लखनऊ। आम जिंदगी के साथ-साथ खेलों में भी मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है। दर्शकों के लिए ये रोमांचक मुकाबला होता है लेकिन खिलाड़ी हार-जीत के लिए मानसिक दबाव के बीच प्रदर्शन करते है। खिलाड़ियों को मानसिक दबाव से उबारने के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण मनोवैज्ञानिक का सहारा ले रहा है।
भारतीय खेल प्राधिकरण (Sports Authority of India), क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ में एनसीओई लखनऊ के महिला खिलाड़ियों (women players) विशेषकर भारोत्तोलको (weightlifters) को टूर्नामेंट के दौरान पड़ने वाले मानसिक दबाव से उबरने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से सेंटर में मनोवैज्ञानिक (Psychological) प्रेरक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में केंद्र के 60 से अधिक महिला खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया जिन्हें वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक (psychologist) डॉ अंजुमन बैन्स ने टिप्स दिए। वहीं खिलाड़ियों ने भी अपनी समस्याएं (mental pressure) उन्हें बतायी और डॉ अंजुमन बैन्स ने उन समस्याओं के निराकरण के लिए सहज व सरल उपाय बताए। खिलाड़ियों ने उनके सुझाव की सराहना करते हुए भरोसा जताया कि ये हमारे खेल संबंधी मनोबल को बढ़ाने में काफी सहायक सिद्ध होगा।
डॉ अंजुमन बैन्स वर्तमान में वरिष्ठ भारोत्तोलकों को मनोवैज्ञानिक सहायता (psychological support) दे रही है। साई लखनऊ के कार्यकारी निदेशक संजय सारस्वत ने बताया कि प्रशिक्षकों ने ऐसी संगोष्ठी निश्चित समय के अंतराल पर कराने का अनुरोध किया गया जिसका अनुमोदन मुख्यालय से कराने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके साथ भविष्य में मनौवैज्ञानिक सहायता (Psychological fitness) के लिए शीघ्र नियमित व्यवस्था व प्रशिक्षुओं को व्यक्तिगत रूप से भी मनोचिकित्सकीय सहायता (psychological assistance) दिलाने की कार्यवाही की जा रही है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 73470
सौंदर्या राय March 09 2023 0 78641
सौंदर्या राय March 03 2023 0 76662
admin January 04 2023 0 76491
सौंदर्या राय December 27 2022 0 67539
सौंदर्या राय December 08 2022 0 56887
आयशा खातून December 05 2022 0 108336
लेख विभाग November 15 2022 0 80587
श्वेता सिंह November 10 2022 0 85749
श्वेता सिंह November 07 2022 0 78578
लेख विभाग October 23 2022 0 63692
लेख विभाग October 24 2022 0 64799
लेख विभाग October 22 2022 0 71409
श्वेता सिंह October 15 2022 0 78129
श्वेता सिंह October 16 2022 0 73802
कुछ लोग तो बाहर से आने के बाद फ्रिज खोलते हैं, और चिल्ड वाटर पीकर खुश हो जाते हैं लेकिन ऐसा करना सेह
विशेषज्ञों ने बताया कि विषाणु, जीवाणु, फफून्दी और अन्य परजीवों में समय बीतने के साथ होने वाले बदलावो
हिमाचलप्रदेश में अभी तक कोई भी दवा परीक्षण प्रयोगशाला नहीं है जिसके चलते दवाओं के परीक्षण के लिए दूस
एम्स का निर्माण 1470 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। अस्पताल में 18 स्पेशिएलिटी और 17 सुपर स्पेशि
पाइल्स या बवासीर में खानपान के अलावा योग भी काफी असरदार होता है। अगर आप रोजाना यहां बताए जा रहे इन ख
प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ (WHO) ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर चाइल्डहुड कैंसर
इस विश्लेषणात्मक ढांचे में डब्ल्यूएचओ समर्थित 6 मातृ, शिशु और छोटे बच्चों के लिए पोषण लक्ष्य शामिल क
बायोलॉजिकल ई ने 5 से 12 साल तक के बच्चों के लिए तैयार कोरोना रोधी वैक्सीन कोर्बिवैक्स के आपात इस्तेम
RP2 नाम के ड्रग ने एक मरीज के ओरल कैंसर को पूरी तरह खत्म कर दिया। लंदन में रहने वाले इस शख्स का कहना
प्रयागराज के 40, गाजियाबाद 38, गोरखपुर 43, लखनऊ 57 और मेरठ के 41 समेत 219 केंद्रों पर यह परीक्षा सुब
COMMENTS