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जामुन: बरसात के मौसम का खूबियों भरा फल।

जामुन गुणों से भरपूर फल है। ये बाहर और भीतर दोनों तरह से शरीर को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जामुन की छाल एक ब्लड प्यूरीफायर है।

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June 10 2021 Updated: June 11 2021 22:17
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जामुन: बरसात के मौसम का खूबियों भरा फल। प्रतीकात्मक
- अली हसनैन आब्दी फ़ैज़ 
 वन्यजीव सरक्षण वादी

गर्मियों और बरसात के मौसम में एक ऐसा फल आता है जो देखने में तो छोटा सा होता है लेकिन उसकी बहुत सी खूबियां होती हैं। ये है जामुनी रंग का जामुन जिसका मीठा, कसैला स्वाद सभी को अपना दीवाना बना लेता है। 

अंग्रेजी भाषा में जामुन को ब्लैक बेरी कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार जामुन के बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। आयुर्वेद में जामुन को डायबिटीज के कंट्रोल के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। इसके साथ ही जामुन पाचन को बेहतर बनाने से लेकर किडनी स्टोन के इलाज में भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। 

जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड भरपूर मात्रा में होते हैं। जामुन का सिर्फ फल ही नहीं, इसके पेड़ की छाल, पत्तियां और फल की गुठली भी बहुत फायदेमंद होती है। बड़ों के साथ ही ये फल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं जामुन के स्वास्थ्य को फायदे। 

बढ़ते स्ट्रेस, हॉर्मोनल डिस्बैलेंस और जंकफ़ूड के सेवन की वजह आजकल पिंपल्स होना एक आम समस्या हो गयी है। जामुन के रस का उपयोग पिंपल्स को कम करने किया जाता है। जामुन या इसकी पत्तियों के रस को स्किन पर लगाने से ये स्किन पर बढ़ते हुए ऑइल और सीबम के सेक्रेशन को रोकता है। इससे पिंपल्स की समस्याओ में आराम मिलता है। 

जामुन बहुत से गुणों से भरपूर फल है। ये बाहर और भीतर दोनों तरह से शरीर को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जामुन की छाल एक ब्लड प्यूरीफायर है जो आपके खून को अंदर से साफ करते हुए आपकी स्किन का बाहर से ख्याल रखती है। अगर आपका खून प्यूरीफाइड तो आपका मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है और आपकी स्किन खूबसूरत नजर आती है। 

आंखों में जलन, कीचड आना और दर्द आज के समय की सच्चाई बन गए हैं। लगातार इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन के सामने बैठना आंखों के लिए खतरनाक है। बच्चों हो या बड़े, सभी को आंखों से संबंधित परेशानी होती ही हैं। जामुन के 15-20 मुलायम पत्तों को 400 मिली पानी में पका लें। जब यह काढ़ा एक चौथाई बच जाए, तो इसे ठंडा करके इससे आंखों को धोएं। इससे आंखों की समस्या में लाभ होता है।

कानों में समस्या भी आजकल बेहद आम है। कभी-कभी घाव होने पर या अन्य कारणों से कान से पस निकलने लगता है। इसके लिए जामुन की गुठली को पीसकर शहद में मिला लें। ये एक बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा है और इसकी 1-2 बूंद कान में डालने से कान का बहना, कान में दर्द आदि बन्द हो जाता है।

दांत का दर्द भी आजकल बेहद कॉमन है। जामुन का स्वाद और तासीर कसैली होती है। इसका उपयोग दांतों की समस्या से आराम दिलाने के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए जामुन के पत्तों को जलाकर उसकी राख बना लें। इसे मंजन की तरह दांत और मसूड़ों पर मलने से दांत और मसूड़े स्ट्रॉन्ग होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, जामुन के पके हुए फलों का रस निकाल लें और इससे कुल्ला करें। ऐसा करने से पाइरिया ठीक होता है।

पेट के गर्म होने, बढ़ने या खानपान में बदलाव के कारण अक्सर लोगों को मुंह के छालों की समस्या से गुजरना पड़ता है। जामुन के पत्तों के रस से कुल्ला करने पर मुंह के छालों में आराम होता है। जामुन की कसैली तासीर छालों की लाली और इनसे होने वाले दर्द को कम करते हैं। इसके साथ ही जामुन गले में होने वाले दर्द और गले की अन्य समस्याओं से आराम दिलाने बहुत फायदेमंद है। 10-15 मिली जामुन के फल के रस का नियमित सेवन गले की समस्याओं से भी आराम दिलाता है। इसके अलावा, गले के दर्द में 1-2 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल के चूर्ण का सेवन करें। ये चूर्ण आपको किसी भी आयुर्वेदिक शॉप में मिल जाएगा। इस चूर्ण का सेवन शहद के साथ करना फायदेमंद होता है।  

डिसेंट्री जिसे पेचिश भी कहा जाता है, पेट की ऐसी समस्या है जहां मल के साथ खून आने लगता है। ये बेहद दर्दनाक समस्या होती है। इससे आराम दिलाने के लिए भी जामुन का इस्तेमाल किया जा सकता है। जामुन की छाल का रस निकाल लें और इसे बराबर मात्रा में बकरी के दूध के साथ पियें। इससे डिसेंट्री में आराम मिलता है।

इसके अलावा जामुन के पेड़ की 10 ग्राम छाल को 500 मिली पानी में पकाएं। जब यह एक चौथाई बच जाए तो पिएं। इससे भी डिसेंट्री में आराम मिलता है। यह काढ़ा 20-30 मिली की मात्रा में दिन में 2 से 3 बार पीना चाहिए। ये पेट से जुडी समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद है। 

पथरी का किडनी स्टोन की समस्या भी आजकल बहुत कॉमन हो गयी है। इसमें आराम दिलाने में भी जामुन बहुत फायदेमंद साबित होता है। ऐसा कहा जाता है कि पके हुए जामुन के फल को खाने से पथरी गल कर निकल जाती है। इसके साथ ही जामुन के 10 मिली रस में थोड़ा सा सेंधा नमक मिला लें। कुछ दिनों तक दिन में 2-3 बार रोज पीने से यूरिनरी ट्रैक में फंसी हुई पथरी टूटकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है।

बहुत सारी स्टडीज बताती हैं कि जामुन में हाइपोग्लाइसिमिक गुण पाए जाते हैं। इसका नियमित सेवन ब्लड शुगर को 30% तक कम करने में फायदेमंद साबित होता है। जामुन के बीज में अल्केलॉइड्स होते हैं जो ब्लड सुगर घटाने में मददगार साबित होते हैं। जामुन की गुठली के पाउडर का सेवन डायबिटीज की समस्या से आराम दिलाने और ब्लड शुगर को कम करने में मददगार होता है। 

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