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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, कोरोना काल में भी नहीं थमी रफ़्तार।

​योजना से सम्बंधित कोई भी जानकारी फोन पर नहीं मांगी जाती, जैसे- आधार कार्ड नम्बर, सीवीवी या ओटीपी नंबर आदि। इस तरह की जानकारी यदि कोई मांगता है तो उसे कदापि न दें। यह जानकारी देने से आपके बैंक खाते से छेड़छाड़ हो सकती है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, कोरोना काल में भी नहीं थमी रफ़्तार। प्रतीकात्मक

लखनऊ। चार साल पहले जनवरी 2017 में जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के उद्देश्य से शुरू की गयी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना गर्भवती/धात्री महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली व धात्री महिला को तीन किश्तों में 5000 रूपये प्रदान किये जाते हैं। 

कोरोना के चलते पूरे देश में किये गए लाकडाउन के दौरान भी इन गर्भवती व धात्री महिलाओं के खाते में धनराशि भेजी गयी जो कि जच्चा-बच्चा के बेहतर पोषण के साथ ही परिवार वालों के लिए भी बड़ी ही मददगार बनी। अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो यह उपलब्धि सौ फीसद से भी अधिक रही। इस दौरान योजना के तहत 931854 गर्भवती को लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया था जिसके सापेक्ष उपलब्धि 936294 रही।

​योजना के राज्य नोडल अधिकारी राजेश बांगिया का कहना है कि योजना के शुरुआत से अब तक (जनवरी 2017 से फरवरी 2021) प्रदेश का कुल लक्ष्य 3926370 निर्धारित किया गया था जिसके सापेक्ष 3748657 लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया जो कि लक्ष्य के सापेक्ष 95.47 फीसद है । उनका कहना है कि कोरोना के चलते जब देश में कई योजनाओं पर विराम लग गया था, उस दौरान भी इस योजना से गर्भवती को लाभान्वित किया जाता रहा । यह जरूर था कि बहुत सारी बंदिशों और प्रोटोकाल के चलते लक्ष्य और उपलब्धि में फर्क देखने को मिला किन्तु जब स्थितियां नियंत्रण में आयीं तो उस लक्ष्य को पाने के लिए सौ फ़ीसद से बहुत ज्यादा की उपलब्धि हासिल कर उस अंतर को ख़त्म कर दिया गया।

​राजेश बांगिया ने अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक की स्थिति के बारे में बताया कि इस दौरान हर महीने 84714 गर्भवती को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसके सापेक्ष अप्रैल में 32081 (37.87 फीसद), मई में 41175 (48.60 फीसद), जून में 70360 (83.06 फीसद), जुलाई में 76204 (89.95 फीसद), अगस्त में 81356 (96.04 फीसद), सितम्बर में 108066 (127.57 फीसद), अक्टूबर में 113300 गर्भवती को लाभान्वित कर 133.74 फीसद तक उपलब्धि हासिल की गयी । इसी तरह नवम्बर में 99493 (117.45 फीसद), दिसंबर में 108352 (127.90 फीसद), जनवरी में 104719 (123.61 फीसद) और फरवरी में निर्धारित लक्ष्य से बढ़कर 101188 गर्भवती को लाभान्वित कर 119.45 फीसद की उपलब्धि हासिल की गयी । योजना के तहत अधिक से अधिक गर्भवती व धात्री को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए इस साल के बजट में 320 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है ।  

तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रूपये :
पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत तीन किश्तों में 5000 रुपये प्रदान किये जाते हैं । पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है । बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए, निजी अकाउंट ही मान्य होगा। पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं । प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।

अब घर बैठे योजना के लाभ के लिए कर सकते हैं आवेदन :
ऑनलाइन आवेदन के लिए लाभार्थी जब www. pmmvy-cas.nic.in पर लॉगिन करेंगे तो उनके मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा साइट पर ओटीपी डालकर संबंधित फॉर्म भर कर आवेदन किया जा सकता है। ऑफ़लाइन की व्यवस्था पहले की ही तरह चलती रहेगी।  

कोई दिक्कत आए तो फोन मिलाएं :
राज्य स्तर से हेल्प लाइन नंबर 7998799804 जारी किया गया है। इस हेल्प लाइन नंबर पर लाभार्थी स्वयं ही कॉल करके योजना के आवेदन संबंधी तथा भुगतान में आ रही समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकते हैं 
।  

साइबर ठग से रहें सावधान :
​योजना से सम्बंधित कोई भी जानकारी फोन पर नहीं मांगी जाती, जैसे- आधार कार्ड नम्बर, सीवीवी या ओटीपी नंबर आदि । इस तरह की जानकारी यदि कोई मांगता है तो उसे कदापि न दें क्योंकि यह जानकारी देने से आपके बैंक खाते से छेड़छाड़ हो सकती है ।

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