लखनऊ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल, संगठन के अध्यक्ष डॉ अमित सिंह एवं प्रधान महासचिव अशोक कुमार के नेतृत्व में डीजी स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ वेदव्रत सिंह से मुलाकात की। उनको चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के समस्त कार्मिकों की कठिनाइयों का निराकरण करने से संबंधित मांग पत्र भी सौंपा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महासंघ ने डीजी से मांग किया है कि प्रदेश में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी, उपचारिका, फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन, नेत्र परीक्षण एवं अन्य समस्त पैरामेडिकल (paramedicals) सोमवार को वर्ष 2022-23 की वार्षिक स्थानांतरण नीति (transfer policy) को आंशिक रूप से शिथिल किया जाए। समस्त संवर्ग के कर्मियों का स्थानांतरण (transfer) मात्र निजी अनुरोध, परस्पर निजी अनुरोध, प्रशासनिक आधार पर ही किए जाएं। कर्मचारियों को प्रोन्नति पर उनका समायोजन तैनाती जनपद में पद रिक्त होने की स्थिति में उसी जनपद में, अन्यथा की स्थिति में निकटवर्ती जनपद में समायोजित किया जाए।
महासंघ के महासचिव अशोक कुमार ने डीजी को बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नौ जून 2022 को प्रेषित आख्या को शासन में तैनात बाबुओं द्वारा आज संवेदनशील ढंग से संज्ञान में न लेकर हठधर्मिता की जा रही है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (Medical Health and Family Welfare Department) उत्तर प्रदेश में कार्यरत समस्त वर्गों के कार्मिकों की उचित मांगों को नजरअंदाज करते हुए मात्र किसी भी प्रकार से कार्मिकों के उत्पीड़न का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि यदि शासन चिकित्सा सेवा में कार्य समस्त वर्गों के कार्मिकों को विभाग सुविधाजनक स्थितियां उपलब्ध कराएगा तो जनहित में उनसे और बेहतर परिणामों की अपेक्षा रखी जा सकती है।
वर्तमान समय में देश में कोविड संक्रमित मरीजों (covid infected patients) की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसी स्थिति में यदि मानव संसाधन को अनावश्यक स्थानांतरण द्वारा विचलित किया गया तो जनहित में चिकित्सा कार्य व्यवस्था के छिन्न-भिन्न होने की आशंका है। उत्तर प्रदेश उपचारिका संवर्ग के कार्मिकों का जिसमें लगभग 90 फीसदी महिला कार्मिक ही है, उनको प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के कार्मिकों की भांति उनके गृह जनपद में नियुक्त एवं ऐच्छिक स्थानांतरण का आदेश निर्गत किए जाएं। यदि इसके लिए शासनादेश में संशोधन आवश्यक हो तो वह भी किया जाए, क्योंकि महिला कार्मिकों के मानवाधिकारों का संरक्षण का दायित्व भी शासन-प्रशासन का ही है।
यदि मांगों पर विचार कर तत्काल निर्णय नहीं लिया गया एवं लगातार उत्पीड़न का प्रयास किया गया तो चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सभी कार्मिक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे एवं इसका समस्त उत्तरदायित्व शासन प्रशासन का ही होगा।
वार्ता में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ सचिन वैश्य एवं चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित सिंह, डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के महामंत्री उमेश मिश्रा, डिप्लोमा फार्मेसिस्ट राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन उप्र के अध्यक्ष जेके सचान, महामंत्री अरविंद कुमार वर्मा, चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के लखनऊ के अध्यक्ष कपिल वर्मा, लैब टेक्नीशियन संघ के सचिव कमल श्रीवास्तव, एक्सरे टेक्नीशियन संघ के अध्यक्ष राम मनोहर कुशवाहा, मंत्री दिलीप यादव, सर्वेश पाटिल सचिव महासंघ, कोषाध्यक्ष सुनील कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रवण सचान, अरुण अवस्थी जिला अध्यक्ष डीपीए लखनऊ, इलेक्ट्रॉनिक कार्डियोग्राम के प्रदेश अध्यक्ष कुसुमाकर पांडेय, संजय रावत मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन स्वास्थ्य भवन, चतुर्थ श्रेणी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य के प्रांतीय अध्यक्ष महेंद्र पांडे भी मौजूद रहे।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77091
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS