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गोरखपुर में एकीकृत टीबी अस्पताल की ज़रुरत, वर्तमान टीबी अस्पताल बन सकता है एपेक्स सेंटर

गोरखपुर में करीब 33 हजार से अधिक टीबी के नए मरीज मिले हैं। इनमें से करीब 50 फीसदी मरीजों का इलाज निजी चिकित्सकों के पास चल रहा है। बचे 50 फीसदी मरीज बीआरडी से लेकर पीएचसी तक में पंजीकृत हैं। टीबी मरीजों की जांच व इलाज के लिए कोई एकीकृत केंद्र नहीं है।

आनंद सिंह
March 25 2022 Updated: March 25 2022 14:22
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गोरखपुर में एकीकृत टीबी अस्पताल की ज़रुरत, वर्तमान टीबी अस्पताल बन सकता है एपेक्स सेंटर गोरखपुर का टीबी अस्पताल

गोरखपुर। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो गोरखपुर में क्षय रोग यानी टीबी के इलाज के लिए गोरखपुर में टीबी ट्रीटमेंट का एपेक्स सेंटर भी खुल सकता है। इस सेंटर में सिर्फ टीबी के ही मरीजों का इलाज होगा। टीबी मरीजों की सभी प्रकार की जांचें होंगी। वह भर्ती हो सकेंगे। टीबी इलाज से जुड़े डॉक्टर व कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी मिलेगी। इसको लेकर जल्द ही टीबी अस्पताल प्रबंधन शासन को प्रस्ताव दे सकता है।

आपको बताते चलें कि पूर्वांचल के इलाके में टीबी के मरीजों की संख्या बहुतायत है। पिछले चार साल में सिर्फ गोरखपुर में करीब 33 हजार से अधिक टीबी के नए मरीज मिले हैं। इनमें से करीब 50 फीसदी मरीजों का इलाज निजी चिकित्सकों के पास चल रहा है। बचे 50 फीसदी मरीज बीआरडी से लेकर पीएचसी तक में पंजीकृत हैं। टीबी मरीजों की जांच व इलाज के लिए कोई एकीकृत केंद्र नहीं है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट विभाग में कुछ मरीज भर्ती होते हैं। इसको देखते हुए टीबी अस्पताल प्रबंधन ने प्रस्ताव तैयार किया है। 

प्रबंधन एयरपोर्ट स्थित 100 बेड वाले टीबी अस्पताल को टीबी मरीजों के लिए डेडीकेटेड एपेक्स सेंटर बनाना चाहता है। इस सेंटर के संचालन के लिए अधिकांश सुविधाएं अस्पताल में मौजूद हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा मौजूद है। 20 वेंटिलेटर व 18 बाइपेप मशीन मौजूद हैं। टीबी अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ एएन त्रिगुण ने बताया कि टीबी अस्पताल में 100 बेड है। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा है। अस्पताल में वेंटिलेटर व वायपैप के साथ ही डॉक्टर पर्याप्त है। कर्मचारी तैनात हैं। टीबी के जांच की सभी आवश्यक सुविधाएं हैं। 

उन्होंने बताया कि टीबी के इलाज के लिए एकीकृत अस्पताल मंडल में एक भी नहीं है। जिला अस्पताल से सटे टीबी अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं होते हैं। ऐसे में टीबी मरीजों के लिए यह सेंटर उपयोगी हो सकता है। इस अस्पताल में गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ व देवीपाटन मंडल के डॉक्टर व कर्मचारियों को टीबी की ट्रेनिंग भी दी जाती है। 

जिले में चार साल में सरकारी व निजी चिकित्सकों के यहां पर मिले है मरीज
वर्ष             सरकारी डॉक्टर                निजी डॉक्टर                              कुल
2019          6971                           4502                                    11473
2020          4704                           3954                                      8658
2021          6552                           4742                                    11294
2022         1079                              747                                      1826

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