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रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने पोस्ट कोविड मरीजों के लिए मुफ्त कैम्प का आयोजन किया।

कोविड-19  से अक्सर निमोनिया और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS), फेफड़े में गंभीर चोट होती है। ठीक हो चुके मरीजों में अन्य लक्षणों में खांसी, टीबी, सांस लेने में कठिनाई और अस्थमा या सीओपीडी (पुरानी सूजन फेफड़ों की बीमारी) और छाती की अन्य समस्याएं शामिल होती हैं।

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रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने पोस्ट कोविड मरीजों के लिए मुफ्त कैम्प का आयोजन किया। प्रतीकात्मक

लखनऊ। रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एक निःशुल्क  कैम्प का आयोजन कर रहा है। इस कैम्प में कोविड से पीड़ित हो चुके मरीजों के लिए मेडिकल हेल्थ चेकअप में छाती और डायबिटीज की समस्याओं से पीड़ित या घातक संक्रमण से उभरने के बाद क्रिटिकल केयर की जरुरत होती है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनज़र 16 से 22 अगस्त तक हफ्ते भर चलने वाले मुफ्त मेडिकल हेल्थ चेकअप कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस कैम्प में मौजूद बीमारियों से पीड़ित लोगों को डॉ उबैदुर रहमान, डॉ  यश जावेरी और डॉ अभिषेक श्रीवास्तव द्वारा मुफ्त कंसल्टेशन दिया जाएगा।। डॉ रहमान जहां सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक उपलब्ध रहेंगे, वहीं डॉ जावेरी और डॉ श्रीवास्तव शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक मरीजों को देखेंगे। इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस मात्र 100 रुपये है और मेडिकल जांच पर 25% की छूट है। डॉक्टर यह भी बताएंगे कि इन बीमारियों से कैसे बचा जाए और वे बीमारी से उभरने के बाद सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए टिप्स साझा करेंगे।

कोविड-19  से अक्सर निमोनिया और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS), फेफड़े में गंभीर चोट होती है। ठीक हो चुके मरीजों में अन्य लक्षणों में खांसी, टीबी, सांस लेने में कठिनाई और अस्थमा या सीओपीडी (पुरानी सूजन फेफड़ों की बीमारी) और छाती की अन्य समस्याएं शामिल होती हैं।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट और एमडी डॉ उबैदुर रहमान ने इस कैम्प के बारे में बताते हुए कहा, "कोविड-19 के गंभीर केसेस में संक्रमण आपके फेफड़ों में हवा की थैली की दीवारों और अंदरूनी परत को नुकसान पहुंच सकता है। जैसे-जैसे आपका शरीर इस संक्रमण से लड़ने की कोशिश करता है, फेफड़े और ज्यादा सूज जाते हैं और तरल पदार्थ से भर जाते हैं। इससे उनके लिए ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करना मुश्किल हो सकता है, ऐसे में ऐसे मरीजों को तत्काल मेडिकल मदद की आवश्यकता होती है। अगर वे संक्रमण से ठीक भी हो जाते हैं, तो उनमें सांस लेने में कठिनाई और छाती की अन्य समस्याओं जैसे कई लक्षण विकसित होते हैं। ऐसे में हम सांस लेने वाली एक्सरसाइज और योग के आसन करने की सलाह देते हैं ताकि इससे फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सके। रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हमारे पास ऐसे मरीजों के इलाज के लिए सर्वोत्तम उपकरणों के साथ सभी बेहतरीन सुविधाएं और तकनीक उपलब्ध है।"

कोविड के बाद छाती की समस्याओं वाले मरीजों को बलगम या कफ, एलर्जी, अनिद्रा, खर्राटे और खांसी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर और एनेस्थेसिया कंसल्टेंट डॉ यश झावेरी ने कहा, "डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को कोविड से उबरने के बाद बहुत ज्यादा प्यास या भूख, कमजोरी, बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना, घाव भरने में देरी, प्रजनन अंगों में संक्रमण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। दरअसल किसी भी वायरस से ठीक होने पर डायबिटीज वाले लोगों में गंभीर कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए अगर आप अपनी डायबिटीज को अच्छे से मैनेज करते हैं तो आपके कोविड-19 से बहुत ज्यादा बीमार होने का खतरा कम होने की संभावना है। रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एडवांस तकनीकों और डॉक्टरों की एक समर्पित और बेहतरीन टीम के लिए जाना जाता है। यह हॉस्पिटल वायरस से उबर चुके  डायबिटीज के मरीजों को मैनेज करता है।"

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