लखनऊ। उपमुख्यमंत्री तथा चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक लगातार अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की पड़ताल कर रहे हैं। राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज का उन्होंने सबसे पहले निरीक्षण किया था और इसके बाद हेल्थ जागरण ने भी आपको जमीनी हकीकत दिखाई थी।
एक बार फिर जब हेल्थ जागरण (health jagaran) केजीएमयू (KGMU) पहुंचा तो भीषण गर्मी में न्यू ओपीडी (New OPD) में एयरकंडीशन और पंखों की हालत देख कर पसीना आ गया। इस तपती गर्मी में भी दूर दूर से मरीज केजीएमयू पहुंचते हैं लेकिन न्यू ओपीडी भवन में भूतल से लेकर चतुर्थ तल तक गर्मी से राहत देने वाले पंखे बीमार दिखाई दिए। एक तो पंखों की रफ्तार इतनी कम है कि ठीक पंखे के नीचे पूरी तरह हवा नहीं मिलती दूसरे दर्जन भर से ज्यादा पंखे चल ही नहीं रहें थे।
राजधानी (Lucknow) के सहादतगंज इलाके से आए एक तीमारदार ने बताया कि वह कैंसर के इलाज (cancer treatment) के लिए काफी समय से न्यू ओपीडी के दूसरे तल पर आते हैं लेकिन पूरी गर्मी से यहां एयरकंडीशन नहीं चल रहा है और काफी पंखे भी नहीं चल रहें हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग गर्मी में बेहाल हो कर बेहोश तक हो जा रहें हैं।
तस्वीरों में आप साफ देख सकते है कि केजीएमयू में न्यू ओपीडी भवन में पंखों की क्या स्थिति है और कितनी भीड़ भाड़ (patients) हैं।
गर्मियों में हवा को तरसतें मरीजों की बात लेकर जब हेल्थ जागरण पंजीकरण काउंटर (Kgmu registration counter) पर पहुंचा तो देखा कि यहां भी एक पंखा खराब था, इसके बाद कार्यालय प्रभारी से जब इसका सबब पूछा तो कैमरे के सामने आने से मना करते हुए उन्होंने अपना नाम बताने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि न्यू ओपीडी के दूसरे तल का एसी काफी समय से खराब है और अब इसका टेण्डर पास हो गया है लेकिन कल पुर्जे नहीं मिल रहें हैं। खराब पड़े पंखों को लेकर उन्होंने दिखाया कि कार्यालय में सही किए हुए पंखे आ गए हैं और प्रथम तल से शुरू करते हुए जल्दी ही सारे खराब पंखे बदल दिए जाएंगे।
तो यह एक बानगी है राजधानी के केजीएमयू अस्पताल (KGMU Hospital) की जबकि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brijesh Pathak) लगातार अस्पतालों में सुविधाओं को लेकर सचेत करते रहते हैं और खास कर पीने का ठंडा पेयजल, सुचारू पंजीकरण काउंटर को लेकर महत्वपूर्ण संदेश देते रहते हैं। अब देखना होगा कि कब तक केजीएमयू में न्यू ओपीडी भवन में बीमार एसी और पंखे दुरुस्त होते हैं और मरीजों को हवा प्रदान कर पाते हैं।
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