार वर्षों तक यदि एक छात्र डिग्री ले पाने में अक्षम होता है तो उसे संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
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