लखनऊ। प्रदेश के सभी अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता पर पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब हर सरकारी अस्पताल में उपलब्ध दवाओं की सूची लगाई जाएगी। जो दवाएं अनुपलब्ध होंगी, उसकी जानकारी भी दी जाएगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि चिकित्सक अस्पताल के बाहर की दवाएं नहीं लिखें।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) एवं उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में निरीक्षण के दौरान दवाएं उपलब्ध नहीं होने की जानकारी मिली थी। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए उच्चाधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को निर्देश दिए हैं।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने यह भी कहा था कि सरकारी अस्पतालों (government hospitals) में कौन सी दवाएं हैं और कौन सी नहीं हैं। इस संबंध में भी जानकारी दी जाए। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। अपर मुख्य सचिव ने महानिदेशक को पत्र भेजकर व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि कुछ सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक अभी भी दवाओं के जेनेरिक (generic) नाम नहीं लिख रहे हैं। ऐसे चिकित्सकों को चिह्नित किया जाए। यह सुनिश्चित भी किया जाए कि चिकित्सक अस्पताल के बाहर की दवाएं नहीं लिखें। जन औषधि केंद्रों ( Jan Aushadhi Kendra) को भी सक्रिय कर दवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
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