नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) अपनी प्रमुख योजना- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत अस्पताल के प्रदर्शन को मापने और ग्रेड देने के लिए एक नई प्रणाली शुरू कर रहा है। इसका उद्देश्य अस्पतालों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की मात्रा की जगह स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के मूल्य के आधार पर उनके प्रदर्शन का आकलन करना है।
आम तौर पर भुगतान करने वाले के दृष्टिकोण से स्वास्थ्य सेवा मॉडल (healthcare model) को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की मात्रा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें प्रदान की गई सेवाओं की संख्या के आधार पर केस-आधारित एकमुश्त भुगतान किया जाता है। यह नई प्रणाली 'मूल्य-आधारित सेवा' की अवधारणा को सामने लाएगी, जहां भुगतान परिणाम आधारित होगा। इसमें प्रदान किए गए उपचार की गुणवत्ता के अनुरूप अस्पतालों (Hospitals) को भुगतान किया जाएगा। नए प्रारूप के तहत रोगियों (patients) को उनके स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायता करने के लिए सेवा प्रदाताओं को पुरस्कृत किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप लंबी अवधि में लोगों के बीच रोग (disease) के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
यह कदम समग्र स्वास्थ्य लाभ में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी का संकल्प व्यक्त करता है और रोगियों से लेकर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (healthcare providers), भुगतानकर्ताओं व आपूर्तिकर्ताओं तक, यानी सभी संबंधित हितधारकों को इससे लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य परिणाम और उन्हें मिलने वाली सेवाओं से काफी संतुष्टि प्राप्त होगी और प्रदाता बेहतर देखभाल क्षमताओं को प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। इसी तरह भुगतानकर्ता किए गए खर्च से उत्पन्न स्वास्थ्य लाभ (health benefits) को अधिकतम करने में सक्षम होंगे।
इस पहल पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority) के सीईओ डॉ. आर.एस. शर्मा ने कहा, “पीएम-जेएवाई लाभार्थियों (beneficiaries) को हर एक सूचीबद्ध अस्पताल में नकद रहित स्वास्थ्य लाभ और उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्राप्त हों, यह सुनिश्चित करने के लिए एनएचए ने कई उपायों को लागू किया है। इन उपायों में योजना के तहत उपचार की लागत का मानकीकरण और नई व उन्नत उपचार प्रक्रियाओं को शामिल करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, एनएचए ने रोगियों को गुणवत्तापूर्ण सेवा देने वाले सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को प्रोत्साहित करने का प्रावधान किया है।”
इसके अलावा एक मूल्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रणाली (healthcare system) में भुगतानकर्ता मजबूत लागत नियंत्रण भी कर सकते हैं। कम दावों वाली एक स्वस्थ जनसंख्या (healthy population) भुगतानकर्ताओं के प्रीमियम पूल और निवेशों पर कम खर्च करती है। आपूर्तिकर्ता अपने उत्पाद व सेवाओं को सकारात्मक रोगी परिणामों और कम लागत के अनुरूप करने में सक्षम होने से लाभान्वित होंगे।
व्यापक रूप से मूल्य-आधारित देखभाल, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को रोगी केंद्रित सेवाएं (patient centric services) प्रदान करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए लाभान्वित और प्रोत्साहित करके भारत में स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में महत्वपूर्ण सुधार का संकल्प करता है।
मूल्य-आधारित (Value-Based Care) देखभाल के तहत एबी पीएम- जेएवाई सूचीबद्ध अस्पतालों के प्रदर्शन को पांच प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर आकलित किया जाएगा। ये हैं- 1. लाभार्थी संतुष्टि, 2. अस्पताल में भर्ती होने की दर, 3. आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय की सीमा, 4. पुष्ट की गई शिकायतें और 5. भर्ती रोगी के स्वास्थ्य से संबंधित जीवन की गुणवत्ता में सुधार।
उपरोक्त संकेतकों के आधार पर अस्पतालों के प्रदर्शन को एक सार्वजनिक डैशबोर्ड (public dashboard) पर भी उपलब्ध कराया जाएगा, जो लाभार्थियों को सूचना आधारित निर्णय लेने में सहायता करेगा। इस तरह अस्पताल का प्रदर्शन न केवल अस्पताल के वित्तीय प्रोत्साहन का निर्धारण करेगा बल्कि, पीएमजेएवाई के तहत लाभार्थियों के गुणवत्तापूर्ण उपचार की मांग भी उत्पन्न करेगा।
ये प्रदर्शन मूल्यांकन व मूल्य-आधारित प्रोत्साहन और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता की निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी (health technology) मूल्यांकन व डिजिटल उपकरणों के उपयोग, सामूहिक रूप से एबी पीएम-जेएवाई और भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को मात्रा-आधारित से मूल्य-आधारित स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली में रूपांतरित कर देगा।
एस. के. राणा March 07 2025 0 20757
एस. के. राणा March 06 2025 0 20535
एस. के. राणा March 08 2025 0 19425
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 18315
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 14763
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 13209
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80241
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84968
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83544
admin January 04 2023 0 85149
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74421
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64213
आयशा खातून December 05 2022 0 117660
लेख विभाग November 15 2022 0 87358
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99846
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85793
लेख विभाग October 23 2022 0 70685
लेख विभाग October 24 2022 0 72236
लेख विभाग October 22 2022 0 79512
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85788
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80462
आधे से ज्यादा बीमारी नियमित प्राणायाम से दूर होती है। रोजाना 50 मिनट कसरत करनी चाहिए, इसे ज्यादा नही
डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि प्रदेश को तय समय में टीबी मुक्त बनाने में यह पहल अहम भूमिका निभाए
सर्दियों के मौसम में बच्चों की बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। साथ ही खानपान पर भी उतना ही ध्य
संतरे से आपका खोया हुआ निखार वापस आ जाएगा। बता दें संतरा ना केवल हमारे शरीर के लिए बल्कि हमारी स्किन
आयुष मंत्रालय ने हल्का औऱ मध्यम रोगियों में भी होम्योपैथिक दवाईओं के प्रयोग के लिए गाइड लाइन जारी कर
17 सितंबर से 01 अक्टूबर तक चलने वाले स्वैच्छिक रक्तदान अभियान का आगाज आज से शुरू हो चुका है। लखनऊ के
अपोलोमेडिक्स की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ प्रांजलि सक्सेना के मुताबिक़ यह कोविड होने के बाद बच्चों में होने
पशुपालन विभाग जिला सोलन के उपनिदेशक बीबी गुप्ता ने बताया कि जिले में अलर्ट कर दिया है।
अनार के छिलके में बहुत सारा विटामिन सी होता है, जो हमारे पूरे शारीरिक विकास के लिए एक और महत्वपूर्ण
कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ और खुराकें क्रमश: 205 रुपये और 215 प्रति खुराक, के हिसाब से खरीदी
COMMENTS